प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी कांग्रेस के ज्वाइंट सेशन को संबोधित करने के लिए वाशिंगटन स्थित कैपिटॉल हिल पहुंचे। यहां पर अपने 30 मिनट के भाषण में उन्होंने भारत के पड़ोस में पनपते आतंकवाद का जिक्र किया तो वहीं अफगानिस्तान में भारत के योगदान की भी चर्चा की।
पाक का नाम लेने में कोई हिचक नहीं
पीएम मोदी अपने पहले एड्रेस में आतंकवाद को पाकिस्तान से जोड़ने पर जरा भी नहीं हिचके। उन्होंने साफ-साफ कहा कि पाकिस्तान में उसी आतंकवाद को बढ़ावा मिला है जिसकी छाया आज पूरी दुनिया में फैल चुकी है।
स्पीकर ने किया स्वागत
स्पीकर पॉल रयॉन ने पीएम मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी छठवें ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्हें यह मौका मिला है।
पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेई और मनमोहन सिंह इससे पहले अमेरिकी कांग्रेस के ज्वाइंट सेशन को संबोधित कर चुके हैं।
सदन में हुआ जोरदार स्वागत
अमेरिका के वाइस प्रेसीडेंट जो बाइडेन पीएम मोदी के एड्रेस के दौरान मौजूद थे। अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने तालियों के साथ पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया।
कांग्रेसनल एस्कॉर्ट कमेटी के मेंबर्स के सुरक्षा घेरे में पीएम मोदी हाउस तक पहुंचे थे। उनका परिचय कराते हुए स्पीकर पॉल रयॉन ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि वह भारत के पीएम को इस सदन तक लेकर आए।
एक नजर डालिए पीएम मोदी ने यूएस कांग्रेस के अपने पहले ज्वाइंट एड्रेस में क्या कहा।
गांधी से लेकर मार्टिन लूथर किंग का जिक्र
मुझे इस ज्वाइंट सेशन को संबोधित करते हुए काफी गर्व की अनुभूति हो रही है। लोकतंत्र के इस मंदिर ने दुनिया के दूसरे लोकतंत्रों को एक नई प्रेरणा दी है। मुझे यहां पर बोलने का मौका देकर आपने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और इसके 1.25 बिलियन लोगों को सम्मान प्रदान किया है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए मुझे यहां पर बोलते हुए काफी सम्मान की अनुभूति हो रही है। मैंने अपने अमेरिकी दौरे की शुरुआत आर्लिंगटन जाकर उन शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ की जिन्होंने देश की सुरक्षा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। भारत उन सभी वीरों को सलाम करता है जिन्होंने मानवता और देश की रक्षा में अपने प्राण त्याग दिए हैं।
बहुत से लोगों को जिन्हें एक आजाद देश के तौर पर भारत पर शक था, भारत ने लोकतंत्र में अपना भरोसा जताकर उनको गलत साबित किया है। आज भारत एक होकर जश्न मनाता है और एक साथ होकर तरक्की कर रहा है। महात्मा गांधी के अहिंसा के संदेश ने मार्टिन लूथर किंग को प्रभावित किया। भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने एक सदी पहले जो तीन वर्ष कोलंबिया यूनिवर्सिटी में बिताए, उन वर्षों ने उन्हें एक नई दिशा दी।
क्यों वाजपेई ने कहा था अमेरिका को स्वाभाविक साझीदार
कोई आश्चर्य नहीं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत और अमेरिका को स्वाभाविक साझीदार कहा था। मुंबई हमलों के वक्त यूस कांग्रेस ने जिस तरह भारत के साथ एकता दिखाई थी उसे भारत कभी नहीं भूल पाएगा। आपने बाधाओं को समझौते के पुल में बदलने में हमारी मदद की। भारत-अमेरिका के रक्षा संबंधों में बहुत मजबूती आई है।
ओबामा ने सही कहा कि हमारी दोस्ती 21वी सदी बदलेगी। मुंबई हमले के बाद अमेरिका का साथ हम नहीं भुला सकते। परमाणु समझौते से दोनों देशों के रिश्ते की नई शुरुआत।
योगा और भारतीय प्रतिभा
अमेरिका में रह रहे भारतीयों ने यहां की तरक्की में भारी योगदान दिया है। आज वह आपकी कंपनियों के सीईओ हैं, डॉक्टर हैं, इंजीनियर हैं। यहां तक कि वह पिछले कई वर्षों से स्पेलिंग बी जैसे कॉम्पटीशन के विनर भी हैं। भारत में बसे भारतीय-अमेरिकियों ने दोनों देशों को जोड़ने का काम किया है। सीरी की मानें तो आज अमेरिका में 30 मिलियन लोग योगा का अभ्यास करते हैं। इसके बावजदू भारत ने योगा पर अपना कोई हक नहीं जाहिर किया है। भारत वह देश है जहां पर आप व्यापार को आगे बढ़ा सकते हैं। यहां पर 800 मिलियन युवा हैं जो आपको आगे बढ़ने का मौका देंगे। भारत के साथ सिर्फ मिलिट्री नहीं व्यापारिक साझेदारी भी अमेरिका को आगे ले जाएगी।
आतंकवाद, भारत और अमेरिका
आज न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया आतंकवाद से पीड़ित है। आज आतंकवाद को कई नाम दे दिए गए हैं लेकिन इनका सिद्धांत और चेहरा एक ही है। यह दुनिया में सिर्फ नफरत और हिंसा को बढ़ावा देना चाहते हैं। आज आतंक की छाया दुनिया में फैल रही है लेकिन भारत के पड़ोस में इसे बढ़ावा मिला है। अमेरिकी कांग्रेस को आज उन सभी को एक कड़ा संदेश देने की जरूरत है जो आतंकवाद के नाम पर राजनीतिक फायदा उठाने की ताक में रहते हैं।
आतंकवाद को समर्थन देने वालों को पुरस्कार देना बंद करिए। मानवता को एक सुर में आवाज उठाकर आतंकवाद की आवाज को दबाना होगा। भारत हिंद महासागर में भअपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। समुद्री व्यापार की सुरक्षा और साइबर सिक्योरिटी में दोनों देश सहयोग कर रहे हैं। मजबूत भारत रणनीति लिहाज से अमेरिका की जरूरत है। दोनों ही देश अपने नागरिकों को आतंकवाद से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।