प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (30 अप्रैल) नई दिल्ली में बुद्ध जयंती समारोह का उद्धाटन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय इंटरनेशलन बुद्धिस्ट कन्फेडरेशन ( आईबीसी ) के साथ मिल किया जा रहा है। समारोह में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत जैसी विरासत की समृद्धि कहीं और देखने के नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि भारत से जितने भी धर्म निकले हैं सबके केंद्र में मानव कल्याण ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद हमारी धरोहर बची हुई है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की विचारधाराओं ने भावनाओं का अतिक्रमण नहीं किया। हम गर्व से ये बात कह सकते हैं कि हिंदुस्तान कभी भी आक्रांता नहीं रहा है। हमने कभी भी दूसरे की जमीन पर कब्जा नहीं किया है।
PM @narendramodi presents the Vaishakh Sammaan Prashasti Patra to the Central Institute of Higher Tibetan Studies, Sarnath; and the All India Bhikshu Sangha, Bodh Gaya at the inauguration of Buddha Jayanti Celebrations in New Delhi. pic.twitter.com/Mc9HwoNuRZ
— PIB India (@PIB_India) April 30, 2018
गुलामी के कालखंड के बाद अनेक वजहों से हमारे यहां अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का कार्य उस तरीके से नहीं हुआ, जैसे होना चाहिए था।
इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार अपनी सांस्कृतिक धरोहर और भगवान बुद्ध से जुड़ी स्मृतियों की रक्षा के लिए एक बृहद विजन पर भी काम कर रही है: PM— PMO India (@PMOIndia) April 30, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो दूसरों के कष्ट और वेदना को अपना लेता है वह सिद्धार्थ से बुद्ध बन जाता है। उन्होंने कहा कि सत्य और करुणा का बोध ही बुद्ध बनाता है और हमारे अंदर बुद्ध जगाता है। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म, वर्ण के आधार पर भेद करना बुद्ध का संदेश नहीं है, समानता के भाव को जीना ही बुद्ध को जीना है। उन्होंने कहा कि समय की मांग है संकट से विश्व को बचाना है तो बुद्ध का संदेश सबसे उपयुक्त है।
PM @narendramodi addressing at the inauguration of Buddha Jayanti Celebrations in New Delhi. pic.twitter.com/D2J2cTWSEe
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किसी भी जाति धर्म का हो उसे स्वीकारा गया.. कभी भी भेद भाव की कल्पना नहीं की…समता, समानता का भाव… बुद्ध विश्वभर के सर्वाधिक स्वीराय युक्त हो गए। इसलिए बाबा अंबेडकर भी बुद्ध की रास्ते पर चल पड़े। स्वंय को बदलना शुरू करो तुम भी बुद्ध बनना शुरू हो जाओगे। भीतर के युद्ध को जीतो.. तुम भी बुद्ध बनना शुरू हो जाओगे। स्वयं अपना प्रकाश अंदर खोजोगे को आप भी बुद्ध बनना शुरू हो जाओगे।
भगवान बुद्ध कहते थे कि किसी के दुख को देखकर दुखी होने से ज्यादा बेहतर है कि उस व्यक्ति को उसके दुख को दूर करने के लिए तैयार करो, उसे सशक्त करो।
मुझे प्रसन्नता हैं की हमारी सरकार करुणा और सेवाभाव के उसी रास्ते पर चल रही हैं जिस रास्ते को भगवान बुद्ध ने हमें दिखाया था: PM
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इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा देश में हर व्यक्ति को अवसर व संसाधन मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार करूणा और सेवा के रास्ते पर चल रही है जिसे बुद्ध ने दिखाया है। इस दौरान उन्होंने गरीबों और वंचितों के लिए शुरू की गई अपनी सरकार की योजनाओं को गिनाया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कठिनाइयां कैसे कम हों, हम उसे प्राथमिकता देंते हैं।
Buddhist Circuit के लिए सरकार 360 करोड़ रुपए से ज्यादा स्वीकृत कर चुकी है। इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और गुजरात में बौद्ध स्थलों का और विकास किया जा रहा है: PM
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ये हम सभी का सौभाग्य है कि 2500 वर्ष बाद भी भगवान बुद्ध की शिक्षाएं हमारे बीच हैं। निश्चित तौर पर हमारे पहले जो लोग थे, इसमें उनकी बड़ी भूमिका रही है। ये हमसे पहले वाली पीढ़ियों का योगदान था,कि आज हम बुद्ध पूर्णिमा पर इस तरह के कार्यक्रम कर पा रहे हैं: PM
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दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में हो रहे इस समारोह के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति पवित्र अवशेषों के दर्शन करेंगे, जिन्हें खासतौर से समारोह के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय से इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम लाया गया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में बुद्ध जयंती दिवस को राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाए जाने की घोषणा की थी।