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कॉमनवेल्थ शिखर सम्मेलन में नेहरू के बाद मोदी की वर्ल्ड लीडर की छवि भुनाने की तैयारी में ब्रिटेन

लंदन में 16 से 20 अप्रैल तक कॉमनवेल्थ देशों का शिखर सम्मेलन होना है। ब्रिटेन इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्ल्ड लीडर वाली छवि भुनाने की तैयार में है। आयोजकों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया में लोकप्रिय छवि और ‘लिविंग ब्रिज’ बनाने की नीति इस फोरम को मजबूत अंतरराष्ट्रीय मंच में बदल सकती है। ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधियों को लगता है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू की जो अंतरराष्ट्रीय छवि थी, वही करिश्माई व्यक्तित्व नरेंद्र मोदी के पास है। कॉमनवेल्थ और यूएन के लिए राज्यमंत्री लॉर्ड अहमद ने भी कहा कि इस शिखर सम्मेलन की कामयाबी में भारत और खासतौर पर मोदी की अहम भूमिका होगी।

नेहरू अड़े तब हटा ‘ब्रिटिश’ शब्द

सन 1920 के दशक में यह 6 ‘गोरे देशों’ का समूह था। नाम रखा गया ब्रिटिश कॉमनवेल्थ। सन 1948 में जवाहर लाल नेहरू ने कहा कि इसकी ताकत के लिए यह पूरी तरह स्वतंत्र समूह होना चाहिए। इसके बाद बाद ही ‘ब्रिटिश’ शब्द को निरर्थक मानते हुए इसे हटाया गया।

भारत पैसों के मामले में चौथा सबसे बड़ा योगदान

भारत कॉमनवेल्थ के बजट में चौथा सबसे ज्यादा योगदान देने वाला देश है। समूह का सबसे बड़ा सदस्य देश भी है। हालांकि, भारत ने सिर्फ एक बार सन 1983 में इसकी मेजबानी की थी। तब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसकी अगुआ की थीं।

27% आबादी भारत-ब्रिटेन के बीच एक ‘लिविंग ब्रिज’

लंदन के डिप्टी मेयर राजेश अग्रवाल के मुताबिक, “ब्रिटेन और खासकर लंदन की कारोबारी गतिविधियों में भारतीयों की भूमिका अहम है। यहां की आबादी में 27% भारतीय हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें भारत और ब्रिटेन के बीच ‘लिविंग ब्रिज’ मानते हैं।”

10 करोड़ से 25 करोड़ पाउंड पहुंचा कारोबार

फॉरेन कॉमनवेल्थ डिपार्टमेंट में एशिया पेसिफिक मामलों के मंत्री मार्क फील्ड ने बताया, “समिट में समुद्री व्यापार, साइबर सिक्योरिटी, प्लास्टिक से जुड़े मुद्दों पर जोर रहेगा। इन क्षेत्रों में भारत से कारोबार 5 साल में 10 करोड़ पाउंड से बढ़कर 25 करोड़ पाउंड पहुंच गया है।” मार्क फील्ड ने बताया, “कॉमनवेल्थ परिवार में भारत की केंद्रीय भूमिका है। इससे जुड़े देशों की सरकारी शैली, उनकी लोकतांत्रिक व्यवस्था, प्रशासन, कामकाज की भाषा कमोबेश एक है। इसका फायदा इस मंच में नए जोश भरने के लिए उठाया जा सकता है।”

‘साइक्लोन पाम’ ने दिया ब्रिटेन को मौका

२५वां शिखर सम्मेलन साल 2017 के अंत में छोटे से देश वनातु में होना था। मगर वहां चक्रवात ‘पाम’ ने भारी नुकसान कर दिया। इसके बाद इसे ब्रिटेन शिफ्ट किया गया। यह आयोजन लंदन में ‘बकिंघम पैलेस’ और विंडसर में ‘विंडसर कैसल’ में होगा। ब्रिटेन साल 2020 तक इसकी अगुआई करेगा। इस बार इसकी थीम, ‘साझा भविष्य की ओर’ चार लक्ष्य तय: खुशहाली, सुरक्षा, निष्पक्षता, निरंतरता है।

mridul kesharwani
By mridul kesharwani , March 29, 2018

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