Monthly Archives: May 2017

देश की इकोनॉमी पर असर डालेंगे पीएम मोदी कैबिनेट के ये 6 अहम फैसले

बुधवार को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक में केंद्रीय कैबिनेट ने कई बड़े फैसलों को मंजूरी दी। इन फैसलों में एनपीए की समस्या से उबरने के लिए समाधान और राष्ट्रीय इस्पात नीति प्रमुखता से शामिल रहे। इनमें से अधिकांश फैसले देश की अर्थव्यवस्था पर असर डाल सकते हैं। जानिए कैबिनेट कमेटी ने किन बड़े फैसलों पर मुहर लगाई।

एनपीए संकट के लिए अध्यादेश मसौदे को मंजूरी: बैंकों को फंसे कर्ज (एनपीए) के संकट से उबारने के लिए सरकार एक अध्यादेश लेकर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने बुधवार को इस अध्यादेश के मसौदे को हरी झंडी दी। अब यह अध्यादेश राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मंजूरी के लिए भेजा गया है। राष्ट्रपति की मुहर लगने और गजट में अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद यह लागू हो जाएगा। सरकार इस अध्यादेश के जरिये बैंकिंग नियमन कानून में संशोधन कर रही है, ताकि फंसे कर्ज के संकट से जूझ रहे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को उबारा जा सके। इन बैंकों का लगभग 6.60 लाख करोड़ रुपये एनपीए में तब्दील हो चुका है। पिछले तीन वर्षो से राजग सरकार ने हालात संभालने के लिए कई कदम उठाए हैं।

राष्ट्रीय इस्पात नीति को मंजूरी: पीएम मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में स्टील उत्पादन की वार्षिक क्षमता 2030-31 तक 30 करोड़ टन करने के लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय इस्पात नीति-2017 को मंजूरी दी है। इसमें इस्पात क्षेत्र में अधिक क्षमता के सृजन के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही इसमें 2030-31 तक अलॉय के 30 करोड़ टन के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। वहीं नेशनल स्टील पॉलिसी में 2030-31 तक प्रति व्यक्ति स्टील की खपत को भी 160 किलोग्राम पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

तीन होटलों की बागडोर राज्यों को सौंपेगी सरकार: सरकार आइटीडीसी के तीन होटलों- अशोक भोपाल, अशोक भरतपुर और अशोक ब्रह्मपुत्र की बागडोर संबंधित राज्य सरकारों को सौंपेगी। कैबिनेट की बैठक में बुधवार को इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। फिलहाल इन तीनों होटलों का प्रबंधन भारतीय पर्यटन विकास निगम (आइटीडीसी) के पास है।

सरकार अशोक भोपाल में आइटीडीसी की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी मध्य प्रदेश सरकार को सौंपेगी। गुवाहाटी स्थित होटल अशोक ब्रह्मपुत्र में हिस्सेदारी असम सरकार को बेची जाएगी। वहीं, अशोक भरतपुर का प्रबंधन राजस्थान सरकार को सौंपा जाएगा। फिलहाल इस होटल में पूरी हिस्सेदारी राजस्थान सरकार की है, सिर्फ इसका प्रबंधन आइटीडीसी के पास है।

विजयवाड़ा हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय दर्जा: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने को भी मंजूरी दी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि यह मंजूरी आंध्र प्रदेश पुनर्गठन कानून, 2014 के तहत दी गई है। आपको बता दें कि इस कानून के तहत राज्य को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अलग-अलग किया गया था। इस वजह से राजधानी हैदराबाद और शहर में स्थित एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नए राज्य तेलंगाना को ट्रांसफर हो गया।

फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए ‘संपदा’ को मंजूरी: सरकार ने समुद्री और कई कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए 6000 करोड़ रुपये की एक नई योजना ‘संपदा’ को मंजूरी दी है। इस योजना को 2016 से 2020 के दौरान लागू किया जाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स) की बैठक में इस पर अहम फैसला लिया गया।

अंतर्राष्ट्रीय समझौतों पर भी मुहर: इन बड़े फैसलों के साथ ही कैबिनेट ने इस बैठक के दौरान कुछ अंतर्राष्ट्रीय समझौतों पर भी मुहर लगाई। इसमे एक समझौता भारत और जापान के बीच रेल सेफ्टी से जुड़ा है। जापान के साथ फरवरी में समझौते पर दस्तखत किये गये थे। यह करार पटरियों की सुरक्षा पर सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके तहत पटरियों की सुरक्षा में लगे भारतीय कर्मियों को जापान में आधुनिकतम तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

हिमाचल में ‌विस चुनाव से पहले पीएम मोदी करेंगे चार रैलियां

हिमाचल में भी भाजपा यूपी और उत्तराखंड के फार्मूले पर काम करेगी। ग्राउंड पर होमवर्क पूरा करने के बाद पार्टी चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चारों संसदीय क्षेत्रों में रैलियां कराने की योजना पर काम कर रही है। ये रैलियां जून महीने के बाद हो सकती हैं। पीएम ने मंडी और शिमला में दो रैलियां की हैं, लेकिन चुनावी रैलियां इनसे अलग होंगी।

प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए भाजपा ने इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से कार्ययोजना पर चर्चा के बाद प्रदेश भाजपा इसे पीएमओ को भेजेगी। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा एवं मणिपुर के फार्मूले को हिमाचल में अपनाने जा रही है।

योजना के तहत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों के बाद जिला, मंडल स्तर पर होमवर्क पूरा करने के साथ कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे। लोगों से संपर्क स्थापित करने के बाद पीएम मोदी की चारों संसदीय क्षेत्रों में रैलियां कराकर हिमाचल में भी भाजपा की हवा बनाने की योजना पर काम हो रहा है।

रंग लाई पीएम मोदी की मेहनत, यूपी का सबसे ‘स्वच्छ’ शहर बना बनारस

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहिम अब रंग ला रही है। नई दिल्ली में शहरी विकास मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी स्वच्छता रैकिंग में वाराणसी को उत्तर प्रदेश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है।

इस रैंकिंग में वाराणसी ने इलाहाबाद, लखनऊ, कानपुर मेरठ जैसे शहरों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्‍थान हासिल किया है। वाराणसी को देशभर के शहरों में 32वां स्‍थान मिला है। पिछले साल वाराणसी की 65 वीं रैंकिंग थी। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से पिछले एक साल में वाराणसी में तीन हजार शहरी गरीबों के लिए निजी शौचालय और शहर में 126 स्‍थानों में मूत्रालय बनाया गया।

साथ ही 95 आधुनिक सामुदायिक शौचालय भी बनाए गए। नगर निगम की ओर से कई स्वच्छता जागरुकता कार्यक्रम चलाए गए। एप लांच कराया गया। इसके अलावा पिछले तीन साल से प्रधानमंत्री खुद ही वाराणसी के लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक कर रहे हैं।

वह कई बार मंच से वाराणसी के लोगों से अपील कर चुके हैं। इसी के फलस्वरुप वाराणसी को प्रदेश में शीर्ष स्‍थान मिला है। यह स्वच्छता सर्वे इसी साल तीन से पांच फरवरी के बीच हुआ था।

इस सर्वे में वाराणसी के बाद अलीगढ़ को 145वां, झांसी को 166वां, कानपुर को 175वां, सहारनपुर को 245, जौनपुर को 246वां, इलाहाबाद को 247वां, लखनऊ को 269, मेरठ को 339 वां, सुल्तानपुर को 309वां, गाजीयाबाद को 351वां, बलिया को 361 वां, मिर्जापुर को 389वां, आजमगढ़ को 398वां, गाजीपुर को 413वां, उन्नाव को 417 वां, हापुण को 424वां, हरदोई को 431वां, गोंडा को 434 वां स्‍थान मिला।

मोदी की स्पेस डिप्लोमेसी, आज SAARC देशों को मिलेगा सैटेलाइट, PAK शामिल नहीं

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो शुक्रवार शाम 4:57 बजे दक्षिण एशिया संचार उपग्रह जीसैट-9 को लांच करेगा. इसको श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया जाएगा. इस सैटेलाइट यानी उपग्रह के प्रक्षेपण से दक्षिण एशियाई देशों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही दक्षिण एशिया क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम किया जा सकेगा.

इस भूस्थिर संचार उपग्रह का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किया है. इसका प्रक्षेपण यहां से किया जाएगा. जीसैट-9 को भारत की ओर से उसके दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के लिए उपहार माना जा रहा है. इस उपग्रह को इसरो का रॉकेट जीएसएलवी एफ-09 से लांच किया जाएगा. इसरो के अध्यक्ष किरण कुमार ने बताया कि शुक्रवार शाम चार बजकर 57 मिनट पर प्रक्षेपण होगा.

आठ सार्क देशों में से सात भारत, श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और मालदीव इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. पाकिस्तान ने यह कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया कि उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है. इस उपग्रह की लागत करीब 235 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य दक्षिण एशिया क्षेत्र के देशों को संचार और आपदा सहयोग मुहैया कराना है.

12 साल है जीसैट-9 की लाइफटाइम
जीसैट को चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांचिंग पैड से लांच किया जाएगा. इसरो ने बताया कि जीसैट-9 मिशन के ऑपरेशन का 28 घंटे का काउंटडाउन बृहस्पतिवार दोपहर 12:57 बजे शुरू हुआ. इसका मिशन लाइफटाइम 12 साल का है.

PM मोदी की स्पेस डिप्लोमेसी
मई 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से सार्क सैटेलाइट बनाने के लिए कहा था, जो पड़ोसी देशों को भारत की ओर से उपहार होगा. साथ ही चीन के प्रभाव को क्षेत्र में कम किया जा सकेगा. बीते रविवार को मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने घोषणा की थी कि दक्षिण एशिया उपग्रह अपने पड़ोसी देशों को भारत की ओर से कीमती उपहार होगा. मोदी ने कहा था, ‘पांच मई को भारत दक्षिण एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा. इस परियोजना में भाग लेने वाले देशों की विकासात्मक जरुरतों को पूरा करने में इस उपग्रह के फायदे लंबा रास्ता तय करेंगे.

हरिद्वार में बोले रामदेव-महामानव हैं मोदी, संबोधन की 10 मुख्य बातें

केदारनाथ दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरिद्वार में पतं‌जलि योगपीठ में रिसर्च सेंटर का उद्घाटन किया। एक क्लिक में जानिए बाबा ने अपने संबोधन में क्या कहा।

इस दौरान बाबा राम देव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्र ऋषि घोषित किया। इससे पहले रामदेव ने कहा कि देश आज भारत का लोहा मान रहा है। क्योंकि देश को नरेंद्र मोदी के रुप में एक आदर्श नेतृत्व मिला है।

केदारनाथ धाम से हैं PM मोदी का गहरा नाता, पढ़ेंगे नहीं तो पछताएंगे

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दूसरी बार केदारनाथ में पहुंच रहे हैं। केदारनाथ घाटी से प्रधानमंत्री मोदी का गहरा नाता है।

बुधवार से केदारनाथ धाम यात्रा शुरू हो रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी धाम पहुंच रहे हैं। इससे पूर्व वे 80 के दशक में इस क्षेत्र में आए थे और करीब डेढ़ माह तक यहां रहे थे। इस दौरान गरुड़चट्टी की एक गुफा में उन्होंने ध्यान किया था।

भगवान आशुतोष के 12 ज्योर्तिलिंगों में ग्यारहवें केदारनाथ धाम के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहले से ही लगाव रहा है। गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले 80 के दशक में आपातकाल के दौरान मोदी ने डेढ़ माह तक मध्य हिमालय के इस उच्च क्षेत्र में रहकर साधना की थी।

केदारनाथ मंदिर से ढाई किमी पहले मंदाकिनी नदी के किनारे गरुड़चट्टी में एक गुफा में रहकर उन्होंने एकाग्रता व आत्मविश्वास के लिए साधना की थी। इस दौरान वे रोजाना मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना किया करते थे।

विकीपीडिया में भी जिक्र है कि मोदी ने उस दौर में दो साल तक हिमालय क्षेत्र कर भ्रमण किया था। इसके अलावा मोदी ने जून 2013 में आपदा से प्रभावित हुए केदारनाथ को गोद लेकर संवारने की इच्छा भी जाहिर की थी, तब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते यह नहीं हो सका। बावजूद मोदी ने गुजरात से क्षेत्र के लिए राहत सामग्री के कई ट्रक भेजे, जो मदद की मिसाल बने।

देखिए, केदारनाथ में मोदी ने ऐसे बताया कि मैं वीआईपी नहीं हूं!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए उत्तराखंड पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी जब मंदिर में दर्शन करने से पहले जूते खोलने के लिए बैठे, तभी सुरक्षा में लगे एक अफसर ने आकर उनके जूते खोलने में मदद करने की कोशिश की, पर प्रधानमंत्री ने उसे मना करते हुए कहा कि वो अपने जूते खुद खोल लेंगे। बुधवार से  केदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के  लिए खोल दिए गए हैं ।

पतंजलि में पीएम नरेंद्र मोदी : कहा-मुझे क्‍या करना है, क्‍या नहीं ये रामदेव जी ने मुझे बताया

उत्‍तराखंड में बुधवार को बाबा केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी हरिद्वार में बाबा रामदेव के पतंजलि संस्थान पहुंचे. वहां पर नए आयुर्वेदिक रिसर्च संस्‍थान का उद्घाटन करने के दौरान बाबा रामदेव की तरीफ करते हुए कहा कि मुझे क्या करना है, क्या नहीं ये रामदेव जी ने मुझे बताया है. बाबा रामदेव की तरफ इशारा करते हुए पीएम ने कहा कि मुझे खुद से ज़्यादा आपके आशीर्वाद की ताक़त पर भरोसा है. आपका आशीर्वाद ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत है. यहां पर परिवार के सदस्‍य की हैसियत के तौर पर आने का सौभाग्य मिला है. उन्‍होंने कहा कि जब आपको सम्मान मिलता है तो आपसे उम्मीदें भी होती हैं.

इससे पहले बुधवार सुबह उत्‍तराखंड में बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए. इस अवसर पर सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां दर्शन किए. छह महीने के बाद बुधवार को केदारनाथ के कपाट खुले हैं. 12 ज्‍योर्तिलिंगों में केदारनाथ को सर्वोच्‍च माना जाता है. पीएम नरेंद्र मोदी केदारनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक भी किया. प्रधानमंत्री रहते हुए केदारनाथ जाने वाले नरेंद्र मोदी देश के तीसरे पीएम हैं. इससे पहले इंदिरा गांधी और वीपी सिंह पीएम के तौर पर यहां आ चुके हैं. पीएम मोदी के बाद इसी सप्‍ताह राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी उत्‍तरांड आ रहे हैं. प्रणब मुखर्जी केदारनाथ के अलावा बद्रीनाथ भी जाएंगे.

बच्चों ने पीएम नरेंद्र मोदी को भेजी एक किलोमीटर लंबी चिठ्ठी, लिखा-पाक को सबक सिखाइए

जम्मू एवं कश्मीर में एलओसी के नजदीक पाकिस्तानी सेना द्वारा हमारे देश के जवानों को शहीद कर उनके शवों के साथ बर्बरता किए जाने से आहत यहां के बच्चों ने एक किलोमीटर लंबी चिठ्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखकर भेजी है और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने को कहा है. पाकिस्तान के कायरता भरे हमले में देश के दो जवान नायब सूबेदार परमजीत सिंह और बीएसएफ के हेड कांस्टेबल प्रेम सागर शहीद हो गए. शहीद हुए देश के वीर सैनिकों को मंगलवार को आरएसडी एकेडमी के छात्रों ने श्रद्धांजलि अर्पित की गई. छात्रों ने पाकिस्तान को मुहतोड़ जवाब देने का अनुरोध करते हुए एक किलोमीटर लंबी चिठ्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखकर भेजी है.

चिट्ठी में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी को इस मामले में कड़ा कदम उठाना चाहिए. पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए, जिससे दुबारा वह इस तरह की हरकत न कर सके.

आगे लिखा गया है कि सरकार को इसका बदला लेना चाहिए. एक सिर के बदले 10 सिर पाकिस्तानी सेना के वापस लाने चाहिए. चिठ्ठी में कहा गया कि सरकार को इस ओर सख्त और बेहद कड़ा कदम उठाने की जरूरत है.

छात्रों ने लिखा, “हमें अपने देश के वीर जवानों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए. कब तक हमारे देश के वीर जवान सीमा पर अपनी जान गवाते रहेंगे. हमें पाक के इस हमले को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.”

जानें किसने कहा, समय बर्बाद न करें, 2024 तक पीएम पद के लिए कोई वेकन्सी नहीं

केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान ने विपक्षी दलों के एकता के प्रयास पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, क्योंकि वर्ष 2024 तक प्रधानमंत्री पद के लिए कोई वेकेन्सी नहीं है. दादरा एवं नागर हवेली में 29 और 30 अप्रैल को संपन्न अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान पासवान ने ‘दलित समर्थक’ कदमों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भरपूर तारीफ की. साथ ही पासवान ने विश्वास व्यक्त किया कि मोदी साल 2024 तक पद पर बने रहेंगे. लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में, पदोन्नति में आरक्षण को तत्काल लागू करने के लिए संविधान में संशोधन किए जाने की मांग की गई उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों का अभाव जारी रहने के मद्देनजर उनकी पार्टी ने निजी क्षेत्र में भी आरक्षण शीघ्र लागू करने की मांग की है.

साथ ही पार्टी ने एक संकल्प पारित किया जिसमें 15 अगस्त से 26 जनवरी तक सदस्यता अभियान में देश भर में एक करोड़ नए सदस्य बनाने की बात कही गई है. पासवान ने वर्तमान में विभिन्न दलों में मौजूद, पूर्व सहयोगियों को संतरे की तरह बताया जो बाहर से तो एक होता है लेकिन अंदर से विभाजित होता है.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार (जदयू), मुलायम सिंह यादव (सपा), लालू प्रसाद (राजद) कभी एक नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की खोज के लिए अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए. अगला लोकसभा चुनाव साल 2019 में होगा और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत के बाद भाजपा नीत राजग का मनोबल बहुत ऊंचा है. पासवान ने लालू प्रसाद और उनके दो बेटों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि जदयू प्रमुख इसकी वजह से मुश्किल में हैं. लालू के दोनों बेटे नीतीश सरकार में मंत्री हैं.

लोजपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी संसद में 33 फीसदी सीटें आधी आबादी को देने का प्रावधान करने वाले महिला आरक्षण विधेयक की राह बनाना चाहती है लेकिन उसमें अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ साथ कराने के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि इन चुनावों के लिए वित्तपोषण राज्यों को करना चाहिए.