प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से पत्र लिखने पर छात्रा की मदद की है. कर्नाटक के मांड्या की मुस्लिम छात्रा सारा को एमबीए की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन चाहिए था. बैंक वाले लोन नहीं दे रहे थे तो उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मदद मांगी. पीएमओ के आदेश पर छात्रा को बैंक ने 1.5 लाख रुपए का लोन स्वीकृत कर दिया. हालांकि सारा का एजुकेशन लोन दूसरे बैंक से मिला है. बताया जा रहा है कि सारा ने पहले का एजुकेशन लोन चुकता नहीं किया था, इसलिए बैंक ने उसे दोबारा लोन देने से मना कर दिया था.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मांड्या में रहने वाले अब्दुल इलियास की बेटी सारा ऊंची शिक्षा हासिल करना चाहती थी. पिता के पास पर्याप्त पैसे नहीं थे तो सारा ने बैंक में एजुकेशन लोन के लिए आवेदन किया. बैंक ने लोन देने से मना कर दिया, शर्त रखी की पहले पुराना लोन चुकाओ फिर नया लोन मिलेगा. इसके बाद छात्रा सारा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर लोन दिलाने में मदद करने की मांग की. सारा ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना का जिक्र किया.
छात्रा के पत्र पर प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय ने तत्काल एक्शन लेते हुए कर्नाटक के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सारा को लोन दिलाने में मदद करने का आदेश दिया.
इसके बाद सारा को विजया बैंक से एजुकेशन लोन मिल गया. विजया बैंक के मैनेजर क्षेमा कुमार का कहना है कि सारा के पिता का बैकग्राउंड और देखकर लोन स्वीकृत किया गया है.
सारा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी ने बी. कॉम. में 83 प्रतिशत नंबर हासिल किए थे। उन्होंने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और पिछले आठ महीने से उन्हें सैलरी नहीं मिली है। सारा ने कहा कि इतनी बड़ी आबादी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसके एक खत पर मदद करेंगे, उसे इसका जरा भी अंदाजा नहीं था. छात्रा सारा और उसके पिता ने पीएम मोदी को शुक्रिया कहा है.