Dear All,
We are very existed that our Organization is doing what ever it takes to support Modiji. Whether it is campaigning on ground or social media, convincing other Party supporter to support Modiji or providing research input or any other information our team is doing its best. It this regard we communicated with Mr Amit Shah regarding booth capturing and we are glad based on our input he and Mr. Arun Jately sent letter to Election Commission.
The attached image is letter that we sent to Amit Shah
Below is extract from the letter sent my Mr Arun Jately to EC.
अरुण जेटली जी का चुनाव आयोग को पत्र-
देश में चुनाव आयोग ने पिछले कुछ वर्षों में प्रशंसनीय कार्य किया है. स्थिर एवं मज़बूत लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव अत्यंत आवश्यक है एवं चुनाव आयोग इस महती जिम्मेदारी को सराहनीय ढंग से निभा रहा है. पिछले चुनावों में आयोग ने उच्चे दर्जे के मापदंड स्थापित किये है एवं देश में चुनावों की विश्वसनीयता प्रमाणित हुई है.
पिछले दशक से चुनाव आयोग ने सराहनीय कार्य करते हुए मतदान केन्द्रों पर कब्ज़े की घटनाओं पर सफलता पूर्वक रोक लगाई है. आयोग की सख्ती एवं प्रयासों के कारण मतदान केन्द्रों पर कब्ज़ा करना लगभग असंभव हो चुका है. परन्तु 2014 के आम चुनावों में एक नए तरीके से मतदान केन्द्रों पर कब्ज़ा करने की सूचनाएं आ रही हैं. यह घटनाएँ मुख्यतः पश्चिम बंगाल एवं उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हुई हैं. इनमें प्रशासन की मिलीभगत से यह कार्य किया गया है. इसमें योजनाबद्ध तरीके से केंद्रीय सुरक्षा बलों को गैरजरूरी कार्यों/स्थानों में पदस्थ कर दिया जाता है. मतदान केन्द्रों को राज्य की पुलिस एवं होमगार्ड की सुरक्षा में छोड़ दिया जाता है. मतदान केन्द्रों की व्यवस्था पूर्णतः राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन की होती है एवं मतदान दल के कर्मी भी राज्य शासन के कर्मचारी होते है. इस तरह मतदान केन्द्रों पर एकतरफा स्थितियां पैदा कर दी जाती हैं. राज्य की सत्ताधारी पार्टी के पोलिंग एजेंट्स को छोड़ कर अन्य पार्टियों के पोलिंग एजेंट्स को भगा दिया जाता है एवं बलात एक तरफ़ा मतदान करवाया जाता है. यह कार्य पूर्णतः प्रशासन एवं राज्य के सत्ताधारी दल की मिलीभगत से किया जाता है.
चुनाव आयोग ने इस चुनावों में अपनी ऊर्जा एवं समय राजनैतिक दलों के प्रचार अभियान को नियंत्रित करने में लगाया है. मुख्यतः नेताओं के भाषणों पर आयोग ने अपना कड़ा रुख किया है फिर भी कई राजनेता अपने भाषणों में लक्ष्मण रेखा का ध्यान नहीं रख पाते है. इन उल्लंघनों की दशा में आयोग को कड़ी कार्यवाही करना चाहिए. यह खेदजनक है की मीडिया के इस दौर में इस तरह के विवादित बयान एवं टिप्पणियां बहुत प्रचार पातें है.
परन्तु निष्पक्ष चुनाव के लिए आम जनता को बिना किसी भय के मतदान की सुविधा मिले; यह प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए. इस तरह की बूथ कैप्चरिंग की घटनाओं के कारण निष्पक्ष चुनाव पर प्रश्नचिन्ह लगता है. चुनाव आयोग को अपना ध्यान एवं समय इन घटनाओं को रोकने में लगाना चाहिए.
लोकपाल कानून –
लोकपाल की नियुक्ति के सम्बन्ध में सरकार द्वारा जो नियम बनाये गए हैं वह लोकपाल कानून की मुख्य भावना के विपरीत है. पूर्व में भी मेरे द्वारा माननीय प्रधान मंत्री को कई बार इस सम्बन्ध में पत्र लिखे गए है. यह नियम आपत्तिजनक है कि लोकपाल पद के लिए सम्मानीय न्यायाधीशों से यह अपेक्षा की जाए कि वे इस पद के लिए अपने आप को उपयुक्त बताने हेतु उस आवेदन में लेख लिखते हुए आवेदन करें. इस प्रक्रिया के माध्यम से सरकार अपनी पसंद के लोकपाल की नियुक्ति का प्रयास कर रही है. यूपीए सरकार का यह प्रयास सफल नहीं हो पायेगा. देश में व्यवस्था एवं उसके प्रति जागरूकता के कारण सरकार अपनी मनमर्ज़ी जबरदस्ती थोप नहीं सकती.
लोकपाल की नियुक्ति एवं फ़ोन टैपिंग के जांच आयोग की नियुक्ति में सरकार की बदनीयती स्पष्ट दिखती है. आज की समय व्यवस्था एवं जागरूकता के कारण सरकार अपनी मर्ज़ी थोपने के लिए स्वतंत्र नहीं है एवं सरकार के ऐसे सभी प्रयासों के गंभीर परिणाम होंगे.
नीच राजनीति –
नीच राजनीति, चायवाला, खूनी, हिटलर, गंगू तेली, बन्दर एवं नपुंसक कुछ ऐसे आपत्तिजनक शब्द हैं जिनका इस्तेमाल कांग्रेस नेताओं द्वारा श्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध किया गया है. कांग्रेस को यह बिलकुल भी आपत्तिजनक नहीं लगता है जब श्री नरेंद्र मोदी के बारे में उनके नेता नीच राजनीति अथवा हरकत शब्द का इस्तेमाल करते है.
मेरा प्रतिप्रश्न है कि 2-जी स्पेक्ट्रम एवं कोल ब्लॉक के आवंटन में हुआ भ्रष्टाचार किस श्रेणी की राजनीति में आता है ? क्या आदर्श घोटाला एवं कैश फॉर वोट जैसे घपले शुद्ध राजनीति का प्रमाण है ?
Thanks & Regards,
Rohit Gangwal
National Convener
Modi For PM Organization
www.Modiforpm.org
Rohit@Modiforpm.org
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