प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही अपने मन की बात देशवासियों से करते हों मगर देश के नन्हे बहादुर अपने मन की बात सिर्फ उन्हीं को बताना चाहते हैं। कोई बेटियों की सुरक्षा की अपील तो कोई गांव में पेयजल मुहैया कराने की मांग करना चाहता है।
लड़कियों की स्थिति बेहतर नहीं
छत्तीसगढ़ की लक्ष्मी यादव (16) 2 अगस्त 2016 को अपने मित्र के साथ गणेश नगर मार्ग पर खड़े होकर बातचीत कर रही थीं। तभी तीन बदमाश आए और दिनदहाड़े लक्ष्मी को जबरन बाइक पर बैठाकर यौन शोषण के इरादे से सुनसान जगह पर ले गए।
इस भयावह स्थिति में भी लक्ष्मी ने धैर्य नहीं खोया। उन्होंने चतुराई से बदमाशों की बाइक की चाबी निकाली और किसी तरह उनके चंगुल से भाग निकली। जब बदमाशों ने उसे पकड़ने का प्रयास किया तो लक्ष्मी ने उन्हें धक्का दे दिया।
लक्ष्मी कहती हैं कि 24 तारीख को पीएम नरेंद्र मोदी अंकल को बताऊंगी कि हमारे समाज में लड़कियां आज भी सुरक्षित नहीं हैं। इस दिशा में वह अवश्य कुछ करें। गुजरात की समृद्धि (16) और आगरा की नाजिया (18) ने भी कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान अच्छा है, लेकिन बेटियों को सुरक्षित जीवन देना भी उतना ही जरूरी है।
सब्जी बेचकर करते हैं परिवार का पालन, चिंता फिर भी गांव की
टिहरी गढ़वाल निवासी 12वीं के छात्र पंकज सेमवाल (16) के पिता नहीं हैं। परिवार का भरण पोषण करने के लिए पंकज शाम के समय सब्जी बेचते हैं। इन कठिन परिस्थितियों के बावजूद पंकज का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को गांव की समस्याएं बताऊंगा और निदान की मांग करूंगा।
गांव में पीने का पानी नहीं, सड़कें भी हैं टूटी
ओडिशा के 14 वर्षीय पंकज कुमार महंत कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बताऊंगा कि हमारे गांव में पीने का पानी नहीं है। सड़कें टूटी पड़ी हैं। अगर पीएम सर मदद करेंगे तो सभी को सुविधा हो जाएगी। पंकज बड़े होकर पुलिस में भर्ती होना चाहते हैं। कहते हैं कि हमारे गांव में झगड़े बहुत होते हैं। पुलिस अफसर बनकर इन झगड़ों को कम करूंगा।