आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। सूत्रों के मुताबिक, खरीफ फसलों की लागत पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ाने पर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस फैसले से किसानों को उनकी लागत का 50 फीसदी ज्यादा एमएसपी मिलेगा। कैबिनेट की बैठक में धान, दाल, सोयाबीन, मूंगफली और मक्का जैसे खरीफ फसलों पर एमएसपी को मंजूरी दी गई। हालांकि, अभी इसके लिए क्या फॉर्मूला होगा इसका खुलासा नहीं हुआ है। कैबिनेट के फैसले पर 1:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी।
धान पर बढ़ाया गया 200 रुपए MSP
धान के लिए डेढ़ गुना से ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दी गई है। धान के MSP पर 200रुपए/क्विंटल का इजाफा किया गया है। धान पर लागत के मुकाबले 200 रुपए की बढ़तोरी की गई है। धान पर अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य 1550 रुपए प्रति क्विंटल था।
किस पर कितना बढ़ाया गया मस्प
- कॉटन (मीडियम स्टेपल) के एमएसपी में 1130/क्विंटल की बढ़ोतरी
- कॉटन (लॉन्ग स्टेपल) के एमएसपी में 1130/क्विंटल की बढ़ोतरी
- बाजरे के एमएसपी में 525 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
- मूगं के एमएसपी में 1400 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
- मक्के के एमएसपी 275 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
- मूंगफली के एमएसपी में 440 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
- सोयाबीन के एमएमसी में 349 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
- उड़द के एमएसपी में 200 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
- तुअर के एमएसपी में 225 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
- रागी के एमएसपी में 997 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
- सूरजमुखी का एमएसपी में 1288 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी
पहले के मुकाबले अब कितना MSP
- धान का एमएसपी 1550 रुपए से बढ़ाकर 1,750 रुपए/क्विंटल
- धान (ग्रेड ए) का एमएसपी 1,590 रुपए से बढ़ाकर 1,750 रुपए/क्विंटल
- कॉटन (मीडियम स्टेपल) का एमएसपी 4020 रुपए से बढ़ाकर 5150 रुपए/क्विंटल
- कॉटन (लॉन्ग स्टेपल) का एमएसपी 4320 रुपए से बढ़ाकर 5450 रुपए/क्विंटल
- तुअर का एमएसपी 5450 रुपए से बढ़ाकर 5675 रुपए/क्विंटल
- मूंग का एमएसपी 5,575 रुपए से बढ़ाकर 6,975 रुपए/क्विंटल
- उड़द का एमएसपी 5,400 रुपए से बढ़ाकर 5,600 रुपए/क्विंटल
खाद्य सब्सिडी बिल में होगी वृद्धि
2016-17 के (अक्टूबर-सितंबर) की खरीद आंकड़े के हिसाब से धान का MSP बढ़ने से खाद्य सब्सिडी बिल में 11000 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी। आपको बता दें, खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) किसानों से एमएसपी पर गेहूं और चावल खरीदती है और खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अनाज की आपूर्ति करती है।
इस फॉर्मूले से तय होगी MSP
जानकारों के मुताबिक, सरकार ए2+एफएल फॉर्मूला को अपनाने का प्रस्ताव लेकर आई है। ए2+एफएल फॉर्मूले के तहत फसल की बुआई पर होने वाले कुल खर्च और परिवार के सदस्यों की मजदूरी शामिल होगी। फिलहाल, बाजरा, उड़द, अरहर जैसे कुछ फसलो के लिए ये फॉर्मूला लागू है।
जमीन की कीमत नहीं होगी शामिल?
फसल की पैदावार लागत में सभी तरह के खर्चे शामिल किए जाएंगे। इनमें बीज, खाद, कीटनाशक, मजदूरी, मशीन आदि को शामिल किया जा सकता है। उसी आधार पर एमएसपी तय किया जाएगा। हालांकि, किसान की लागत में जमीन की कीमत शामिल नहीं होगी, जिसकी सिफारिश स्वामीनाथन आयोग ने की थी।