भारत ने पिछली 12 मई को ही न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप यानी एनएसजी की मेंबरशिप के लिए अप्लाई कर दिया है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को इस समूह में एंट्री दिलाने के लिए बड़ी जिम्मेदारी ली है।
नौ और 10 जून को है एनएसजी की मीटिंग
नौ और 10 जून को एनएसजी की मीटिंग होने वाली है। सूत्रों की मानें तो इस मीटिंग में भारत की मेंबरशिप पर चर्चा हो सकती है। ऐसे में एनएसजी की यह मीटिंग भारत के लिए काफी अहम है। आपको बता दें कि पाकिस्तान ने भी मेंबरशिप के लिए अप्लाई किया है।
पीएम मोदी ने तैयार की खास
रणनीति पीएम मोदी अगले कुछ दिनों में अमेरिका समेत अफगानिस्तान, कतर, मैक्सिको और स्विटजरलैंड की यात्रा पर रवाना होने वाले हैं। माना जा रहा है कि अपनी यात्रा के दौरान भारत की एनएसजी मेंबरशिप के लिए पीएम मोदी ने खासी रणनीतियां बनाई है।
इन सभी देशों को भारत की एनएसजी मेंबरशिप पर कुछ आपत्ति है। पीएम मोदी छह जून का स्विटजरलैंड और नौ जून को मैक्सिको में होंगे।
पाक को क्यों है एतराज
- पाकिस्तान का कहना है कि इससे परमाणु हथियारों की होड़ बढे़गी। एनएसजी की सदस्यता मिलने से भारत के लिए न्यूक्लिर एनर्जी के लिए एडवांस्ड टेक्निक हासिल करने की ओर बढ़ जाएगा।
- एनएसजी मेंबर्स के देशों का इन टक्निक के ट्रांसफर पर कंट्रोल रहता है।
- गौरतलब है कि भारत की मेंबरशिप के लिए चीन और पाकिस्तान की ओर से कड़ा विरोध किया था।
- पिछले दिनों अमेरिका ने भी पाक को लगातार भारत के विरोध पर कड़ी फटकार लगाई थी।