प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की दिल्ली में एक बैठक हुई जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से साल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले सरकार की महत्वाकांक्षी कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करने को कहा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं चुनावों को एक साथ कराने, अगले लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी को और मजबूत बनाने और पार्टी के विकास एजेंडा को गरीबों तक पहुंचाने जैसे विषयों पर चर्चा हुई। यह बैठक पांच घंटे से ज्यादा चली।
सिंह ने कहा, ‘‘हमने अपने सुशासन के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की और मुख्यमंत्रियों ने बताया कि वे इस दिशा में काम कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष तक हर घर में बिजली पहुंचाने और साल 2022 तक सभी परिवारों को घर मुहैया कराने की भी समीक्षा की गई। भाजपा के एक उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने प्रदेश में केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं के बारे में प्रस्तुति दी और आगे की कार्ययोजना पेश की।
Had an extensive interaction with @BJP4India Chief Ministers and Deputy Chief Ministers. pic.twitter.com/CIDQTYzjNY
— Narendra Modi (@narendramodi) February 28, 2018
बैठक के दौरान पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय बजट में प्रस्तावित योजनाओं को आने वाले समय में अपने-अपने प्रदेशों में लागू करने पर जोर दिया। बैठक में पार्टी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने की समीक्षा की और जनता के बीच इसके प्रभाव का आकलन किया।
भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं उपमुख्यमंत्रियों की इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह एवं कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं उपमुख्यमंत्रियों के साथ व्यापक चर्चा की।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही समय पहले राजस्थान में लोकसभा सीटों पर उपचुनाव में भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा जबकि आज मध्यप्रदेश और ओडिशा में विधानसभा उपचुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा साल 2018 में भी कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं जिसमें से कुछ राज्यों में भाजपा की सरकार हैं ।
इन परिस्थितियों में सरकार और पार्टी दोनों की कोशिश है कि केंद्र सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारा जाए क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिये अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है । इस वक्त देश के 19 राज्यों में भाजपा या फिर सहोयगियों के साथ उसकी सरकारें हैं ।
पार्टी का यह मानना है कि अगर राज्यों में केंद्र सरकार की योजनाओं को अमली जामा पहना दिया जाए तो फिर इसका व्यापक असर पड़ेगा। साल 2018-19 के आम बजट में केंद्र सरकार ने गांव, गरीब और किसान पर सबसे ज्यादा जोर दिया है । ऐसे में पार्टी का जोर इस बात पर है कि बजट के प्रावधानों को धरातल पर उतारा जाए।
इस बैठक में देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए मुफ्त में पांच लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा देने, किसानों को फसल के उत्पादन लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने के अलावा केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना, जन-धन योजना को लागू करने के विविध आयामों पर चर्चा हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष शाह का हमेशा से इस बात पर जोर रहा है कि केंद्र सरकार और राज्य की जो योजनाएं हैं, उनका लाभ समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली, नितिन गडकरी ने भी हिस्सा लिया।
बैठक में शामिल भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में शिवराज सिंह चौहान, रमण सिंह, वसुंधरा राजे, देवेन्द्र फड़णवीस, योगी आदित्यनाथ, विजय रूपाणी, सर्वानंद सोनोवाल, रघुवर दास, मनोहर लाल, त्रिवेन्द्र सिंह रावत के अलावा बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केशव प्रसाद मौर्य, निर्मल सिंह आदि शामिल थे।