प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्तार अंसारी के गढ़ मऊ में जनसभा को संबोधित किया, पीएम मोदी ने पांचवे चरण के लिए हो रहे मतदान के लिए लोगों का धन्यवाद देते हुए कहा कि भारी संख्या में लोग मतदान कर रहे हैं, इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। पहले ही चरण से पश्चिम से पूर्व तक जिस तरह से लोग अपना समर्थन दे रहे हैं, उससे साफ हो चुका है कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सरकार बनने जा रही है। पीएम ने कहा कि जब लोकसभा में हमें पूर्ण बहुमत मिला था तो लोगों ने भ्रम फैलाया था कि भाजपा अब अकेले सरकार चलाएगी और उसे सहयोगियों की जरूरत नहीं है, लेकिन भाजपा का संस्कार है, हम जिसके साथ जुड़ते हैं उसके साथ जीवनभर का साथ रखते हैं और तमाम छोटे दलों को सरकार में हमने शामिल किया और उनकी सेवा ले रहे हैं।
गरीब के बेटे को पीएम बना दिया
मेरा जैसा गरीब बेटा, जिसके पिता ना तो प्रधानमंत्री थे और ना ही किसी गांव के प्रधान, जिसकी मां पड़ोस के कमरे में कपड़ा धोती थी, बर्तन साफ करती थी उसे प्रधानमंत्री बना दिया है। मैं गरीबी में जिया हूं, उसे देखने के लिए मुझे कहीं जाना नहीं होता है, उसका मुझे अनुभव है। आप बताइए जिनकी 500-1000 की नोट गई वह मुझे आशीर्वाद देंगे क्या। मैंने 800 दवाइयों के दाम कम कर दिए वह मेरी जय जयकार करेंगे क्या, लेकिन ऐसे लोगों से मुझे डरना चाहिए क्या। 70 सालों तक जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें मैंने बैंको में जमा करने पर मजबूर कर दिया है।
अखिलेश सरकार किसान विरोधी सरकार
समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने के लिए भारत सरकार पैसा देती है, लेकिन अखिलेश सरकार ने फसल नहीं खरीदी, इन्होंने सिर्फ 3 फीसदी फसल समर्थन मूल्य पर खरीदा है, इससे बड़ा अन्याय क्या हो सकता है। जो किसान विरोधी हो, जो सिर्फ जाति के नाम पर अपना उल्लू सीधा करे उसे जनता माफ नहीं करेगी। यह चुनाव आपके भविष्य का चुनाव है, 15 साल सपा और बसपा ने आपको तबाह करके रखा है, क्या फिर से उसी चक्कर में पड़ना है। गुजरात का कोई ऐसा शहर नहीं होगा जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग नहीं हो। उत्तर प्रदेश का विकास करना है तो औद्योगिक विकास करना होगा, उद्योग लगाना होगा, कारखाना लगाना होगा।
कारखानों के लिए बिजली चाहिए होती है, लेकिन यूपी में बिजली नहीं आती, अखिलेशजी कहते हैं कि हम बिजली दे रहे हैं। जहां मतदान हो चुका है वहां बिजली कट कर दी है गई है, यह धोखा है, यह चालाकी है, सरकार जनता जनार्दन के साथ चालाकी करती है। अगर हमसे गलती होती है तो हमें कहना चाहिए और जनता हमें माफ कर देती है।
बाहुबली जेल जाते हैं तो मुस्कुराते हैं
यहां कोई बाहुबली जेल जाता है तो मुस्कुराते हुए जाता है, यह इसलिए जेल के भीतर से गैंग चलाने, बड़ा सा बड़ा काम कराने के लिए जेल स्वर्ग होता है, बाहर कोई भी कांड हो वह कहता है कि मैं जेल में था, यह बहुत परफेक्ट व्यवस्था है। जो लोग जेल में खाना पहुंचाते हैं, मेरा संदेश पहुंचा देना, जमाना बदल चुका है, वक्त बदल चुका है। 11 मार्च को नतीजे आने के बाद हम सच्चे अर्थ में जेल को जेल बनाकर रखेंगे, फिर देखेंगे कैसे मौज मस्ती करते हो, कैसे खेल खेलते हो, 11 मार्च के बाद सारे खेल बंद हो जाएंगे। कानून व्यवस्था की बात करना और बाहुबलियों को टिकट देते हो, यह नहीं चलेगा।
भारत माता को मजबूत बनाना है
मैंने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था, जब मैं पीएम बनुंगा मुझे मालू नहीं था, तब मैंने कहा था कि अगर भारत को गरीबी से मुक्त करना है, भारत को पिछड़ेपन से मुक्त करना है, भारत को विकास की नई उंचाइयों पर ले जाना है तो हमारे हिंदुस्तान का सर्वांगीण विकास होना चाहिए। अगर हम स्वस्थ्य शरीर की कल्पना करें, अगर शरीर की उंचाई, दिल, दिमाग स्वस्थ्य हो लेकिन अगर एक हाथ, पैर लकवा मार जाए तो क्या होगा, शरीर के सारे अंग मजबूत होने चाहिए। हमारी भारत माता को मजबूत होना चाहिए। जैसा हमारे हिंदुस्तान के पश्चिमी हिस्से का विकास हुआ है वैसे ही पूर्वी भारत का भी विकास होना चाहिए।
संसद में हर किसी की आंखों में आंसू थे
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश को पीछे रखने का गुनाह किया है, यही काम सपा और बसपा ने किया है, इन लोगों को सजा देनी आवश्यक है। जब पंडित नेहरू जिंदा थे, पार्लियामेंट के अंदर गाजीपुर के पूर्व सांसद वीपी सिंह ने 11 जून 1962 को संसद के भीतर भाषण दिया था तो सारी संसद की आंखों में आसूं थे, उन्होंने कहा देश के हुक्मनारों आपको पता है कि पूर्वी यूपी के लोग कैसी मुसीबत से जिंदगी गुजार रहे हैं, कैसी भुखमरी है, कैसी बेरोजगारी है। संसद में बैठा हुआ कोई व्यक्ति कोई विश्वास नहीं करेगा कि पूर्वी यूपी में ऐसे गरीब परिवार हैं जो गोबर से मिलने वाले अनाज को धोकर अपना गुजारा करते हैं। यह दर्द वीपी सिंह ने नेहरूजी के सामने संसद में कहा था और सबकी आंखों में आंसूं था। उसके बाद पंडित नेहरू ने श्रीमान एचएम पटेल की अध्यक्षता में समिति बनाई कि पूर्वी यूपी के लिए क्या किया जाना चाहिए, नेहरू के जीते जी यह रिपोर्ट दी थी, लेकिन आज 50 साल हो गए, वह रिपोर्ट वैसे की वैसे ही डिब्बे में बंद पड़ी है।