हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग के बीच हुई आध्यात्मिक चर्चा में बाबा नीम करौली और कैंची मंदिर का जिक्र आया था। तब जुकरबर्ग ने पीएम को बताया था कि महीने भर कैंची और इसके आसपास के क्षेत्र में भ्रमण करने के बाद उन्हें लगा कि विश्व के लोगों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए कुछ करना चाहिए।
इसी उम्मीद के साथ उन्होंने फेसबुक की नींव रखी और यही फेसबुक आज दुनियाभर में बाबा की शक्तियों के प्रचार प्रसार का प्रमुख माध्यम बनता दिखा। इसके अलावा व्हाट्सएप पर भी बाबा छाए रहे।
बताते चलें कि देश भर में अलग अलग अवसरों पर आयोजित होने वाले मेलों का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार होता है। लेकिन कैंची में हर साल 15 जून को आयोजित होने वाले मेले का न तो मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रचार प्रसार किया जाता है और न ही प्रशासन स्तर पर, बावजूद इसके यहां बाबा के भक्तों तांता लगता है। इस बार यहां आने वाले भक्तों का आंकड़ा सवा लाख से ऊपर जा पहुंचा।