केंद्र में फिर एक बार सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धड़ा धड़ फैसले ले रहे है। सरकार ने पहले ही “श्रमिक सम्मान योजना” के तहत मज़दूरों को प्रति माह 3 हज़ार रूपये की पेंशन देने वाले बिल को स्वीकृति दे दी है। अब एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी ने मज़दूरों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। इस बार प्रधानमंत्री जी ने श्रम कानून में बड़ा बदलाव करते हुए 40 करोड़ श्रमिकों को लाभ पहुँचाने का निर्णय लिया है।
कैबिनेट ने हाल ही में ‘कोड ऑफ़ ऑक्यूपेशन सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन बिल, 2019’ को मंजूरी दी है। इस बिल में कंपनियों को श्रमिकों के हित का ध्यान रखने की पूरी ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अनुसार किसी भी मज़दूर को प्रतिदिन 178 रूपये से कम की मजदूरी नहीं दी जा सकती।
बिल में हर महीने तय तारीख को मज़दूरों को वेतन देने की बात भी कही गई है। 178 रूपये से अधिक दिहाड़ी दी जा सकती है। बिल में कर्मचारियों के हेल्थ चेक-अप और उनके बच्चों के लिए केंटीन आदि सुविधा देने की बात भी कही गई है।
बिल में कामकाजी महिलाओं के लिए भी विदेश प्रावधान किये गए हैं। महिलाओं के कार्य करने का समय सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही होगा। महिलाएं रात के समय काम करें या नहीं इसका निर्णय वे खुद ही करेंगी। यदि 7 बजे के बाद भी महिलाएं काम करती हैं तो उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी कंपनी को लेनी पड़ेगी। किसी कर्मचारी से ओवर-टाइम काम करवाने के लिए उसकी सहमति ज़रूरी है।
कैबिनेट द्वारा मंज़ूर किये गए इस बिल में उन सभी कंपनियों को शामिल किया गया है जिसमें 10 या उससे अधिक का वर्किंग स्टॉफ है। श्रम मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने कहा है कि इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद इससे भारत के 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों को फायदा पहुँचेगा तथा 13 क़ानूनों के स्थान पर सिर्फ एक ही कानून रहेगा।