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खत्म नहीं हो रहा लालबत्ती का मोह, अब पीएम मोदी ने बनाया खास प्लान

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 1 मई से किसी भी वाहन पर लाल या नीली बत्ती लगाने पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगा दिया है. केंद्र ने यह सुनिश्चित करने की भी कोशिशि की है कोई भी लालबत्ती न लगा सके, यहां तक कि पुलिस भी. गौरतलब है कि पिछले कई दशकों से लालबत्ती रसूख और वीआईपी कल्चर का प्रतीक बनी हुई है. उधर, नेताओं और बाबुओं का लालबत्ती से मोह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिन पहले लोगों के दिमाग में भीतर तक घुसी वीआईपी संस्कृति को जड़ से उखाड़ फेंकने की जरूरत पर बल देते हुए कहा था कि ‘वीआईपी’ संस्कृति के स्थान पर ‘ईपीआई’ यानी ‘हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है’ वाली संस्कृति अपनाने की अपील की थी. मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कई मुद्दों पर बात की थी.

‘वीआईपी’ संस्कृति की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले वाहनों पर लाल बत्ती लगाई जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह हमारे दिमाग में घुस गई और हमारी मानसिकता में जमकर बैठ गई. लाल बत्ती का जाना अच्छा है, लेकिन कोई निश्चित तौर पर यह नहीं कह सकता कि यह हमारी मानसिकता से भी चली गई है.” पिछली रात को दो कार्याकारी आदेश केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के विभाग से जारी किए गए. हालांकि, नीली बत्ती को आपातकालीन सेवाओं के लिए इस्तेमाल करने की बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कही है.

फायर ब्रिगेड, पुलिस, रक्षा बल अथवा अर्धसैनिक बलों द्वारा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के संबंध में और भूकंप, बाढ़, तूफान आदि आपदा के समय ड्यूटी निभा रहे अधिकारियों के वाहनों पर यह बहुरंगी बत्ती लग सकती है. हालांकि जब यह ड्यूटी पर नहीं होंगे तो वह भी इसे नहीं लगा सकेंगे. राज्य सरकार हर साल ऐसे अधिकारियों की सूची आमजन की जानकारी के लिए जारी करेगी, जो बहुरंगी बत्ती का उपयोग कर सकते हैं. ऐसे वाहन की विंड स्क्रीन पर परिवहन विभाग द्वारा जारी किए गए स्टिकर लगे होंगे. परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव अभय दामले ने बताया, “प्राधिकृत अधिकारी द्वारा एक समय पर केवल एक वाहन के लिए स्टिकर जारी किया जाएगा.”

उधर, कर्नाटक के खाद्य व आपूर्ति मंत्री यूटी खादर का कहना है कि वह लालबत्ती को अपने सिर पर लगाकर नहीं घूमते. मंत्री होने के नाते सरकार से उन्हें लाल बत्ती लड़ी गाड़ी मिली है. अगर राज्य की कैबिनेट या फिर मुख्यमंत्री उन्हें ऐसा करने का निर्देश देते हैं तो वह तत्काल इसकी पालना करेंगे, लेकिन केवल केंद्र के नोटिफिकेशन पर वह यह कदम नहीं उठाने जा रहे. माना जा रहा है कि सरकार ऐसा प्रयास करने जा रही है कि कोई भी अपात्र लालबत्ती की शिकायत कर सके.

आज बाबा केदारनाथ के खुले कपाट, सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने किए दर्शन

बुधवार को उत्‍तराखंड में बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं. इस अवसर पर सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां दर्शन किए. छह महीने के बाद बुधवार को केदारनाथ के कपाट खुले हैं. 12 ज्‍योर्तिलिंगों में केदारनाथ को सर्वोच्‍च माना जाता है. कहा जा रहा है कि जिस तरह पीएम मोदी ने यूपी चुनावों के दौरान काशी विश्‍वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक किया था, ठीक उसी तरह पीएम नरेंद्र मोदी केदारनाथ मंदिर में भी रुद्राभिषेक कर रहे हैं. प्रधानमंत्री रहते हुए केदारनाथ जाने वाले नरेंद्र मोदी देश के तीसरे पीएम हैं. इससे पहले इंदिरा गांधी और वीपी सिंह पीएम के तौर पर यहां आ चुके हैं. पीएम मोदी के बाद इसी सप्‍ताह राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी उत्‍तरांड आ रहे हैं. प्रणब मुखर्जी केदारनाथ के अलावा बद्रीनाथ भी जाएंगे.

हालांकि इसके अलावा वहां आम दर्शनार्थी भी पहुंच गए हैं. आज से आम लोग भी दर्शन कर सकेंगे. मंगलवार को ऊखी मठ से बाबा केदारनाथ की डोली मंदिर पहुंची और भक्‍तों ने नाच-गाकर इसका आनंद लिया. परंपरा के मुताबिक छह कुमाऊं रेजिमेंट ने बैंड धुन से बाबा केदारनाथ का स्‍वागत किया. पीएम नरेंद्र मोदी के पहुंचने पर भी बैंड धुन से स्‍वागत होगा. उल्‍लेखनीय है कि 2013 में केदारनाथ त्रासदी के बाद राज्‍य सरकार को आवागमन सुचारू करने और पूरे बंदोबस्‍त को करने में तीन साल का समय लगा. हालांकि त्रासदी के अगली साल से ही यात्रा शुरू हो गई थी.

पीएम मोदी का कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिवसीय दौरे पर उत्‍तराखंड की यात्रा पर हैं. वह सबसे पहले सुबह देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उतरे और वहां एमआई-17 से केदारनाथ पहुंचे. पीएम मोदी के सुबह तकरीबन साढ़े नौ बजे मंदिर में दर्शन किए. वहां से सुबह साढे़ ग्‍यारह बजे के करीब हरिद्वार स्थित पतंजलि योग पीठ पहुंचेंगे और वहां एक कार्यक्रम में हिस्‍सा लेंगे.

पीएम का उत्तराखंड दौरा आज, केदारनाथ में पूजा के बाद जाएंगे पतंजलि योगपीठ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को उत्तराखंड के दौरे पर जा रहे हैं. उनकी उत्तराखंड यात्रा की शुरुआत सबसे पहले केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ होगी, इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे वह हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ के पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट का उद्घाटन करेंगे.

खुद प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. गौरतलब है कि राज्य में सरकार के शपथग्रहण में शामिल होने के बाद पीएम का यह पहला दौरा है. इसके पहले विधानसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने राज्य में कई विशाल जनसभाओं को संबोधित किया था. पीएम के कुशल नेतृत्व में राज्य में बीजेपी को जबर्दस्त सफलता मिली और पार्टी राज्य की सत्ता में आ गई.

I will be inaugurating the Patanjali Research Institute at Patanjali Yogpeeth, Haridwar tomorrow, 12 noon onwards. @yogrishiramdev

— Narendra Modi (@narendramodi) 2 May 2017

पीएम सुबह करीब 9 बजे केदारनाथ पहुंचेंगे. वहां पूजा-अर्चना करने के बाद वह दिन में करीब सवा दस बजे हेलीकॉप्टर से हरिद्वार के लिए रवाना होंगे. वहां उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह दोपहर करीब 1 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे. 3 मई को ही केदारधाम के कपाट खुलेंगे.

Tomorrow I will be visiting Dev Bhoomi Uttarakhand. I will begin my Uttarakhand visit by praying at the Kedarnath Temple.

— Narendra Modi (@narendramodi) 2 May 2017

गौरतलब है कि उत्तराखंड में बीजेपी को बहुमत मिलने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे. उनके शपथ-ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे.

विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को मात देते हुए 70 में से 57 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था. पार्टी ने उत्तराखंड में अपनी पहली सरकार साल 2000 में बनाई थी, जब उत्तर प्रदेश से अलग होकर यह राज्य बना था. नित्यानंद स्वामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे.

केदारनाथ मंदिर में PM मोदी, मंत्रोच्चार के बीच भगवान शिव का किया रुद्राभिषेक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रुद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान शिव के धाम केदारनाथ में पूजा-अर्चना करने पहुंचे. दरअसल आज ही बाबा केदारनाथ के कपाट खुले हैं और सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा केदारनाथ का रुद्राभिषेक किया.

पीएम मोदी ने मंदिर में करीब आधे घंटे तक भगवान शिव की पूजा-अर्चना की. इसके बाद पीएम मोदी जब बाहर आए तब उन्हें वहां के पुजारियों ने विशेष स्मृति चिह्न भी भेंट किए. उन्हें केदारनाथ मंदिर की लकड़ी की बनी एक छोटी सी प्रतिकृति के अलावा एक तस्वीर और एक पटका दिया गया.

इसके बाद प्रधानमंत्री ने केदारनाथ मंदिर के आसपास एकत्र लोगों के करीब जाकर उनका अभिवादन भी स्विकार किया. पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को देखते हुए केदारनाथ में खास तैयारियां की गई थी. पीएम के लिए मंदिर के पास खास हेलीपैड बनाया गया है और सुरक्षा के लिहाज से मंदिर के नजदीक ही सेफ रूम बनाया गया है.

पीएम मोदी बुधवार सुबह ही देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं, वहां से हेलीकॉप्टर के जरिये सीधे केदारनाथ मंदिर पहुंचे. प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर अपनी इस उत्तराखंड यात्रा की जानकारी दी थी.

Tomorrow I will be visiting Dev Bhoomi Uttarakhand. I will begin my Uttarakhand visit by praying at the Kedarnath Temple.

— Narendra Modi (@narendramodi) 2 May 2017

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, केदारनाथ में पूजा-अर्चना करने के बाद पीएम मोदी दिन में करीब सवा दस बजे हेलीकॉप्टर से हरिद्वार के लिए रवाना हो गए. प्रधानमंत्री वहां योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट का उद्घाटन करेंगे. वहां उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह दोपहर करीब 1 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.

I will be inaugurating the Patanjali Research Institute at Patanjali Yogpeeth, Haridwar tomorrow, 12 noon onwards. @yogrishiramdev

— Narendra Modi (@narendramodi) 2 May 2017

गौरतलब है कि राज्य में सरकार के शपथग्रहण में शामिल होने के बाद पीएम मोदी का यह पहला उत्तराखंड दौरा है. इससे पहले विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने राज्य में कई विशाल जनसभाओं को संबोधित किया था. पीएम के कुशल नेतृत्व में राज्य में बीजेपी को जबर्दस्त सफलता मिली और पार्टी राज्य की सत्ता में आ गई. विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को मात देते हुए 70 में से 57 सीटों पर कब्जा जमाया था. इस पहाड़ी राज्य में इस प्रचंड बहुमत के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे. उनके शपथ-ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे.

मोदी के बयान पर मुस्लिम समाज से गूंजी ये आवाज

तीन तलाक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद सियासत और गरमा गई है जिसमें उन्होंने इस मुद्दे को राजनीतिक चश्मेि से नहीं देखे जाने की गुजारिश की थी। हाल ही मेें प्रधानमंत्री ने मुस्लिम समुदाय से जुड़े बुद्धजीवियों से इस व्येवस्थाि की खामियों से बेटियों को बचाने के लिए आगे आने की अपील की थी। गौरतलब है कि यह मुद्दा कोर्ट में लंबित है और इस मुद्दे पर मुस्लिम समाज से अलग-अलग सुर सुनने का मिले हैं।

अपील पर की अपील
तीन तलाक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का स्वागत करते हुए शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास कहते हैं कि इसे वाकई राजनीति से नहीं जोड़ने की जरूरत है। वह खुद भी सभी लोगों को इसे राजनीति से न जोड़ने की अपील करते हैं। मौलाना यासूब का कहना है कि इस्लॉम में तीन तलाक जैसी कोई चीज नहीं हैं, लिहाजा मासूम बच्चियों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए इसे खत्म करना चाहिए। वह सरकार से अपील करते हैं कि सती प्रथा जैसा कानून बनाकर इससे मुस्लिम महिलाओं को इससे मुक्त कराए। यासूब आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उस फैसले पर संदेह जताते हैं जिसमें दो साल के भीतर इसे खत्म करने की बात कही गई थी।

बदलाव जरूरी है!
महिलाओं के मुद्दे को प्रखरता से उठाने वाली नाइस हसन का तीन तलाक के मुद्दे पर कहना है कि जो समाज ठहर जाता है, वह पीछे रह जाता है। ऐसे में बदलाव जरूरी है। नाइस के मुताबिक जिस तरह बाल विवाह, सती प्रथा को खत्म किया गया, उसी तरह अब सिस्टम में बदलाव जरूरी हो गया है। समुदाय और सरकार दोनों को आगे आकर मुस्लिम महिलाओं की पीड़ा समझनी होगी। इस पर निष्पक्ष रूप से बोलना होगा। यह कोई पहला मौका नहीं है, इससे पहले सती के प्रथा दौर में भी ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ा था। नाइस के मुताबिक तीन तलाक का संबंध अल्पसंख्यक समाज से नहीं जुड़ा है।

पीएम मोदी के गढ़ में डीएम ने हाथ में उठायी झाडू, सबको दिया संदेश

पीएम नरेन्द्र मोदी के गढ़ में निर्मल गंगा जन अभियान के तहत मंगलवार को चलाये गये समग्र स्वच्छता अभियान में डीएम योगेश्वर राम मिश्रा ने खुद सफाई अभियान चलाया। जिलाधिकारी ने हाथ में झाडू उठायी और गंगा घाट की सफाई की।

डीएम योगेश्वर राम मिश्रा ने अस्सी, छितौनी एवं शूलटकेश्वर घाट पर सफाई अभियान चलाया है। जिलाधिकारी जब हाथ में झाडू लेकर सफाई करने लगे तो अधीनस्थ कर्मचारी भी कहा पीछे हटने वाले थे। वहां पर उपस्थित सभी लोगों ने हाथ में झाडू लेकर घाट की सफाई की। जिलाधिकारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी को सप्ताह में कम से कम एक दिन सफाई के लिए श्रमदान करना चाहिए। स्वच्छता अभियान चलाने से हमारा शहर साफ होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि दूषित पर्यावरण सभी के लिए खतरा है इसलिए आवश्यक है कि हम अपने आस-पास की जगह को साफ रखे। जिलाधिकारी ने कहा कि शहर को साफ रखना किसी एक की जिम्मेदारी नहीं है। सभी को मिल कर काम करना होगा तभी हमारा शहर साफ हो पायेगा।

पीएम नरेन्द्र मोद ने की थी सफाई अभियान की शुरूआत
पीएम नरेन्द्र मोदी ने अस्सी घाट पर फावडा चला कर देश में स्वच्छता अभियान की शुरूआत की थी। इसके बाद से लगातार सफाई अभियान चलाया जा रहा है। सफाई अभियान का बहुत प्रभाव पड़ा है और लोगों को सफाई के प्रति जागरूकता आयी है।

शहर की बदलने लगी है रंगत
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को लेकर सरकार विभाग सक्रिय हो गया है, जिसका असर दिखने लगा है। जिन जगहों पर गंदगी का अंबार दिखता था वहां पर अब सफाई दिखती है। काशी में रात को भी सफाई अभियान चलता है और कूड़ा उठाया जाता है।

करसड़ा प्लांट में इको फेंडली कंपनी लगायी अपनी मशीन
यूपी में सीएम आदित्यनाथ योगी की सरकार बनने के बाद से सफाई अभियान में बहुत तेजी आ गयी है। कूड़ा निस्तारण के लिए करसड़ा में एनटीपीसी ने प्लांट लगाया हुआ है, जहां पर कूड़े से खाद बनायी जा रही है। बीजेपी सरकार ने यहां पर कूड़ा निस्तारण के लिए नयी मशीन लगाने की जिम्मेदारी इको फ्रेंडली कंपनी को दी है। नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने खुद इस बात की जानकारी दी थी और बताया था कि मशीन लगाने के लिए सिर्फ सरकार को जमीन देनी पड़ी है बाकी सभी खर्चा कंपनी खुद उठायेगी। एक बार मशीन चालू हो जायेगी तो शहर से कूड़े की समस्या का समाधन हो जायेगा।

जनता को बोलने वाला पीएम चाहिए था, PM मोदी चलते नहीं, सीधे छलांग लगाते हैं : नए पार्षदों से अमित शाह

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली एमसीडी चुनाव में पार्टी की जीत पर जीतने वालों को बधाई दी. साथ ही उन लोगों को भी बधाई दी जो चुनाव नहीं लड़े, जिन पार्षदों ने पार्टी के निर्णय को स्वीकार किया और कार्यकर्ता के रूप में काम किया. अमित शाह ने कहा कि एमसीडी चुनाव की जीत अंतिम नहीं है. यह दिल्ली में सरकार बनाने की पहल है. एमसीडी को अपने काम से दिल्ली में जगह बनानी है. जनता ने जो हम पर विश्वास रखा है, हमें उनकी अपेक्षाओं को पूरा करना है. जनता के विश्वास को जीतने के लिए हमें विनम्र बनना है.

बीजेपी और पीएम मोदी पर जनता का भरोसा
अमित शाह ने कहा कि 2014 से जनता बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पर आंख मूंदकर भरोसा कर रही है. शाह ने कहा कि उन्होंने कई सभाएं की, कोई कुछ नहीं पूछता, हमने सभाओं में अपनी ओर से ही लोगों को बातें समझाईं, लोग भरोसा कर रहे हैं मोदी पर. सभी मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे. उन्होंने उसी तरह वोट भी दिए.

जनता को बोलने वाला पीएम चाहिए था
अमित शाह ने कहा- जनता को बोलने वाला प्रधानमंत्री चाहिए था. वह सिर्फ प्रधानमंत्री को सुनना चाह रहे थे. कोई अपेक्षा नहीं थी, लेकिन पीएम ने 20-20 घंटे काम करके देश को ऊपर उठाया. पीएम मोदी चलते-दौड़ते नहीं सीधे छलांग लगाकर गंतव्य की ओर बढ़ते हैं.

गरीबों को समर्पित है सरकार
पीएम नरेंद्र मोदी ने सरकार बनते ही कहा था कि यह सरकार गरीबों को समर्पित है, बेरोजगारों को समर्पित है, किसानों को समर्पित है. देश का मान बढ़ाने के लिए उन्होंने वादा किया. अमित शाह ने कहा कि आज तीन साल बाद पीएम मोदी ने हर मुद्दे पर कुछ न कुछ किया है और उनके समाधान की दिशा में काम किया है. दुनियाभर के आर्थिक पंडित मानते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है.

मोदी सरकार ने किसानों, गरीबों की समस्याएं दूर करने के लिए काम किए
अमित शाह ने कहा कि किसानों की समस्या दूर करने के लिए पीएम मोदी ने कई कदम उठाए हैं. युवाओं और बेरोजगारों को काम देने के लिए नई योजनाएं शुरू की. महिलाओं के उत्थान के लिए काम किया. शौचालय बनवाने का काम किया. 7 करोड़ से ज्यादा घरों में शौचालयों का निर्माण हो चुका है. यह एक प्रकार का सोशल एंपावरमेंट किया गया है. मोदी सरकार ने स्टैंडअप, स्टार्टअप, स्किल इंडिया के जरिए कई काम किए. गरीब महिलाओं के घर में गैस पहुंचाकर उनका जीवनस्तर उठाने का काम किया है.

राजनाथ सिंह से प्रधानमंत्री से साझा की कश्मीर और सुकमा के हालात पर सरकार की तैयारी

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुकमा में सुरक्षा बलों पर हुए नक्सली हमले के बाद उठाए गए कदमों के साथ जम्मू-कश्मीर के लिए 80 हजार करोड़ रुपये के विकास पैकेज की स्थिति के बारे में जानकारी दी.

जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर आधे घंटे की बैठक में गृहमंत्री ने छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों द्वारा सीआरपीएफ के जवानों पर किए गए कायरतापूर्ण हमले के बाद उठाए गए कदमों का ब्योरा दिया. गौरतलब है कि सुकमा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हुए थे.

गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के लिए 80 हजार 68 करोड़ रुपये के पैकेज की स्थिति के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी. इस पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने नवंबर 2015 में की थी. अब तक केंद्र ने राज्य सरकार को 19000 करोड़ रुपये जारी किए हैं. मेगा पैकेज को सफलतापूर्वक लागू करना कश्मीर में अलगाव की भावना को शांत करने के लिए महत्वपूर्ण है.

तीन तलाक के मसले को राजनीतिक चश्‍मे से नहीं देखा जाना चाहिए : पीएम नरेंद्र मोदी

तीन तलाक पर चल रही बहस के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक चश्‍मे से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्‍होंने मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्ध तबके से अपील करते हुए यह भी कहा कि इस व्‍यवस्‍था की खामियों से बेटियों को बचाने के लिए उनको आगे आना चाहिए. पीएम नरेंद्र मोदी का यह बयान ऐसे वक्‍त आया है जब तीन तलाक का मसला सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष लंबित है और वह जल्‍द ही इस पर सुनवाई कर इसकी संवैधानिक वैधानिकता पर फैसला देने वाली है.

कन्नड़ दार्शनिक बसवेश्वर की जयंती पर यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मोदी ने उम्मीद जताई कि भारत के मुसलमान दुनिया भर में अपने समकक्षों को ”आधुनिकता का मार्ग दिखायेंगे.” उन्होंने कहा, ”इन दिनों तीन तलाक पर काफी बहस हो रही है. भारत की महान परंपरा को देखते हुये मेरे मन में यह उम्मीद है कि देश में इस समुदाय के प्रभावशाली लोग इस पुरानी हो चुकी व्यवस्था को खत्म करने के लिये आगे आयेंगे और आधुनिक व्यवस्था विकसित करेंगे.” अपने 40 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण, समानता और सुशासन के बारे में बातें कीं.

तीन तलाक के संदर्भ में उन्होंने कहा, ”यह हमारे देश की मिट्टी की ताकत है कि (मुस्लिम) समुदाय के लोग ही इस परेशानी से हमारी माताओं और बहनों को बचाने के लिये आगे आयेंगे.” प्रधानमंत्री ने समारोह में मौजूद लोगों से कहा, ”मैं समुदाय के लोगों से अनुरोध करूंगा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण न होने दें.” इस अवसर पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार भी मौजूद थे.

मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी : ‘सबका साथ, सबका विकास’ पड़ोसी देशों के लिए भी है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा से ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ने का प्रयास किया है और उसका यह मूलमंत्र सिर्फ देश के भीतर नहीं, बल्कि वैश्विक परिवेश और अड़ोस-पड़ोस के देशों के लिए भी है.

पीएम मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा, ”भारत ने हमेशा ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ने का प्रयास किया है. जब हम सबका साथ-सबका विकास की बात करते हैं तो वो सिर्फ भारत के अंदर के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक परिवेश और खासकर हमारे अड़ोस-पड़ोस के देशों के लिए भी है.”

उन्होंने कहा, ”हम चाहते हैं कि हमारे पड़ोस के देशों का साथ भी हो, हमारे अड़ोस-पड़ोस के देशों का विकास भी हो.” प्रधानमंत्री ने कहा, ”पांच मई को भारत दक्षिण एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा. इस उपग्रह की क्षमता तथा इससे जुड़ी सुविधाएं दक्षिण एशिया की आर्थिक और विकासात्मक प्राथमिकताओं को पूरा करने में काफी मदद करेगा. यह हमारे पूरे क्षेत्र के आगे बढ़ने में मददगार होगा.”

दुनिया में कई स्थानों पर हिंसा और युद्ध की स्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ”विश्व आज जिन समस्याओं से गुजर रहा है उनको देखते हुए बुद्ध के विचार प्रासंगिक लगते हैं. भारत में अशोक का जीवन युद्ध से बुद्ध की यात्रा का उत्तम प्रतीक हैं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेरा सौभाग्य है कि बुद्ध पूर्णिमा के इस महान पर्व पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाए जा रहे वैसाख दिवस में शामिल होऊंगा. श्रीलंका में मुझे भगवान बुद्ध को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने का अवसर मिलेगा.’ उन्होंने एक मई को श्रमिक दिवस के मौके पर भारतीय मजदूर संघ के जनक दत्तोपंत ठेंगड़ी के विचार को उद्धृत करते हुए कहा, ‘एक तरफ माओवाद से प्रेरित विचार था कि दुनिया के मजदूर एक हो जाओ और दत्तोपंत ठेंगड़ी कहते थे कि मजदूरों दुनिया को एक करो. आज श्रमिकों की बात करता हूं तो दत्तोपंत ठेंगड़ी जी को याद करना बहुत स्वाभाविक है.’