प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पड़ोसी देश नेपाल में 2 दिवसीय बिम्सटेक बैठक के आखिरी दिन काठमांडू में पशुपतिनाथ धर्मशाला का उद्घाटन किया। उद्घाटन कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया और भारत-नेपाल संबंधों पर भी चर्चा की।
वाजपेयी को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटल जी के निधन के समय नेपाल दुख की उस घड़ी में भारत के साथ खड़ा था। उन्होंने कहा कि अटल जी के निधन के बाद नेपाल के पीएम ओली ने उन्हें फोन कर दुख जताया था। साथ ही उन्होंने नेपाल सरकार और पीएम ओली को अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का नेपाली भाषा में अनुवाद करने के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम के लिए यह सच्ची श्रद्धाजंलि है।
I thank PM Oli ji and Nepal Government for this touching gesture of translating Atal ji’s poems into Nepali language, its a fitting tribute: PM Narendra Modi in Kathmandu pic.twitter.com/WaHbLWIPyY
— ANI (@ANI) August 31, 2018
भारत-नेपाल के संबंधों के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच आस्था, अस्मिता और अपनेपन की साझेदारी है। साथ ही इसे उन्होंने एक अटूट शक्ति बताया। उन्होंने कहा कि जब हम ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात करते हैं तो उसमें नेपाल भी शामिल होता है।
Sabka sath sabka vikas ki baat jab hum karte hain toh usme humare Nepali bhai bhi shamil hain: PM Narendra Modi in Kathmandu pic.twitter.com/inyXqOMCRE
— ANI (@ANI) August 31, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पशुपतिनाथ धर्मशाला को विश्वभर के यात्रियों और शिवभक्तों को समर्पित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के बीच शिव भक्ति और शिव भक्तों का संबंध इतना मजबूत है कि इस पर ना समय का ना ही दूरी का असर पड़ता है। आगे पीएम मोदी ने कहा कि काठमांडू की पवित्र धरती हिन्दू और बौद्ध आस्था की एक प्रकार से संगम स्थली है। नेपाल के लुम्बिनी ने गौतम (बुद्ध) दिया तो भारत के बोधगया में बौद्ध धर्म का जन्म हुआ।