प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर आज देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि ‘विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर शुभकामनाएं। अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’ पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार न केवल उपभोक्ता संरक्षण बल्कि उपभोक्ता समृद्धि पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
Greetings on World Consumer Rights Day. The consumer plays an important role in the economy.
Government of India is not only focussing on consumer protection but also consumer prosperity. pic.twitter.com/avsAEhtowZ
— Narendra Modi (@narendramodi) March 15, 2018
उपभोक्ता के विभिन्न हितों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाया जाता है, वहीं हर साल 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस भी मनाया जाता है। इस साल का विषय डिजिटल मार्केटप्लेस फेयर बनाना है।
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का मुख्य उद्देश्य उभोक्ताओं या ग्राहकों को उनके हितों के लिए बनाए गए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और उसके अंतर्गत आने वाले कानूनों की जानकारी देना है। बाजार में होने वाली ग्राहक जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावटी सामग्री का वितरण, अधिक दाम वसूलना, बिना मानक वस्तुओं की बिक्री, ठगी, नाप-तौप में अनियमितता, ग्यारंटी के बाद सर्विस प्रदान नहीं करने के अलावा ग्राहकों के प्रति होने वाले अपराधों को देखते हुए इस दिन जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
पहली बार इसकी शुरुआत अमेरिका में रल्प नाडेर ने की थी, जिसके बाद 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी द्वारा उपभोक्ता संरक्षण पर पेश किए गए विधेयक पर अनुमोदन दिया। इस विधेयक में चार विशेष प्रावधान थे जिसमें – उपभोक्ता सुरक्षा के अधिकार, सूचना प्राप्त करने का अधिकार, चु उपभोक्ता को चुनाव करने का अधिकार और सुवनाई का अधिकार शामिल था। बाद में इसमें 4 और अधिकारों को जोड़ा गया।
अमेरिका के बाद भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत सन 1966 में मुंबई से हुई थी। सन 1974 में पुणे में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद अनेक राज्यों में उपभोक्ता कल्याण हेतु संस्थाओं का गठन किया गया और यह आंदोलन बढ़ता गया। 9 दिसंबर 1986 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पहल पर उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पारित किया गया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद देशभर में लागू हुआ। इसके बाद 24 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।