बिहार के 13 पिछड़े जिलों में विकास की रोशनी पहुंचाने के लिए केंद्र के नौ मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्र में बिहार के नौ मंत्रियों के बीच बुधवार को संसद भवन परिसर में बैठक हुई। इस दौरान राज्य के चिन्हित पिछड़े जिलों को हर संभव लाभ पहुंचाने के उपायों पर चर्चा हुई।
इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने विस्तार से ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए मंत्रियों का समूह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर चर्चा करेगा, ताकि केंद्र व राज्य के बीच समन्वय बनाया जा सके। केंद्रीय योजनाओं को राज्य की मशीनरी के साथ उचित तरीके से लागू किया जा सके। पासवान ने बताया कि 22 मार्च को बिहार के इन मंत्रियों का समूह नीति आयोग से भी मुलाकात कर कुछ चीजों पर स्पष्टता चाहेगा।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के साथ केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह, लघु उद्योग राज्य मंत्री गिरिराज सिंह व ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामकृपाल सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि सभी मंत्रियों को उनके हिस्से के जिले बांट दिये गये हैं, ताकि वहां चलाई जाने वाली योजनाओं का क्रियान्वयन और निगरानी की जा सके। इन पिछड़े जिलों में स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी सुविधाओं का अभाव, पेयजल और अन्य जरूरतों को पूरा करने पर जोर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि नीति आयोग की ओर से चिन्हित जिलों में गया, औरंगाबाद, जमुई, बांका, नवादा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, अररिया, बेगू सराय, कटिहार, सीतामढ़ी और शेखपुरा प्रमुख है।