modi ne bharat ki baat sabke saath me kaha besabri bahut jaruri hai

मोदी ने ‘भारत की बात, सबके साथ’ में कहा बेसब्री बहुत जरूरी है, मैं बहुत बेसब्र हूं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन देशों की यात्रा पर बुधवार को ब्रिटेन पहुंचे। यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हॉल में ‘भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम का संचालन प्रसून जोशी ने किया। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में आए लोगों के सवालों के जवाब दिए और खुलकर अपनी बात कही। तमाम मुद्दों पर बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बारे में एक बहुत ही दिलचस्प बात बताई कि वो बहुत बेसब्र हैं।


बेसब्री बुरी नहीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्कुराते हुए कहा कि मेरी बेसब्री ही मुझे गति और हर पल सोचने को प्रेरित करती है। जिस दिन मेरे अंदर या किसी के अंदर संतोष का भाव पैदा हो जाएगा तो जिंदगी वहीं थम जाएगी। अगर कोई कहता है कि बेसब्री बुरी चीज है तो समझिए वो बूढ़ा हो गया है।

हर आयु, युग और अवस्था में कुछ न कुछ नया करने का मकसद गति देता


मैं ऐसा नहीं सोचता हूं, हर आयु, युग और अवस्था में कुछ न कुछ नया करने का मकसद गति देता है। आज सवा सौ करोड़ देशवासियों के दिल में इच्छाएं हैं। हमें खुशी है कि हमने ऐसा माहौल बनाया कि लोग अपेक्षा करते हैं। बेसब्री देश के लोगों के दिल में प्रगति के बीज बोते हैं। मैं बेसब्री को बुरा नहीं मानता हूं। मैं मानता हूं जिस दिन मेरी बेसब्री खत्म हो जाएगी उस दिन मेरी मुश्किल बढ़ जाएगी।


देश के भाई-बहनों की परेशानियां मुझे सोने नहीं देती हैं-मोदी

मेरे दिमाग में केवल अपने देश के भाई-बहनों की बातें चलती रहती हैं, उनकी परेशानियां ही मुझे सोने नहीं देती हैं, मैं उन्हीं के लिए बेसब्र रहता हूं और इसलिए भारत और भारतवासियों के लिए सोच पा रहा हूं। इसका मतलब साफ है कि देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है, हालांकि अभी बहुत काम बाकी है।

क्या आप भी कभी बेसब्र होते हैं?


गीतकार प्रसून ने जब सवाल किया कि क्या आप भी कभी बेसब्र होते हैं, इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुझे पता नहीं था कि कवि के भीतर पत्रकार बैठा है, उन्होंने कहा कि बेसब्री मुझे ऊर्जा देती है, हर शाम दूसरे दिन का सपना लेकर सोता हूं, मैं कभी निराश नहीं होता, मैं हमेशा सकारात्मक सोचता हूं। उन्होंने कहा, इन्हीं व्यवस्थाओं से, अगर आपके पास नीति स्पष्ट हो, इरादे नेक हो तो आप इच्छित परिणाम हो सकते हैं।

D Ranjan
By D Ranjan , April 19, 2018

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