केंद्र की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन (एबी-एनएचपीएम) लागू होने से रोजगार के कम से कम 10 हजार अवसर पैदा होंगे। इस योजना का उद्देश्य 10 करोड़ गरीब परिवारों को प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये की सुरक्षा मुहैया कराना है।
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक योजना के तहत निजी और सरकारी दोनों अस्पतालों में एक लाख आयुष्मान मित्रों को तैनात किया जाएगा, जो कि स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले मरीजों को पैकेज का लाभ उठाने में सहायता प्रदान करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक लाख आयुष्मान मित्रों की भर्ती के लिए कौशल विकास मंत्रालय के साथ एक समझौता किया है। अधिकारी ने बताया, सभी सूचीबद्ध अस्पताल में रोगियों की सहायता के लिए आयुष्मान मित्र होगा, जो लाभार्थियों और अस्पताल के बीच समन्वय करेगा। वे सहायता डेस्क संचालित करेंगे और योजना में पंजीकृत करने एवं पात्रता की पुष्टि के लिए दस्तावेजों की जांच करेंगे। उन्होंने बताया,योजना के तहत निजी और सरकारी अस्पतालों दोनों में करीब एक लाख आयुष्मान मित्रों को तैनात किया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने योजना के क्रियान्वयन के लिए अस्पतालों को पैनल में शामिल करने की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी है। पैनल में शामिल होने के लिए कम से कम दस बिस्तर का अस्पताल होना चाहिए। हालांकि, राज्यों की मांग पर इसमें और छूट दी जा सकती है।
केंद्र सरकार लाभार्थियों की पहचान का काम भी तेजी से कर रहा है। सामाजिक, आर्थिक और जातिय जनगणनना (एसईसीसी) के तहत 80 फीसदी ग्रामीण और 60 फीसदी शहरी लाभार्थियों की पहचान की जा चुकी है।