भारत ने पहली बार अपना खुद का जीपीएस सिस्टम स्थापित करने में सफलता प्राप्त कर ली है। इसरो ने सफलतापूर्वक जीपीएस सैटेलाइट को लांच कर दिया है। इस जीपीएस सिस्टम को इसरो ने लॉच किया जिसे नाविक नाम दिया गया है। यह मिशन मंगलवार को शुरु किया गया था। इसे दोपहर बारह बजे श्रीहरिकोटा से लांच किया गया था।
इस जीपीएस सैटेलाइट के लांच होने के बाद अप आपको गूगल के जीपीएस सिस्टम में निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यह भारत का पहला जीपीएस नेविगेशन सिस्टम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सैटेलाइट के सफलतापूर्वक लांच होने के बाद वैज्ञानिकों को दिल से शुक्रिया अदा किया और देश को और नये वाविष्कार के जरिए आगे बढ़ाने के लिए काम करते रहने को कहा।
पीएम मोदी के संदेश के मुख्य अंश
- मेक इन इंडिया और मेड इन इंडिया के सपने को भारतीय वैज्ञानिकों ने साकार कर दिखाया है, मैं उनका बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।
- नाविक का इस्तेमाल ट्रेन में सफर करते समय, कार से सफर करते समय बड़ी आसानी से किया जा सकेगा।
- नाविक हमें रास्ता दिखायेगा, नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम जोकि नेविगेशन विद इंडियन कॉस्टिलेशन (NAVIC) के नाम से यह जाना जाएगा।
- यह जीपीएस सिस्टम नाविक नाम से जाना जाएगा। हम व्यवस्था साहसी नाविकों को समर्पित किया जा रहा है। यह हमारा अपना नाविक होगा।
- सदियों पहले हमारे नाविक चंद्र सितारों की मदद से समुद्र में उतरते थे। लेकिन अब विज्ञान की मदद से इस तकनीक की मदद से नाविक समुद्र में उतर सकते हैं।
- अगर सार्क देश चाहे तो वो भी भारत की इस जीपीएस की सेवा ले सकते हैं।
- इसकी क्षमता इतनी है कि यह भारत के अलावा 1500 स्क्वायर किलोमीटर की दूरी में भी यह अपनी सेवा दे सकता है।
- मंजिल का पक्का एड्रेस तय किया जाएगा।
- अब हमारे विमानों को अगर लैंड करना है तो अपनी व्यवस्था से सटीकता से लैंड किया जा सकता है।
- प्राकृतिक आपदा के समय मदद पहुंचाने के लिए अपनी जीपीएस सिस्टम मदद करेगा।