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Modi sarkar ka black money par report card

2019 चुनाव से पहले देख लें ब्लैक मनी पर मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड

साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा वादा यही था कि उनकी सरकार आई तो वह विदेशी बैंकों में जमा पूरा काला धन वापस लेकर आएंगे। उन्होंने कहा था कि अगर यह धन वापस आ जाए तो गरीबों को वैसे ही 15-15 लाख मिल जाएंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘हम विदेशी बैंकों में जमा एक-एक रुपया वापस लेकर आएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इसका इस्तेमाल गरीबों की बेहतरी के लिए किया जाए।’

करीब 1.14 लाख करोड़ रुपये के काले धन का खुलासा

अब जब एक साल के भीतर देश फिर से चुनावों का सामना करने जा रहा है, अब यह जांच करने का समय आ गया है कि मोदी सरकार काले धन के वादे पर कितना खरा उतरी है। असल में कुल मिलाकर देखें तो पिछले चार साल में करीब 1.14 लाख करोड़ रुपये के काले धन का पता चला है। आइए देखते हैं मोदी सरकार ने काले धन पर अंकुश के लिए पिछले चाल साल में क्या कदम उठाए और अलग-अलग मामलों में क्या हैं आंकड़े…

टैक्स देकर काला धन जाहिर करने की योजना

सरकार की स्वैच्छ‍िक आय घोषणा योजना (IDS) और काला धन एवं टैक्स आरोपण एक्ट (BMIT Act) के तहत कुल 69,350 करोड़ रुपये की वसूली हुई है। इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत 5,000 करोड़ रुपये और आए हैं। BMIT एक्ट को सरकार ने साल 2015 में लागू किया था। इसके तहत विदेश में संपत्त‍ि रखने वाले लोगों को एक बार में एकमुश्त टैक्स देकर अपने काला धन को सफेद करने का मौका मिला था। 1 जुलाई से 30 सितंबर 2015 के ही दौरान इस योजना के तहत करीब 650 लोगों ने विदेशी बैंकों में जमा अपनी कुल 4,100 करोड़ रुपये की संपत्त‍ि का खुलासा किया।

इसके बाद सरकार ने दो और ऐसे तरीके मुहैया कराए। पहली थी साल 2016 की आय घोषणा योजना (IDS). इस योजना के तहत पिछले आकलन वर्ष तक जिन लोगों ने ईमानदारी से अपनी आय या संपत्त‍ि की घोषणा नहीं की थी, उन्हें इसका खुलासा करने का मौका दिया गया। इसके बदले उनकी आय पर 45 फीसदी का एकमुश्त टैक्स लगाने का प्रावधान था। आईडीएस के तहत 64,275 लोगों ने 65,250 करोड़ रुपये के एसेट का खुलासा किया।

इसके बाद दिसंबर, 2016 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की गई। इसके तहत किसी अघोषित आय पर 50 फीसदी जुर्माना देकर गोपनीय तरीके से इसकी जानकारी सरकार को दी जा सकती है और किसी तरह की कार्रवाई से बचा जा सकता है। यही नहीं, अघोषित आय के अन्य 25 फीसदी हिस्सा को निवेश करने का भी विकल्प है, जो चार साल के बाद बिना ब्याज के वापस हो जाएगी।

नोटबंदी

नोटबंदी से कोई ठोस नतीजा नहीं मिला है, इसे आमतौर पर विफल माना जा रहा है। नवंबर 2016 में सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया। पूरे करेंसी सर्कुलेशन में इन नोटों का हिस्सा करीब 86 फीसदी था। इसके पीछे सोच बैंकिंग सिस्टम से बाहर हो चुके धन को वापस लाने की थी। सरकार को लगता था कि इससे बैंकिंग सिस्टम में 10 से 11 लाख करोड़ मूल्य के नोट वापस आ जाएंगे। नोटबंदी के समय 500 और 1000 के कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट अवैध घोषित किए गए थे। इनमें से सिर्फ 16,000 करोड़ रुपये ही वापस नहीं आए।

नोटबंदी के दौरान नए नोटों की छपाई और एटीएम को दुरुस्त करने आदि पर रिजर्व बैंक के करीब 21,000 करोड़ रुपये खर्च हो गए। हालांकि नोटबंदी के दौरान कुल कितनी रकम बैंकों में वापस आई अभी इसका अंतिम आंकड़ा रिजर्व बैंक बताने को तैयार नहीं है। इस तरह नोटबंदी से सरकार का यह लक्ष्य पूरा नहीं हुआ कि अर्थव्यवस्था से काला धन बाहर निकल आएगा।

Black Money Report Card

बेनामी एक्ट में संशोधन

मोदी सरकार ने बेनामी लेनदेन पर अंकुश लगाने के लिहाज से बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम 1988 में साल 2016 में संशोधन किया। इसके तहत इनकम टैक्स विभाग ने देश भर में 24 बेनामी प्रॉहिबिशन यूनिट स्थापित किए। वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला के मुताबिक 30 जून, 2018 तक 4,300 करोड़ रुपये मूल्य के 1600 से ज्यादा बेनामी लेनदेन की प्रॉविजनल तौर पर कुर्की की गई।

मॉरीशस के रास्ते आने वाले काले धन पर अंकुश

भारत सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए मॉरीशस के साथ दोहरा कर आरोपण बचाव समझौता (DTAA) किया था। इसके अलावा जनरल एंटी अवाइडेंस रूल्स (GAAR) भी लाया गया, जो 1 अप्रैल, 2017 से लागू हुआ। GAAR से भी टैक्स चोरी के लिए दूसरे देशों के द्वारा आने वाले लेनदेन पर रोक लगती है। 10 मई, 2016 को मॉरीशस के साथ होने वाले दोहरा कर आरापेण बचाव समझौते में संशोधन किया गया। अब सरकार किसी मॉरीशस के निवासी के स्वामित्व वाली भारतीय कंपनी के शेयरों से की बिक्री या ट्रांसफर से होने वाले कैपिटल गेन्स पर टैक्स लगा सकती है। मॉरीशस से आने वाले काले धन को रोकने की दिशा में यह प्रभावी कदम है।

स्विस बैंकों से समझौता

स्विट्जरलैंड का राष्ट्रीय बैंक इस बात के लिए तैयार हुआ है कि वह भारतीय खातेदारों के बारे में जानकारी सितंबर, 2019 से भारत सरकार के साथ साझा करेगा। इस बारे में 22 नवंबर, 2016 को स्विस नेशनल बैंक से सरकार ने एक समझौता किया है। इसके तहत भारतीय खातेदार का अकाउंट नंबर, नाम, पता, जन्म तिथि, टैक्स पहचान नंबर, ब्याज, डिविडेंट, खाते में रकम आदि की जानकारी दी जाएगी।

स्विस बैंकों में काले धन के बारे में परस्पर विरोधी दावे आए हैं। पहले यह आंकड़ा आया कि साल 2017 में स्विस बैंकों में भारतीयों के काले धन में 50 फीसदी की बढ़त हुई है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दावा किया कि 2017 में स्विस बैंक खातों में भारतीयों के नॉन-बैंक लोन और डिपॉजिट में 35 फीसदी की गिरावट आई है। सरकार के मुताबिक, साल 2017 में इन बैंकों में भारतीयों का नॉन बैंक डिपॉजिट 52.4 करोड़ डॉलर तक रह गया है। साल 2014 में इस तरह के जमा की रकम 2.23 अरब डॉलर थी। लेकिन सवाल यह है कि क्या भारतीयों ने विदेश में काला धन भेजना बंद कर दिया है? अगर नहीं, तो उनका पैसा कहां जा रहा है?

टैक्सपेयर्स की संख्या में बढ़ोतरी

पिछले चार साल में इनकम टैक्स देने वालों की संख्या डबल हो गई है और इस दौरान कर संग्रह में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मोदी सरकार के प्रयासों से ही इनकम टैक्स देने वालों का दायरा बढ़ा है और कर संग्रह भी। साल 2013-14 में भारत में सिर्फ 3.79 करोड़ टैक्सपेयर्स थे, जो 2017-18 तक बढ़कर 6.84 करोड़ हो चुके हैं। इस दौरान सकल कर संग्रह भी 2014-15 के 12.44 लाख करोड़ के मुकाबले 2016-17 में बढ़कर 17.15 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। बजट अनुमानों के मुताबिक यह 2017-18 में 19.11 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है।

इनकम टैक्स जैसे अप्रत्यक्ष कर का संग्रह 30 नवंबर, 2017 तक के वित्त वर्ष में 7.35 लाख करोड़ रुपये का हुआ था। पूरे साल के लिए इसका लक्ष्य 9.27 लाख करोड़ रुपये का था। साल 2014-15 में अप्रत्यक्ष कर का संग्रह 5.46 लाख करोड़ रुपये का था। नोटबंदी के बाद प्रत्यक्ष कर में वृद्धि की दर वित्त वर्ष 2015-16 के 0.6 गुना से बढ़कर 1.3 गुना तक पहुंच गया।

आयकर विभाग की त्वरित कार्रवाई

मोदी सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट 2017 में ऐसा बदलाव किया जिससे आयकर अधिकारियों को सर्च या सर्वे ऑपरेशन करने में आसानी हुई। हाथ में ज्यादा अधिकार मिलने के बाद आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 12,526 सर्वे किए और करीब 13,376 करोड़ रुपये के काले धन का पता लगाया।

तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काला धन वापस लाने के अपने वादे को पूरी तरह से भले पूरी न कर पाए हों, लेकिन उनकी नीतियों का निश्चित रूप से असर हुआ है।

आईडीएस और पीएमजीकेवाई से कारोबारियों में डर कायम हुआ है जिसकी वजह से करीब 70,250 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है। इनकम टैक्स विभाग के सर्च और सर्वे ऑपरेशंस से करीब 35,460 करोड़ रुपये का काला धन मिला है। करीब 4,100 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति का पता चला है। BMIT एक्ट के तहत करीब 650 लोगों ने विदेशी बैंकों में जमा अपनी कुल 4,100 करोड़ रुपये की संपत्त‍ि का खुलासा किया। इस तरह करीब 1.14 लाख करोड़ रुपये के काले धन का पता लगा।

Pm narendra modi ki ujala yojana me baate 30 crore led bulb

पीएम मोदी की उजाला योजना में बांटे गए 30 करोड़ एलईडी बल्‍ब, जानें देश में हुआ कितना उजाला

किसी भी देश का विकास उसके पास के संसाधनों और उन संसाधनों के सुनियोजित उपयोग पर निर्भर करता है। इसी को ध्यान में रखकर साल 2015 में मोदी सरकार ने एक योजना शुरू की, जिसका मकसद देश में ऊर्जा की खपत को कम करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उर्जा की खपत को कम करने के मकसद से उजाला योजना या उजाला फ्री एलईडी बल्ब योजना शुरू की। इस योजना के जरिए देश में बिजली खपत को कम करना है। सरकार ने इसमें सफलता भी हासिल की। अब तक इस योजना की मदद से देश में 39,615 mn kWh ऊर्जा की बचत की गई है। जिसके15,846 करोड़ का बचत हुआ है। एलईडी बल्ब की रौशनी तेज़ होती है और ये बल्ब 9 w में भी उपलब्ध हैं। जिससे बिजली की खपत कम होती है। सरकार उजाला योजना के तहत लोगों को एलईडी बल्ब के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करती है।

उजाला का उद्देश्य

सरकार इस योजना की मदद से एलईडी बल्ब के उपयोग को बढ़ावा देना चाहती है। इससे देश में बिजली खपत को कम किया जा सकेगा और बचत की गई बिजली का इस्तेमाल देश की तरक्की में होगा। इस उजाला योजना के तहत एलईडी बल्ब के उपयोग से उत्सर्जित कार्बन की मात्रा में भी कमी आएगी, जो पर्यावरण को सुरक्षित करेगा। सरकार उजाला योजना के तहत 2.5 -3 साल की गारंटी के साथ सब्सिडी कीमतों पर एलईडी बल्ब उपलब्ध करती है।सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई एलईडी बाजार से 40% सस्ती होती है।

उजाला योजना के क्या है लाभ

इस उजाला योजना के तहत अब तक 30,50,39,731 एलईडी बल्ब बांटे जा चुके हैं। उजाला योजना की मदद से 39,615 mn kWh ऊर्जा की बचत की गई है, जिससे देश का 15,846 करोड़ रुपए बचा है। इसके साथ ही लोगों ने 3,20,87,822 t CO2 उत्सर्जन कम हुआ है। इस योजना के तहत आप एलईडी बल्ब, ट्यूबलाइट और पंखे सस्ती कीमत पर खरीद सकते हैं। उजाला योजना के तहत आपको ईनर्जी ईफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड सेंटर बिजली के उपकरणों पर वारंटी देता है। जैसे 70 रुपए में मिलने वाले एलईडी बल्ब पर 3 साल की गारंटी दी जाती है। वहीं 220 रुपए में मिलने वाले ट्यूबलाइट पर भी 3 साल की और 1110 रुपए में मिलने वाले पंखे पर 2.5 साल की वारंटी मिलती है। सरकार इस योजना के तहत हर साल 9 करोड़ एलईडी बल्ब बांटेगी।

उजाला के कितना हुआ देश में उजाला

उजाला योजना से देश के 125 शहरों में अब तक 30 करोड़ से ज्यादा एलईडी बल्ब बांटे जा चुके हैं। 8 मार्च 2016 तक ईईएसएल ने भारत सरकार की उजाला योजना के तहत देश के 125 शहरों में एक साल के अंदर 8 करोड़ से भी ज्यादा एलईडी बल्ब बांटे। जिससे हर साल उपभोक्‍ताओं को 5500 रुपए की बचत हुई। इससे आम जनता के साथ-साथ देश में भी ऊर्जा का संरक्षण हुआ। उजाला कार्यक्रम की निगरानी पारदर्शी तरीके से राष्‍ट्रीय स्‍तर पर की जा रही है। 12 माह की अवधि में 8 करोड़ एलईडी बल्बों के वितरण का लक्ष्य हासिल करने के परिणामस्वरूप 2.84 करोड़ केडबलयूएच की दैनिक बचत संभव हो पाई है।इस बचत से देश में 365 दिनों तक 20 लाख से भी ज्यादा घरों को रोशन करने में सक्षम है।

उजाला योजना के लिए जरूरी दस्तावेज

अगर आप भी इस योजना के तहत सस्ती दरों पर एलईडी बल्ब चाहते हैं तो आपको अपना आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ, पहचान पत्र या मतदाता पहचान पत्र लेकर ग्राहक सेवा केंद्र जाना होगा। आप आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट से भी फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं या अपने क्षेत्र के पॉवर हाउस से संपर्क कर सकते हैं। योजना के बारे में यहां विस्तार से पढ़ें-http://www.ujala.gov.in/

School ke chaatro ne pm modi se bijali ke liye lagayi guhaar

स्कूली छात्रों ने पीएम मोदी से बिजली के लिए लगाई गुहार, स्‍कूल बल्‍ब की रौशनी से जगमगाया

झारखंड के पलामू जिले के हुसैनागंज अनुमंडल में स्थित प्लस-2 हाईस्कूल हैदरनगर की स्थापना वर्ष 1949 में हुई थी। लेकिन 69 साल बीतने के बावजूद भी यहां बिजली नहीं पहुंची थी। कई प्रधानाध्यपकों ने स्थानीय प्रतिनिधियों से इस मामले पर बात की। समय के साथ प्रधानाध्यापक भी बदले और जनप्रतिनिधि भी, लेकिन विद्यालय में बिजली कनेक्शन नहीं लगा। हालात जस के तस बने रहे। आखिरकार विद्यालय के ही दो छात्रों की कोशिश रंग लायी। उन दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विद्यालय में बिजली कनेक्शन लगवाने का अनुरोध किया। पीएमओ ने उनके पत्र का संज्ञान लेते हुए तत्काल बिजली कनेक्शन लगाने का निर्देश दिया। आज विद्यालय बिजली के बल्ब की रौशनी से जगमग है। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी, पढ़ाने वाले शिक्षक व आसपास के लोग सभी उत्साहित हैं। उनका कहना कि यदि पीएमओ को किसी समस्या के बारे में सीधे बताया जाए तो तुरंत उसका समाधान हो जाएगा। इसके लिए लोगों को खुद जागरूक होना होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्लस-2 हाईस्कूल हैदरनगर में 10 वीं कक्षा के छात्र अमोद कुमार और प्रमोदी कुमार हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम ‘मन की बात’ सुनते थे। अमोद ने बताया कि, “मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को यह कहते सुना कि यदि किसी भी तरह की सार्वजनिक समस्या है और वह दूर नहीं हो रही है तो सीधे पीएमओ को इससे अवगत कराएं। उन्हें इस कार्यक्रम को सुनकर पीएमओ को खत लिखने का विचार आया। उन्हें पूरा भरोसा था कि पत्र लिखने के बाद इस समस्या का समाधान हो जाएगा।”

अमन और उनके दोस्त अमोद ने मन की बात कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने विद्यालय की समस्या से अवगत करने के लिए जनवरी माह में खत लिखा। एक फरवरी को वह खत पीएमओ द्वारा प्राप्त किया गया। वहां से स्थानीय डीसी से इस बाबत पूछा गया कि अभी तक विद्यालय में बिजली क्यों नहीं पहुंची है। डीसी ने तत्काल इस समस्या का समाधान करते हुए विद्यालय में बिजली कनेक्शन उपलब्ध करवा दिया। 29 जुलाई से विद्यालय बिजली के बल्ब से रौशन है। यहां के विद्यार्थियों ने स्कूल में बिजली अाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया है।

Pm modi ne kaha sansad me gatirodh se sarkar ka kam desh ka jyada nuksaan

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, संसद में गतिरोध से सरकार का कम देश का ज्यादा नुकसान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा और राज्यसभा के प्रभावी कामकाज पर जोर देते हुए कहा कि संसद में गतिरोध से सरकार को कम, लेकिन देश को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि प्रत्येक सांसद आम आदमी की समस्याओं को लेकर आवाज उठाए और उनके कल्याण के लिए कदम उठाने के लिए सरकार को विवश करे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 से 2017 तक के लिए सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार प्रदान करने के लिए संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘सांसदों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे गरीब और वंचित लोगों की आवाज व्यक्त करें। दुखद है कि जब सदन में शोरगुल और अफरातफरी होती है और सांसद बोल नहीं पाते हैं तो समूचे देश का नुकसान होता है।’’


पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘संसद में गतिरोध के चलते सरकार को कम नुकसान होता है। यह देश है जिसे सबसे ज्यादा नुकसान होता है।’’ उन्होंने संसद के प्रभावी कामकाज की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि संसद चर्चा और यहां तक कि सरकार की आलोचना का भी मंच है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘संसद में बोले गए शब्द रिकॉर्ड में होते हैं और वे इतिहास की किताबों का हिस्सा होंगे। इसीलिए यह महत्वपूर्ण है कि संसद प्रभावी ढंग से चले।’’ उनकी यह टिप्पणी विपक्ष द्वारा विभिन्न मुद्दों पर शोरगुल किए जाने से संसद में बार-बार होने वाले गतिरोध के मद्देनजर आई।


उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के बड़े देश में सांसद अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपने साथ सपने और आकांक्षाएं लेकर आते हैं।’’ पुरस्कार प्राप्त करने वालों में नजमा हेपतुल्ला, हुकुमदेव नारायण यादव, गुलाम नबी आजाद, दिनेश त्रिवेदी और भृर्तुहरि महताब शामिल हैं। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने विपक्ष से जिम्मेदार बनने तथा सरकार से अधिक ‘‘जवाबदेह’’ बनने का आह्वान किया।

Pm modi ne logo se Grameen Swachhata Survekshan me bhaag lene ka kiya aagrah

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग लेने का किया अनुरोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से सबसे बड़े ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग लेने का मंगलवार को अनुरोध किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों की प्रतिक्रिया से भारत को स्वच्छ बनाने में मदद करेगी।


पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण एक व्यापक कोशिश है जो स्वच्छ भारत बनाने की राष्ट्र की कोशिश को ताकत और अहम प्रतिक्रिया प्रदान करेगी। मैं आप सभी को सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता हूं।’’ यह सर्वेक्षण बुधवार से शुरू होगा और 31 अगस्त तक चलेगा। यह स्वच्छता स्तर के आधार पर जिलों को रैंक भी प्रदान करेगा।

Bal gangadhar tilak ki punyatithi par pm modi ne unhe shraddhanjali arpit ki

बालगंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालगंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि समर्पित की है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने हमें आत्मविश्वास दिया है। हमें स्वाभिमान से जीना सिखाया है।प्रधानमंत्री मोदी ने लोकमान्य तिलक के प्रसिद्ध नारे ‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे’ के साथ कहा कि हमें सुराज लाना है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने देशवासियों में आत्मविश्वास जगाया उन्होंने नारा दिया था – ‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे। आज ये कहने का समय है सुराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम उसे लेकर रहेंगे, लोकमान्य तिलक जी को श्रद्धापूर्वक नमन।