rojgaar badhane ke liye narendra modi sarkar ka bada faisla

रोजगार बढ़ाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का बड़ा फैसला, कर्मचारियों को होगा फायदा

वर्तमान में नरेंद्र मोदी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी की है। रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष से लेकर अर्थशास्त्री तक केंद्र सरकार को घेर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने श्रम कानून में बड़ा बदलाव किया है। नियमों में बदलाव कर सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट जॉब को प्रमोट करना शुरू किया है। अब तक सरकार का ध्यान जॉब सिक्योरिटी पर केंद्रित था। लेकिन, नए नियम के तहत सरकार ने ज्यादा ध्यान जॉब क्रिएशन पर दिया है। कर्मचारियों को हायर करने को लेकर कंपनियों के ज्यादा अधिकार सुनिश्चित किए गए हैं। सरकार को उम्मीद है कि ऐसा करने से बड़े स्तर पर रोजगार का सृजन होगा साथ ही ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के मामले में भारत की स्थिति और बेहतर होगी।

केंद्र सरकार ने रोजगार अधिनियम, 1946 में बदलाव

केंद्र सरकार ने रोजगार अधिनियम, 1946 में बदलाव किया है। यह अधिसूचना 16 मार्च से प्रभावी हो चुकी है। अधिसूचना के तहत सरकार ने निश्चित अवधि की नियुक्तियों (कॉन्ट्रैक्ट जॉब) की सुविधा सभी क्षेत्रों के लिए उपलब्ध करवा दी है। पहले यह सुविधा केवल गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए उपलब्ध थी। सरकार ने यह कदम किसी विशेष प्रोजेक्ट को पूरा करने करने के लिए कंपनियों द्वारा बहाली को आसान बनाने के लिए उठाया है। श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार, आदेश को संशोधित करने के लिए ‘गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में निश्चित अवधि के लिए नियुक्ति’ को ‘निश्चित अवधि के लिए नियुक्ति’ से बदला गया है। इसका मतलब है कि अब यह सुविधा केवल गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि सभी क्षेत्रों के लिए उपलब्ध है।

स्थाई कर्मचारियों के हितों की रक्षा के चलते उठाया कदम

स्थाई कर्मचारियों के हितों की रक्षा की दिशा में उठाए गए सरकार का यह बड़ा कदम है। श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक निश्चित अवधि के रोजगार (कॉन्ट्रैक्ट जॉब) पर नियुक्त कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, काम के घंटे किसी भी सूरत में स्थाई कर्मचारियों से कम नहीं हो सकती है। लेकिन, उनकी नियुक्ति एक निश्चित अवधि के लिए होगी जिसके बाद यदि सेवा पुनर्स्थापित नहीं की जाती है तो नियुक्ति अपने-आप खत्म हो जाएगी और कर्मचारी किसी तरह के नोटिस या मुआवजे की मांग नहीं कर सकते हैं।

बजट भाषण में वित्तमंत्री ने की थी घोषणा

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले महीने बजट भाषण में कहा था कि यह सुविधा सभी क्षेत्रों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इस सुविधा के तहत बहाल किए गए उम्मीदवार को हर वह सुविधा मिलती है जो विभिन्न श्रम कानूनों के तहत नियमित कर्मचारियों को दी जाती है। आदेश के संशोधन में कहा गया है कि अस्थायी या बदली कामगारों के मामले में नौकरी से निकाले जाने की पूर्वसूचना दिया जाना अनिवार्य नहीं होगा। इस तरह से बहाल किए गए वैसे कर्मचारी जिन्होंने तीन महीने से अधिक काम किया हुआ है उन्हें दो सप्ताह का नोटिस दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

Prabhat Sharma
By Prabhat Sharma , March 21, 2018

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