प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि पड़ोसी देशों के नेताओं का पड़ोसियों जैसा संबंध होना चाहिए जो किसी प्रोटोकॉल से बंधे नहीं होते हैं। प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बांग्लादेश में तीन परियोजनाओं का संयुक्त रूप से शुभारंभ करते हुए यह टिप्पणी की।
Brightening lives, furthering connectivity and improving India-Bangladesh friendship.
PM Sheikh Hasina and I jointly inaugurated three development projects. West Bengal CM @MamataOfficial Ji and Tripura CM @BjpBiplab Ji joined the programme as well. https://t.co/YcfiLMuKao pic.twitter.com/b0QEFrbRPU
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2018
इन तीनों परियोजनाओं का पीएम मोदी, उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने संयुक्त रूप से उदघाटन किया। इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके बांग्लादेशी समकक्ष भी उपस्थित थे।
ये परियोजनाएं मौजूदा भरमार (बांग्लादेश)-बहरामपुर (भारत) अंतरसंपर्क के जरिए भारत से बांग्लादेश को 500 मेगावाट की अतिरिक्त बिजली आपूर्ति, अखौरा-अगरतला रेल लिंक और बांग्लादेश रेलवे के कुलौरा-शाहबाजपुर खंड के पुनरूद्धार की हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने काठमांडू में बिमस्टेक, शांति निकेतन और लंदन में राष्ट्रमंडल सम्मेलन सहित हाल के सालों में हसीना से कई बार मुलाकात की है। उन्होंने आगे कहा कि पड़ोसी देशों के नेताओं का पड़ोसियों जैसा संबंध, बातचीत करना और अक्सर यात्रा करने का, प्रोटोकॉल में पड़े बिना होना चाहिए।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनके और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के बीच अक्सर होने वाली बातचीत में निकटता जाहिर है। मोदी ने 1965 से पहले के समय की तरह दोनों देशों के बीच संपर्क बहाल करने के हसीना की दूरदृष्टि को याद किया। उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर खुश हैं कि पिछले कुछ बरसों में इस लक्ष्य के प्रति कार्य की प्रगति हुई है।
पीएम मोदी ने कहा, “आज हमने अपने ऊर्जा संपर्क को बढ़ाया और अपने रेल संपर्क को बढ़ाने के लिए दो परियोजनाएं शुरू की।” उन्होंने यह भी कहा कि परियोजनाओं का वीडियो लिंक के जरिए शुभारंभ किया जाता है और फिर ये वीआईपी यात्राओं की टाइमिंग में नहीं फंसती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद किया कि साल 2015 में उनकी बांग्लादेश यात्रा के दौरान यह फैसला किया गया था कि भारत बांग्लादेश को 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति करेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच ट्रांसमिशन संपर्क का इस्तेमाल करते हुए इसे किया जा रहा है। उन्होंने इस काम को पूरा करने में मदद करने के लिए ममता बनर्जी का शुक्रिया अदा किया।
अपनी बातों को विस्तार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस परियोजना के पूरी हो जाने पर अब भारत से बांग्लादेश को 1।16 गीगावाट बिजली आपूर्ति की जा रही है। मेगावाट से गीगावाट के बीच यह उछाल दोनों देशों के बीच संबंधों में एक स्वर्णिम युग का संकेत है। पीएम मोदी ने कहा कि अखौरा- अगरतला रेल लिंक दोनों देशों के बीच सीमा के आर-पार एक और संपर्क प्रणाली मुहैया करेगा।