Monthly Archives: January 2018

bharose ke mamale me bharat ka rutaba kayam duniyabhar me 3rd vishvasaniya desh

भरोसे के मामले में भारत का रुतबा कायम, दुनियाभर में तीसरा विश्वसनीय देश

भारत दुनिया के तीसरे भरोसेमंद देशों में से एक है। एक सर्वे में सोमवार को यह बात सामने आई। इसमें कहा गया है कि पिछले साल की तुलना में भारत में वहां की सरकार, बिजनेस, गैर सरकारी संगठन और मीडिया को लेकर भरोसा घटा है। इसके बावजूद भारत भरोसेमंद राष्ट्रों की सूचि में अपनी जगह कायम रख सका है। एडेलमैन ट्रस्ट बैरोमीटर ने यह सर्वे किया है। सर्वे ऐसे समय सामने आया है जब मंगलवार से चार दिवसीय विश्व आर्थिक मंच वार्षिक सम्मेलन का आयोजन शुरू होगा।

सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि इन चार क्षेत्रों में (वहां की सरकार, बिजनेस, गैर सरकारी संगठन और मीडिया) लोगों का विश्वास अभी भी काफी हद तक बना हुआ है। 28 देशों की इस सूची में 20 बेहद गैरभरोसेमंद देश बताए गए हैं। सूची में चीन पहले नंबर पर है। चीन को ट्रस्ट इंडैक्स के दोनों क्षेत्रों में जागरूक नागरिकों और आम नागरिकों के भरोसे में क्रमश: 83 और 74 अंक प्राप्त हुए हैं।

वहीं भारत को इन देने क्षेत्रों में क्रमश: 77 और 68 अंक प्राप्त हुए हैं। जबकि इंडोनेशिया को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। यह सर्वे 28 देशों में 33 हजार से अधिक लोगों से पूछे गए ऑनलाइन सवालों पर आधारित है। सर्वे पिछले साल 28 अक्टूबर से 20 नवंबर के बीच किया गया। सर्वे के मुताबिक भारत उन छह देशों में शामिल है, जहां भरोसा बेहद घटा है। इन देशों में अमेरिका, इटली, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और कोलंबिया भी शामिल है।

IMF bharat 2018 - 2019 me sabase teji se badhati economics

आईएमएफ भारत साल 2018-19 में होगी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने एक बार फिर दोहराया कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष में 7.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी और वह दुबारा दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का रैंकिंग हासिल कर लेगी।
आईएमएफ की तरफ से डावोस में जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य अपडेट में भारत सरकार की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था की कहीं अधिक गुलाबी तस्वीर पेश की गई है।

आईएमएफ के अनुमान में कहा गया है कि भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकड़ा वित्त वर्ष 2017-18 में 6.7 फीसदी रहेगा, जबकि सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा इसके 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। आईएमएफ ने चीन की वृद्धि दर इस साल 6.6 फीसदी और अगले साल 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है, जबकि पिछले साल चीन दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था थी और उसकी वृद्धि दर 6.8 फीसदी रही थी।

आईएमएफ का भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान विश्व बैंक की तरफ से इस महीने की शुरुआत में लगाए गए अनुमान 7.3 फीसदी से भी अधिक है। आईएमएफ के अनुमान में वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी सुधार का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया,

“वैश्विक आर्थिक गतिविधियां लगातार मजबूत हो रही है और 2017 में इसकी वृद्धि दर 3.7 फीसदी रहेगी, जोकि पहले के अनुमानों से 0.1 फीसदी अधिक है और 2016 के प्रदर्शन से 0.5 फीसदी अधिक है.”

वैश्विक विकास दर के 2018 और 2019 के अनुमान में आईएमएफ ने क्रमश: 0.2 फीसदी की वृद्धि की है और यह 3.9 फीसदी रहेगी।

Abdul Kalam Was Space Scientist PM Modi A Social Scientist Ram Nath Kovind

“Abdul Kalam Was Space Scientist, PM Modi A Social Scientist”: Ram Nath Kovind

AHMEDABAD: President Ram Nath Kovind today drew a parallel between APJ Abdul Kalam and Prime Minister Narendra Modi, saying while the former President was a “Space Scientist“, the current Prime Minister is a “social scientist”.

President Kovind was addressing the 66th convocation ceremony of the Gujarat University (GU) in Ahmedabad.

“Kalam sir was ultimately and fortunately my predecessor. Though he became the president, he was basically a scientist. Thus, I usually refer to him as a ‘space scientist’ while I call Modiji a ‘social scientist’,” President Kovind said in his address.

“While Modiji was an alumnus of the Gujarat University, Kalam sir too had stayed here for some time,” he said.

On a lighter note, the President said that none of the students present at the ceremony would have sold tea like PM Modi did in his younger days.

“This is a person who was born and brought up here, studied here and then become the Prime Minister. This was truly inspirational,” he said.

He said that PM Modi opened the doors of the 21st century for today’s generation by bringing in various initiatives, such as ‘Digital India’ and ‘Start Up India’.

COMMENTSPresident Kovind urged students to keep in mind the ethos of cooperation and brotherhood to bring in development.

As many as 56,159 graduates of the GU, the oldest varsity of the state, were awarded degrees at the convocation ceremony.

pm narendra modi ki 40 global ceo ke sath baitka me bole india matlab business

पीएम नरेंद्र मोदी की 40 ग्लोबल CEOs के साथ बैठक, बोले – ‘इंडिया मतलब बिजनेस’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज को दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करेंगे। शाम 3:45 बजे उनका भाषण होगा। इसके बाद पीएम मोदी स्वीडन और कनाडा के प्रधानमंत्रियों से मिलेंगे। सोमवार को पीएम मोदी ने दुनिया की शीर्ष कंपनियों के 40 सीईओ के साथ राउंड टेबल मीटिंग की। उन्होंने कहा कि इंडिया का मतलब ही बिजनेस है। उन्होंने भारत में कारोबारी मौके का भी जिक्र किया और देश के विकास की कहानी भी बताई।

2000 कंपनियों के CEOs ले रहे हिस्सा

  • दावोस-2018 में डब्ल्यूटीओ, विश्व बैंक, आईएमएफ समेत 38 संगठनों के प्रमुख शामिल हो रहे हैं. 2,000 कंपनियों के सीईओ भी इस समिट में हिस्सा ले रहे हैं।
  • मीटिंग में 400 सेशन होंगे. इसमें 70 देशों के प्रमुखों समेत 350 नेता हिस्सा लेंगे।
  • दावोस में पहली बार योग सत्र का आयोजन हो रहा है. इसमें योग गुरु बाबा रामदेव के दो शिष्य योग सिखाएंगे।
  • एक सेशन को आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी संबोधित करेंगे।
  • पाक पीएम शाहिद खाकान अब्बासी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे।

भारत की खास मेहमाननवाजी

  • शाहरुख खान भी दावोस पहुंचे. उन्होंने वुमन एम्पावरमेंट सेशन में स्पीच दी. शाहरुख, एक्ट्रेस केट ब्लैंचेट और ब्रिटिश सिंगर एल्टन जॉन को 24वां क्रिस्टल अवॉर्ड दिया गया।
  • वहीं, मोदी 3 कार्यक्रमों में दुनिया के नेताओं, बिजनेसमैन को भारत की ओर से भोज देंगे।
  • ताज होटल से 32 शेफ दावोस गए हैं. वे 1000 किलो मसाले ले गए हैं. 1200 लोगों के लिए शाकाहारी खाना बनाएंगे।

WEF की बड़ी बातें

India Mean Business Say PM Narendra Modi

  • दुनिया की शीर्ष कंपनियों के CEOs की बैठक में मुकेश अंबानी, सत्या नडेला समेत कई बड़ी कंपनियों के सीईओ मौजूद थे।
  • पीएम ने सभी को संबोधन के लिए आमंत्रित किया. 10-12 स्पीकरों की बातें सुनीं. कई कंपनियों के सीईओ ने भारत में निवेश बढ़ाने की जानकारी दी।
  • पीएम मोदी ने बताया कि व्यापार की सहूलियत को लेकर भारत ने जो वादे किए थे, वो कैसे पूरे हो रहे हैं।
  • पीएम मोदी ने सीईओ को अपने विजन के बारे में बताया. साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश और सरकार की नीतियों की भी जानकारी दी।
  • WEF में दो दशक बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री शिरकत कर रहा है. खास बात यह है कि WEF के 47 वर्षों के इतिहास में पहली बार इस सम्मेलन की अध्यक्षता की बागडोर पूरी तरह से 7 महिलाओं को सौंपी गई है. इन 7 महिलाओं में भारत के ‘माण देसी महिला सहकारी बैंक’ की अध्यक्ष चेतना सिन्हा भी शामिल हैं।
  • पीएम मोदी उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे. इसमें पीएम मोदी भारत के ग्लोबल इकोनॉमी के विकास में अहम भागीदार, भारत में बिजनेस को आसान बनाने, भ्रष्‍टाचार और कालाधन को कम करने, टैक्‍स प्रणाली सरल बनाने जैसे उठाए गए जरूरी कदमों पर चर्चा कर सकते हैं।
  • पीएम मोदी स्विट्जरलैंड राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. भारतीय अधिकारियों का कहना है कि दावोस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहीद खाकान अब्बासी और मोदी के बीच बैठक की कोई योजना नहीं है।
  • बैठक में भाग लेने वाले अन्य नेताओं में जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल, इटली के प्रधानमंत्री पाउलो गेटिलोअली, फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रोन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा मे तथा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडेव शामिल होंगे।
  • पीएम मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, सुरेश प्रभु, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, एम जे अकबर और जितेंद्र सिंह भी वहां जा रहे हैं. उद्योग इकाई सीआईआई के नेतृत्व में सीईओ प्रतिनिधिमंडल में मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, अजीम प्रेमजी, राहुल बजाज, एन चंद्रशेखरन, चंदा कोचर, उदय कोटक और अजय सिंह समेत अन्य लोग शामिल हैं।
pm narendra modi uae me world government summit me hissa lenge

पीएम नरेंद्र मोदी 10 फरवरी से 3 देशों के दौरों पर, यूएई में ‘वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट’ में लेंगे हिस्सा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 से 12 फरवरी तक फिलिस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान के दौरे पर रहेंगे। तीन देशों के इस दौरे का आगाज पीएम नरेंद्र मोदी 10 फरवरी को फिलिस्तीन पहुंचने के साथ करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी 10 और 11 फरवरी को ‘वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट’ में शिरकत के लिए दुबई (संयुक्त अरब अमीरात) में रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के तीन दिवसीय दौरे का समापन 12 फरवरी को ओमान यात्रा के साथ करेंगे।

सूत्रों की ओर से इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात ने प्रधानमंत्री को वर्ल्ड ‘गवर्नमेंट समिट’ में अहम वक्ता के तौर पर हिस्सा लेने के लिए न्योता दिया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।

भारत वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में पार्टनर देश है। इस समिट का उद्देश्य दुनिया भर में अगली पीढ़ी की सरकारों के भविष्य को मूर्त रूप देने के लिए समर्पित वैश्विक मंच उपलब्ध कराना है। समिट में ऐसे मुद्दों पर फोकस रहेगा कि किस तरह इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देकर मानवता के सामने पेश आ रही चुनौतियों से किस तरह से निपटा जा सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 10 फरवरी को फिलिस्तीन के ऐतिहासिक दौरे पर पहुंचेंगे तो सभी की नजरें उन पर रहेंगी। ये इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर भारत की तटस्थता के रुख को और मजबूत करेगा, जिससे ये संदेश ना जाए कि भारत का दोनों में से किसी एक की तरफ झुकाव है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी इजरायल की जगह जॉर्डन रूट से फिलिस्तीन पहुंचेंगे।

जहां तक संयुक्त अरब अमीरात के दौरे का सवाल है तो प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का यह दूसरा दौरा होगा। इससे पहले साल 2015 में नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया था। समझा जाता है कि 10 फरवरी से शुरू होने वाले संयुक्त अरब अमीरात के दौरे में दोनों देशों के बीच 6 से 8 समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

11 फरवरी को प्रधानमंत्री के भाषण के साथ वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट की शुरुआत होगी। समिट में एक सत्र पूरी तरह भारत को समर्पित रहेगा। इसमें कारोबारी, अर्थशास्त्री, राजनेता, मीडिया, संस्कृति और कला क्षेत्रों से जुड़े वक्ता अपनी बात रखेंगे। समिट में 2000 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। इस मौके पर 24 देशों के शासन प्रमुख, प्रधानमंत्री और मंत्री मौजूद रहेंगे।

davos me pm narendra modi kaaladhan wapas lane par switzerland sarakar se banegi baat

दावोस में पीएम नरेंद्र मोदी, कालाधन वापस लाने पर स्विट्जरलैंड सरकार से बनेगी बात?

स्विट्जरलैंड का नाम सामने आते ही आम भारतीय के दिल में दो ही बातें आती हैं, पहला, वहां की खूबसूरत वादियों में यश चोपड़ा की रुमानियत से भरी फिल्में और दूसरा, स्विस बैंकों में भारतीयों की ओर से जमा अघोषित अरबों रुपए का कालाधन।

देश में राजनीतिक दल भ्रष्टाचार को खत्म करने और बाहर के देशों में जमा काला धान भारत लाने की बात लगभग हर आम चुनाव में करते रहे हैं। खुद नरेंद्र मोदी ने भी 2014 के आम चुनाव में कालाधन और भ्रष्टाचार को अहम मुद्दा बनाया था। जिसमें उन्हें कामयाबी मिली और केंद्र में सरकार बनाने में सफल रहे थे।

मोदी स्विट्जरलैंड की यात्रा पर हैं और उन्होंने वहां के राष्ट्रपति एलन बर्सेट से मुलाकात भी की है।पीएम नरेंद्र मोदी 2 दिवसीय यात्रा पर स्विट्जरलैंड के शहर दावोस में हैं। जहां वह विश्व आर्थिक मंच में भाग ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां गए हैं। तो स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा कालेधन की बात याद आना हर किसी को लाजिमी है। बताते चले कि स्विस बैंकों में भारतीयों को ओर से जमा कालेधन के बारे में दोनों देशों के बीच बातचीत कहां तक पहुंची, और अब क्या भारतीय वहां अपना पैसा जमा कर रहे हैं।

कर संबंधी जानकारी देने का करार

पिछले साल दिसंबर में विदेश में जमा भारतीयों की ओर से काले धन का पता लगाने के लिए भारत ने स्विट्जरलैंड के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार, इस समझौते के तहत इस साल एक जनवरी से दोनों देशों के बीच कर संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सकेगा।

सीबीडीटी ने कहा, “स्विट्जरलैंड में संसदीय प्रक्रिया पूरी होने के साथ और आपसी सहमति के करार पर दस्तखत के बाद भारत और स्विट्जरलैंड 2018 में 1 जनवरी से कर चोरी संबंधी सूचनाओं का स्वत: आदान-प्रदान कर सकेंगे.” देश में आयकर के नीति बनाने वाली इस शीर्ष संस्था ने तब कहा था। कि इस करार पर सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा तथा भारत में स्विट्जरलैंड के राजदूत एंड्रेयास बाउम ने यहां नार्थ ब्लाक में हस्ताक्षर किए। दोनों देश 2018 से वैश्विक मानदंडों के अनुरूप आंकड़ों का संग्रहण शुरू करेंगे और 2019 से वित्तीय सूचनाओं का स्वचालित तरीके से आदान-प्रदान शुरू हो जाएगा।

गोपनीयता भंग हुई तो करार रद

इससे पहले पिछले साल जून में स्विट्जरलैंड की संघीय परिषद ने भारत और 40 अन्य देशों के साथ बैंकिंग सूचनाओं के स्वचालित आदान-प्रदान की व्यवस्था को मंजूरी दे दी थी। तब परिषद ने कहा था कि ऐसी गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान का क्रियान्‍वयन 2018 से किया जा सकेगा। हालांकि पिछले साल मार्च में स्विट्जरलैंड ने यह भी चेतावनी दी थी। कि अगर कालेधन की सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की प्रस्तावित व्यवस्था के तहत गोपनीयता की शर्त को भंग किया गया तो वह सूचना देने के काम को निलंबित कर भी सकता है।

समझौते के आदान-प्रदान के तहत अगर किसी भारतीय का स्विट्जरलैंड के किसी भी बैंक में खाता है। तो बैंक संबंधित व्यक्ति से जुड़ी सारी जानकारी वहां की अथॉरिटी को देगा जो भारत को स्वचालित तरीके से सूचना दे देगा, जिसके आधार पर भारत में उस व्यक्ति के बारे में जानकारी हासिल की जा सकेगी।

स्विस बैंकों में भारतीयों का मोहभंग

हालांकि एक दूसरा पक्ष यह भी है कि स्विट्जरलैंड में जमा कालेधन पर सख्ती की वजह से लोग अब स्विस बैंक में पैसा जमा करने में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं। पिछले साल आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 2016 में भारतीयों की ओर से महज 4,482 करोड़ रुपए ही जमा कराए गए थे। जो अब तक की मिली जानकारी के मुताबिक किसी एक साल में भारतीयों की ओर से सबसे कम जमा राशि है। जबकि 2015 में भारतीयों ने 8,135 करोड़ रुपए जमा कराए थे।

जबकि 2016 में दुनियाभर से 96 लाख करोड़ रुपए स्विस बैंकों में जमा कराए गए, लेकिन भारतीयों की ओर से यह राशि बेहद कम हो गई। औसत के हिसाब से देखा जाए तो स्विस बैंकों में कुल जमा पैसों में भारतीयों की ओर से महज 0.04 फीसदी राशि ही जमा कराई गई है। साल 2006 में भारतीयों की ओर से 23,000 करोड़ रुपए जमा कराए गए थे।

कालेधन का नया ठीकाना

कालेधन को लेकर सरकार की सख्ती का असर है कि स्विस बैंकों में भारतीयों की ओर से जमा राशि में लगातार कमी आ रही है। पिछले 3 साल में लगातार गिरावट देखने को मिला है।

कालेधन पर मोदी सरकार के सख्त तेवर और स्विट्जरलैंड के साथ पिछले साल हुए करार के बाद अब इस देश में भारतीय कालाधन जमा कराने को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं हैं। कहा यह भी जा रहा है कि भारतीयों ने कालेधन को ठीकाने लगाने के कई नए रास्ते तलाश लिए हैं।

भारत सरकार को स्विस बैंकों में जमा कालेधन पर नजर तो रखनी ही चाहिए, साथ ही उन विकल्पों को भी तलाशना चाहिए कि भारतीय अपने कालेधन को कहां ठीकाने लगा रहे हैं। भारतीयों के कालेधन को स्वदेश लाना इतना आसान नहीं है, लेकिन सरकार स्विट्जरलैंड की तरह दुनिया के अन्य देशों के साथ करार कर इस पर अंकुश लगाने की संभावना तलाशती रहे तो शायद इसमें कुछ सालों में कामयाबी मिल सकती है।

मोदी और राष्ट्रपति एलन बर्सेट के बीच मुलाकात में कालेधन को लेकर बातचीत की स्थिति साफ नहीं हो सकी है, लेकिन मोदी सरकार अथक प्रयासों के दम पर कालेधन को स्वदेश लाने की योजना में कामयाब हो सकती है।

pm narendra modi ne davos me vishwa ke ceo se ki mulakat

प्रधानमंत्री मोदी ने दावोस में विश्व के कई मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से की मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी ने दावोस में वैश्विक कंपनियों के कई मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ गोल मेज सम्मेलन की मेजबानी की। इस दौरान पीएम मोदी ने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को भारत के विकास की कहानी बयां की और भारत में निवेश के आकर्षक अवसरों के लिए उन्हें आमंत्रित किया।

PM Narendra Modi At Davos International CEO Meeting

pm narendra modi ne switzerland ke rastrapati alain berset se mulakat ki

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से मुलाकात की

प्रधानमंत्री मोदी ने दावोस में स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई।

pm narendra modi and swiss president alain berset

pm narendra modi ne deshvasiyon ko basant panchami ki shubhkamnaye di

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं दीं

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को बसंत पंचमी पर शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा,

“बसंत पंचमी पर सभी को शुभकामनाएं। मैं प्रार्थना करता हूं कि ये पर्व हमारे समाज में खुशियां और समरसता लेकर आए। मां सरस्वती का आशीर्वाद सदैव हमारे साथ रहे और वे ज्ञान से हमारा मार्गदर्शन करती रहें।

PM Narendra Modi Best Wishes for Basant Panchami

PM Narendra Modi statement prior to his departure at Davos

PM Narendra Modi statement prior to his departure at Davos

PM Narendra Modi statement prior to his departure at Davos

Following is the text of the Prime Minister, Shri Narendra Modi’s departure statement prior to his visit to Davos.

“I look forward to my first visit to the World Economic Forum at Davos, at the invitation of India’s good friend and Founder of the WEF, Prof Klaus Schwab. The theme of the Forum, “Creating a Shared Future in a Fractured World” is both thoughtful and apt.  

The existing and emerging challenges to the contemporary international system and global governance architecture deserve serious attention of leaders, governments, policy makers, corporates and civil societies around the world.  

In recent years, India’s engagement with the outside world has become truly and effectively multi-dimensional covering the political, economic, people to people, security and other spheres.  

At Davos, I look forward to sharing my vision for India’s future engagement with the international community.

Apart from the events for the World Economic Forum, I look forward to my separate bilateral meetings with the President of the Swiss Confederation H. E. Mr. Alain_Berset and Prime Minister of Sweden H. E. Mr. Stefan Lofven.

I am confident that these bilateral meetings would be fruitful and give a boost to our relations with these countries and further strengthen economic engagement”.