पीएम मोदी आज गुजरात दौरे पर हैं. उन्होंने बनासकांठा में कहा कि मैं इस मिट्टी में पैदा हुआ हूं. मैं पीएम के रूप में नहीं संतान के रूप में आया हूं. 25 साल बाद किसी पीएम का बनासकांठा दौरा हो रहा है. देश को बनासकांठा के बारे में पता चलना चाहिए. यहां के किसानों के काम का पता चलना चाहिए. यहां का किसान मिट्टी खोदकर सोना बना देता है. किसानों ने ही बनास की सूखी धरती को सोने में तब्दील कर दिया!
पीएम ने नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा- पूरे देश में इस बात की चर्चा चल रही है कि नोटों को क्या होगा. आप बताएं कि 8 नवंबर से पहले 100 के नोट की कोई कीमत थी क्या.100, 50 और 20 के नोट को कोई पूछता भी नहीं था. या यूं कहें ‘छोटों’ को कोई पूछता नहीं था. सब 1000 और 500 की बात करते थे. 8 नवंबर के बाद गरीबों की पूछ बढ़ी. मैंने गरीब की ताकत बढ़ाने के लिए ये काम किया. देश बड़े नोटों के नीचे दबने लगा था. नोटबंदी से छोटे नोटों की ताकत ही नहीं, गरीबों की ताकत भी बढ़ी है!
पीएम मोदी के भाषण के मुख्य अंश
- बनासकांठा में दूध दही की नदियां बहती हैं
- मरुभूमि में किसान ने अनाज उगाकर दिखाया
- यहां के किसानों ने रेगिस्तान को सोना बनाया
- किसानों ने अपना ही नहीं आने वाली पीढ़ियों का भी भाग्य बदला
- बनासकाठा को बचाने के लिए पानी को बचाना होगा
- जब मैं मुख्यमंत्री बना था तो लोगों ने कहा था कि सरपंच का चुनाव भी नहीं लड़ा
- आज मेरा काम दुनिया के सामने है
- बनासकांठा में माताओं की मेहनत से श्वेतक्रांति
- पहले लोग कच्छ और बनासकांठा से पलायन कर जाते थे
- श्वेत क्रांति के बाद स्वीट क्रांति ला सकते हैं
- बनासकांठा के किसान अब स्वीट क्रांति लाएंगे
- गुजरात के डेयरी उद्योग का देश-दुनिया में नाम है
- पशुसेवा और श्वेत क्रांति लाएं किसान
- मधुमक्खी पालन का फायदा किसानों को मिलेगा
- 8 नवंबर से पहले बड़े-बड़ों की पूछ थी
- छोटे नोटों की कोई पूछ नहीं थी
- छोटे नोट की ताकत बढ़ी है. गरीब लोगों की ताकत बढ़ी है
- गरीबों के लिए यह बहुत बड़ा फैसला
- देश बड़े नोटों के ढेर के नीचे दबने लगा था
- कच्चा-पक्का का खेल पक्का हो गया है
- जाली नोटों का कारोबार बंद हुआ
- जाली नोट के कारोबारी नोट बहा रहे हैं
- 70 साल तक ईमानदार लोगों को लूटा
- नोटबंदी पर लोगों के समर्थन के लिए शुक्रिया
- जानता हूं नोटबंदी से लोगों को दिक्कत हुई है
- 50 दिन के बाद कष्ट कम होगा
- नोटबंदी के बाद पाप करने वाले नहीं बचेंगे
- अब आपका बटुआ आपके मोबाइल में
- नोटों के पहाड़ अर्थतंत्र को नोच रहे हैं
- अब बैंक और बटुआ आपके मोबाइल में