बलूचिस्तान पाकिस्तान से अपनी आजादी की मांग कर रहा है. दरअसल बलूचिस्तान में लोगों पर हो रहे अत्याचार का मामला उठाने के बाद से ही पीएम मोदी बलूचिस्तान के चहेते बन गए हैं. पीएम मोदी की ओर से मुद्दा उठाने के बाद दूसरे देशों में शरण लिए बलूच नेताओं में जहां नया जोश आया है, वहीं इसका असर जमीन पर भी दिखने लगा है.
इस बीच, पाकिस्तान ने उन बलूच नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है, जिन्होंने बलूचिस्तान पर मोदी के बयान का स्वागत किया और उनसे दखल की मांग की. इस बीच लोगों का गुस्सा बलूचिस्तान में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाए गए सानाउल्लाह जेहरी के खिलाफ बढ़ रहा है, जिन्होंने बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती को ‘जमीन से कटा’ नेता करार दिया था.
वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तानी सेना की तरफ से हो रहे मानवाधिकार उल्लघंनों पर चिंता जताई है. भारत ने भी बलूचिस्तान के साथ-साथ पीओके और गिलगित, बल्तिस्तान में पाकिस्तान के अत्याचारों को दुनिया के मंच पर उठाने का फैसला किया है.