Monthly Archives: March 2017

पीएम नरेंद्र मोदी को मुस्लिम छात्रा ने लिखा पत्र, बैंक ने झट से दिया एजुकेशन लोन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से पत्र लिखने पर छात्रा की मदद की है. कर्नाटक के मांड्या की मुस्लिम छात्रा सारा को एमबीए की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन चाहिए था. बैंक वाले लोन नहीं दे रहे थे तो उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मदद मांगी. पीएमओ के आदेश पर छात्रा को बैंक ने 1.5 लाख रुपए का लोन स्वीकृत कर दिया. हालांकि सारा का एजुकेशन लोन दूसरे बैंक से मिला है. बताया जा रहा है कि सारा ने पहले का एजुकेशन लोन चुकता नहीं किया था, इसलिए बैंक ने उसे दोबारा लोन देने से मना कर दिया था.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक मांड्या में रहने वाले अब्दुल इलियास की बेटी सारा ऊंची शिक्षा हासिल करना चाहती थी. पिता के पास पर्याप्त पैसे नहीं थे तो सारा ने बैंक में एजुकेशन लोन के लिए आवेदन किया. बैंक ने लोन देने से मना कर दिया, शर्त रखी की पहले पुराना लोन चुकाओ फिर नया लोन मिलेगा. इसके बाद छात्रा सारा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर लोन दिलाने में मदद करने की मांग की. सारा ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना का जिक्र किया.

छात्रा के पत्र पर प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय ने तत्काल एक्शन लेते हुए कर्नाटक के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सारा को लोन दिलाने में मदद करने का आदेश दिया.

इसके बाद सारा को विजया बैंक से एजुकेशन लोन मिल गया. विजया बैंक के मैनेजर क्षेमा कुमार का कहना है कि सारा के पिता का बैकग्राउंड और देखकर लोन स्वीकृत किया गया है.

सारा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी ने बी. कॉम. में 83 प्रतिशत नंबर हासिल किए थे। उन्होंने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और पिछले आठ महीने से उन्हें सैलरी नहीं मिली है। सारा ने कहा कि इतनी बड़ी आबादी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसके एक खत पर मदद करेंगे, उसे इसका जरा भी अंदाजा नहीं था. छात्रा सारा और उसके पिता ने पीएम मोदी को शुक्रिया कहा है.

नास्त्रेदमस ने जिसके बारे में भविष्यवाणी की थी, वह मोदी ही हैं: सोमैया

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सांसद किरीट सोमैया का मानना है कि फ्रांस के मशहूर भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस ने पूर्व देश के जिस व्यक्ति के बारे में भविष्यवाणी की थी, वह कोई और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि पूर्व देश में एक ऐसा नेता आएगा जो भारत को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा.

लोकसभा में अनुदानों के लिए पूरक मांग का जवाब देते हुए सोमैया ने कहा, ‘नास्त्रेदमस की यह भविष्यवाणी की पूर्व का एक नेता भारत को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा, वह नेता मोदी ही हैं.’

16वीं शताब्दी के मशहूर भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने हिटलर के उत्थान, 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के गिरने सहित कई महत्वपूर्ण भविष्यवाणियां की हैं.

रिजिजू भी पोस्ट कर चुके हैं  नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी 

कुछ समय पहले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने भी नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी को अपने फेसबुक पर पोस्ट किया था.

सोमैया ने प्रत्येक चर्चा में नोटबंदी का मुद्दा उठाने पर विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘जब हम बजट पर चर्चा कर रहे हैं, तो इन्होंने (विपक्ष) नोटबंदी का मुद्दा उठा लिया. यहां तक कि आज भी वे नोटबंदी को उठाने से बाज नहीं आए. नोटबंदी का मुद्दा उठाकर इन्होंने अपनी इतनी क्षति पहुंचाई है कि अब लोगों को यूपी में कांग्रेस को ढूंढना पड़ेगा.’

जानें योगी आदित्यनाथ को लेकर क्यों बोली बीजेपी – ‘ऐसे ही तर्क पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी इस्तेमाल हुए थे’

भगवाधारी संन्यासी योगी आदित्यनाथ के यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद बीजेपी ने उन आरोपों को खारिज किया है, जिसमें कहा गया कि आदित्यनाथ को सीएम बनाया जाना यह दर्शाता है कि बीजेपी देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश की ओर अग्रसर है. बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा है कि लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर ऐसी बातें कर रहे हैं, ऐसे तर्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भी दिए गए थे. वहीं केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने यूपी के मुख्यमंत्री पद के लिए योगी आदित्यनाथ के चुनाव में कोई हस्तक्षेप नहीं किया था.

यूपी के सीएम के लिए कट्टर हिंदुत्ववादी चेहरा पेश करने के लिए चौतरफा हो रही पार्टी की आलोचनाओं के बीच नायडू ने कहा कि विधायकों ने नेता को चुना है और यही पार्टी की प्रणाली है.  उन्होंने विपक्ष से हार को विनम्रता के साथ स्वीकार करने, जनादेश को स्वीकार करने और नए मुख्यमंत्री को उचित अवसर देने के लिए कहा. नायडू का यह बयान विपक्षी पार्टियों के उन आरोपों के बाद आया है कि भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव विकास के नाम पर नहीं, बल्कि मतदाताओं का ध्रुवीकरण करके लड़ना चाहती है.

नायडू ने कहा, विधायक पार्टी संसदीय बोर्ड के तहत नेता को चुनते हैं. भाजपा में यही तरीका है. आरएसएस कभी हस्तक्षेप नहीं करता ओैर किसी नाम का सुझाव नहीं रखता है. उन्होंने कहा कि निर्वाचित विधायकों से विचार विमर्श के बाद उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को विधायकों की राय से अवगत करा दिया था.

वेंकैया नायडू ने कहा, मैंने विधायकों के साथ बैठक की और उस बैठक में सुरेश खन्ना ने योगी आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव रखा तथा नौ अन्य ने उनका समर्थन किया. सभी विधायक खडे हो गए और सर्वसम्मति से उनके नाम पर सहमत हो गए, तो यह विधायकों का निर्णय है जिसे केंद्रीय नेतृत्व ने मंजूरी दी थी.’

पीएम मोदी के सपनों की ट्रेन ‘मेधा’ पटरी पर उतरी, खूबियां ऐसी कि दुनिया की कई ट्रेनें फेल

आजादी के करीब 70 साल बाद भारत की पहली मेड इन इंडिया ट्रेन शनिवार से चलनी शुरू होगी. रेलमंत्री सुरेश प्रभु मुंबई में ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. भारत की स्वदेशी ट्रेन का नाम ‘मेधा’ रखा गया है. अपनी पहली यात्रा में मेधा ट्रेन ने मुंबई के चर्चगेट से लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) तक की यात्रा की.

इस ट्रेन में है खूबियों की भरमार

इससे पहले ‘मेधा’ ट्रेन का कई चरण में सफल ट्रायल किया जा चुका है. इस ट्रेन को कमिश्नर ऑफ रेल सेफ्टी (सीआरएस) की स्वीकृति मिल चुकी है.

भारत की स्वदेशी ट्रेन में कई ऐसी खूबियां हैं जो उसे दुनिया के कई ट्रेनों से उसे अगल बनाती है. इस ट्रेन में एक साथ 6,050 यात्री यात्रा कर सकते हैं. इसमें 1,168 सीटे हैं. इस ट्रेन की स्पीड 110 किमी प्रति घंटा है.

इस ट्रेन में फ्रेश एयर कूलिंग क्षमता 16,000 प्रति घंटा मीटर क्यूबिक है. रिजेनरेटड ब्रेकिंग सिस्टम युक्त यह रेक 30 से 35 प्रतिशत बिजली परिचालन के दौरान बचा सकती है. रेलवे अधिकारी के मुताबिक मेड-इन-इंडिया ट्रेन ‘मेधा’ को बनाने में लगभग 43.23 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. जबकि विदेश से खरीदी जाने वाली बॉम्बार्डियर ट्रेन की कीमत 44.36 करोड़ रुपए है.

मेक इन इंडिया के तहत देश की पहली स्वदेशी लोकल ‘मेधा’ हैदराबाद मेधा सर्वो ड्राइव्स फर्म की ओर से प्रायोजित है और चेन्नई कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया है. वर्तमान में मध्य और पश्चिम रेल पर परिचालित होने वाली लोकल चैन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में तैयार होती है. इन लोकल ट्रेनों में इलेक्ट्रिक तकनीकी समेत अन्य तकनीकी संबंधी काम सीमेंस और बॉम्बार्डियर कंपनियों की देख रेख में होता है. ये कंपनियां विदेशी है.

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पीएम मोदी को नेहरु, इंदिरा और वाजपेई की ही तरह प्रभावी पीएम बताया

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई बाद कई कार्यक्रमों में एक साथ देखा जा चुका है। लेकिन राष्‍ट्रपति ने व्‍यक्तिगत तौर पर आज तक पीएम मोदी की तारीफ किसी सार्वजनिक मंच से की हो, ऐसा शायद ही देखा गया है।

लेकिन राष्‍ट्रपति को है एक अफसोस  

मुंबई में शुक्रवार को ऐसा हुआ जब राष्‍ट्रपति ने खुले दिल से पीएम मोदी की तारीफ की। राष्‍ट्रपति ने पीएम मोदी को तेजी से सीखने वाला व्‍यक्ति बताया है। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मुंबई में जिस कार्यक्रम में शिरकत की उसमें उन्‍होंने अपने रिटायरमेंट की भी बात की। साथ ही इस बात पर भी दुख जताया कि कैसे बार-बार सदन की कार्यवाही में बाधा डालना आज एक फैशन की तरह हो गया है।

पीएम का है अपना एक तरीका

उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी का चीजों को करने का अपना ही तरीका है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि हमें पीएम मोदी को उनका श्रेय जरूर देना चाहिए। वह काफी तेजी से सीखने वाले व्‍यक्ति हैं। वह एक राज्‍य के मुख्‍यमंत्री थे और फिर वह देश के मुखिया बनें। उन्‍होंने काफी तेजी से नई चीजों को सीखा खासतौर पर विदेशी देशों के साथ रिश्‍तों, बाहरी अर्थव्‍यवस्‍था और आतंरिक कारकों जैसे मुद्दों पर उन्‍होंने महारत हासिल की।

राष्‍ट्रपति की पांच प्रभावी पीएम की लिस्‍ट में मोदी

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राष्‍ट्रपति के अनुसार उन्‍होंने अपने लंबे राजनीतिक करियर में पांच सबसे प्रभाव प्रधानमंत्रियों को देखा और उनकी इस लिस्‍ट में पीएम मोदी का नाम भी शामिल है। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी जिन पांच लोगों को सबसे प्रभावी प्रधानमंत्री मानते हैं उनमें पंडित जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेई, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी शामिल हैं।

सदन न चलने पर राष्‍ट्रपति दुखी

अपने इस संबोधन में राष्‍ट्रपति ने संसद की कार्यवाही न हो पाने पर राजनीतिक दलों की आलोचना की। उन्‍होंने कहा कि पहली लोकसभा जो वर्ष 1952 से 1957 तक उसमें 677 बैठकें हुई थीं और 319 बिल पास हुए थे। वहीं 15वीं लोकसभ में सिर्फ 357 बैठकें हुईं और 181 बिल ही पास हो सके हैं। उनका कहना था कि बार-बार कार्यवाही में आने वाली बाधा की वजह से ऐसा हुआ है इससे उनको काफी तकलीफ हुई है।

करदाताओं के पैसे से चलता है सदन

राष्‍ट्रपति ने कहा कि पहला बजट 397 करोड़ का था और वर्तमान बजट 17 लाख करोड़ का है। ऐसे में अब इस खर्च और सदन में होने वाला चर्चा की तुलना करिए और किसी को भी इस बात का नैतिक अधिकार नहीं है कि वह करदाताओं के पैसे से चलने वाले सदन की कार्यवाही में बाधा पैदा करे।

दूसरे कार्यकाल का कोई इरादा नहीं

राष्‍ट्रपति ने अपने संबोधन में इस बात का खुलासा भी किया कि वह अपना कार्यकाल खत्‍म होने के बाद सक्रिय राजनीति से संन्‍यास लेंगे। इसके साथ ही उन्‍होंने यह साफ कर दिया कि दूसरी बार राष्‍ट्रपति बनने का उनका कोई इरादा नहीं है।राष्‍ट्रपति का कार्यकाल अब से कुछ माह के अंदर समाप्‍त हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि अपने रिटायरमेंट के बाद वह पश्चिम बंगाल में स्थित अपने गृहनगर में रहेंगे और जब तक हो सकेगा दुर्गा पूजा का नेतृत्‍व करेंगे।

चुनाव में जीत, नोटबंदी के लिए निकोलस सरकोजी ने पीएम मोदी से मुलाकात कर दी बधाई

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। उन्‍होंने पीएम मोदी को हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी की एतिहासिक सफलता के लिए उन्हें बधाई दी। इसके साथ ही सरकोजी ने पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले को भी सराहा।

नोटबंदी की सफलता पर दी पीएम को बधाई 

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सरकोजी ने नोटबंदी की सफलता के लिए भी पीएम मोदी को बधाई दी। वहीं पीएम मोदी ने सरकोजी को उनकी नई पुस्तक ‘टाउट पोर ला फ्रांस’ के प्रकाशन एवं सफलता के लिए बधाई दी। बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और आपसी हितों के वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। सरकोजी भारत एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे। कार्यक्रम में सरकोजी ने भारत और पाकिस्‍तान पर भी अपनी राय दी। इस वर्ष फ्रांस में राष्‍ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। सरकोजी फिर से इन चुनावों में अपनी किस्‍मत आजमा सकते हैं।

भारत और पाक पर राय
सरकोजी ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए कभी भी जरूरी कदम नहीं उठाए। उन्‍होंने भारत और फ्रांस के रिश्तों को मजबूत करने की बात करते हुए कहा कि वह गठजोड़ पर भरोसा करते है और चाहते हैं कि भारत और फ्रांस के बीच रिश्ते बेहतर बने रहें। निकोलस ने यह भी कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान में से उन्हें किसी एक को चुनना हो तो वह भारत को चुनेंगे। उनके मुताबिक भारत एक लोकतंत्र है और उसे उन सभी लोगो पर कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए जो उसकी जमीन पर आतंकी हमले करते है। लेकिन उन्‍होंने भारत और पाक के बीच बेहतर रिश्‍तों की वकालत भी की।

चार राज्‍यों में मिली जीत से पीएम मोदी करेंगे आर्थिक सुधारों की शुरुआत

पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनावों में से चार में सरकार बनाने में सफल रही भाजपा के स्‍टार प्रचारक और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अब अगला कदम देश में आर्थिक एजेंडों में सुधार को बेहतरीन मौका उनके पास है। उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखंड में स्‍पष्‍ट बहुमत के साथ ही पीएम मोदी अब नोटबंदी से ज्‍यादा कड़े निर्णय लेकर आर्थिक सुधारों को लागू करने में जुट जाएंगे। जानिए उन तीन बड़े आर्थिक सुधारों के बारे में जिन्‍हें लेकर जल्‍द ही पीएम मोदी निर्णय कर सकते हैं।

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स
1 जुलाई, 2017 से पूरे देश में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स लागू करने में सरकार जुट गई है। पूरे देश में एक साथ लागू करने के गुड्स एंड टैक्‍स सर्विसेज टैक्‍स के लिए 5, 12, 18 और 28 टैक्‍स की दर तय की है। इसमें सबसे ज्‍यादा टैक्‍स की दर तंबाकू उत्‍पादों के लिए तय की जा चुकी है। अब संसद में इस बिल को पास करवाना सरकार और अन्‍य राज्‍यों से मिलने वाली मंजूरी पर पूरा जोर होगा। अगर ऐसा हो जाता है तो जल्‍द ही जीएसटी पूरे देश लागू हो जाएगा और सभी राज्‍यों में टैक्‍स एक समान दर हो जाएगी।

बेड बैंक
वित्‍त मंत्रालय नए आर्थिक सुधारों में बेड बैंक को लेकर भी काफी सक्रिय है। देश के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्‍यम ने वित्‍त वर्ष 2017-18 के आर्थिक सुधारों को पेश करते हुए समय बेड बैंक के बारे में एक खाका खींचा था। पर अभी वित्‍त मंत्रालय के कई विभागों में इस बात को लेकर एक सहमति नहीं बन पाई है। वित्‍त मंत्रालय की बैंकिंग डिवीजन ने बेड बैंक के विचार को सिरे से खारिज कर दिया है।

लेबर रिफॉर्म
राजस्‍थान सरकार पहले ही कई लेबर रिफॉर्म को लागू कर चुकी हैं। श्रमिकों के संबंधी कई कानूनों को खत्‍म करने को लेकर पहल कर चुकी है। केंद्रीय श्रम मंत्री 44 औद्योगिक कानूनों को रद्द करने को लेकर एक बार फिर से आगे बढ़ सकते हैं। कहा जा रहा है कि सरकार को ये नियम ऐसे लागू करने होंगे जिससे उसे श्रमिकों को साथ लेकर आगे बढ़ा जा सके।

यूपी में दिखने लगा बीजेपी का असर : अफसरों पर सख्ती के आदेश, टाइम से ऑफिस आएं, वरना…

यूपी में 19 मार्च को नई सरकार का गठन हो रहा है. इसे लेकर सरकारी महकमे में भी खलबली का मौहाल है. इसी खलबली के बीच चीफ सेक्रेट्री राहुल भटनागर ने सभी सरकारी विभागों के प्रमुख सचिवों और सभी विभागों के प्रमुखों को चिट्ठी लिखी है कि नई सरकार की नीतियों का अनुपालन ठीक से करना है. 20 मार्च से हर कोई टाइम से आएं और अपनी जिम्मेदारियों का सही तरह से निर्वहन करें. सभी अफसर अपने विभागों के लोगों को यह जानकारी दे दें. इसमें किसी तरह की ढील होने पर एक्शन लिया जाएगा.

पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी अभियान में साफ किया था कि कैबिनेट की पहली मीटिंग में ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा और साथ ही दो हफ्तों के भीतर गन्ना किसानों को बकाया दे दिया जाएगा.

गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी की सत्ता में वापसी लंबे समय के बाद हुई है.यहां तीन चौथाई बहुमत के साथ बीजेपी ने 15 साल बाद सत्ता में वापसी की.उसे 312 सीटें मिलीं. 37 साल बाद ऐसा हुआ है जब इस राज्य में किसी पार्टी को 300+ सीटें मिली हैं.

आज जब उत्तराखंड में जब शपथ ग्रहण समारोह चल रहा होगा, उसी समय यूपी में नेता चुना जा रहा होगा. बीजेपी के विधायक दल की बैठक लोक भवन में होगी. केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव मुख्यमंत्री निर्वाचित करने के लिए बैठक में मौजूद होंगे. और फिर रविवार शाम 5 बजे उत्तर प्रदेश को मिलेगा उसका नया मुख्यमंत्री और नई सरकार. राज्यपाल राम नाइक ने लखनऊ में बयान जारी कर कहा है कि यूपी के नए मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के सहयोगियों के साथ 19 मार्च को शाम 5 बजे कांशीराम स्मृति उपवन में शपथ लेंगे. मीडिया में कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन औपचारिक ऐलान लखनऊ में शनिवार शाम विधायक दल की बैठक में ही होगा.

यूपी में BJP सरकार देगी ये तोहफा, इन राज्यों के किसानों के भी आएंगे ‘अच्छे दिन’!

उत्तर प्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान आज (यानी शनिवार) शाम को होने वाला है. केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा का नाम सबसे आगे है. माना जा रहा है कि उनके मंत्रीमंडल में इन चेहरों को मौका मिल सकता है.
इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि उत्तर प्रदेश में नई भाजपा सरकार राज्य के किसानों का कर्ज माफ करेगी और कर्ज माफी का बोझ केंद्र सरकार उठाएगी. उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश के लिए हमने कहा था कि अगर हम राज्य में सरकार बनाते हैं तो हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे. यह लागत केंद्र सरकार के खजाने से वहन की जाएगी.” सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वादे के मुताबिक कर्ज माफी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मार्च को जौनपुर रैली के दौरान कहा था कि होली के बाद नई सरकार बनेगी और सकरार बनने के बाद उसकी पहली मीटिंग होगी और उसमें मैं यूपी के सांसद के नाते आप लोगों को विश्‍वास दिलाता हूं कि किसानों के कर्ज को माफ करने का निर्णय ले लिया जाएगा. इस तरह से प्रधानमंत्री मोदी के वादे को पूरा करने की कवायद शुरू हो गई है.

हालांकि बैंक कर्ज माफी के खिलाफ हैं. बीते बुधवार को ही एसबीआई प्रमुख अरंधति भट्टाचार्य ने कहा था, “हमें लगता है कि कृषि कर्ज माफी के मामले में बैंक और कर्जदाता के बीच अनुशासन बिगड़ता है क्योंकि जिन लोगों का कर्ज माफ किया जाता है वे भविष्य में भी कर्ज माफ होने की उम्मीद रखते हैं. भविष्य में भी ऐसे कर्ज नहीं चुकाए जाते.”

पंजाब के किसानों के भी अच्छे दिन आएंगे
पंजाब के किसानों के भी अच्छे दिन आ सकते हैं. सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनावी रैलियों कहा था कि सभी किसानों के कर्ज़ छह महीने के भीतर माफ किए जाएंगे. कांग्रेस ने उन किसान परिवारों को दस लाख मुआवज़ा देने का ऐलान किया है जहां किसी ने आत्महत्या की है. ऐसे में हो सकता है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार भी पहली बैठक में किसानों का कर्ज़ा माफ करे.

इन राज्यों में उठी कर्ज माफी की मांग
अगर उत्तर प्रदेश में कर्ज माफी हुई तो निश्चित है कि आगामी दिनों अन्य राज्यों में मांग उठना तय है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात और पंजाब में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला रुक नहीं रहा है.

केंद्र में विपक्ष ने उठाई पूरे देश को कर्ज माफी देने की मांग
शुक्रवार को लोकसभा में किसान कर्ज माफी की बहस में शामिल होते हुए कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने भी कहा था, ‘‘चूंकि यह मोदी सरकार है, इसलिए मोदी को पूरे देश में इसे लागू करना चाहिए.’’ इस पर लोकसभा उपाध्यक्ष एम तंबिदुरै ने कहा था, ‘‘मोदी प्रधानमंत्री हैं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं हैं. जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां केंद्र इसे कैसे कर सकता है.’’ विपक्ष का जोर पूरे देश में किसानों का कृषि ऋण माफ करवाने पर है.

फडणवीस की ‘न’
उधर, महाराष्ट्र के किसानों को भी कर्जमाफी दिलाने की मांग कर रहे विपक्ष को राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो टूक सुना दिया है कि कर्ज़माफ़ी देंगे तो विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं बचेगा. अकेले राज्य की इतनी क्षमता भी नहीं है. राजधानी मुंबई में महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र चल रहा है. कर्जमाफी की मांग को लेकर विपक्ष आक्रामक हो चुका है.

जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर रवि शास्त्री को दिया कमेंटरी के अंदाज़ में ‘धन्यवाद’

अपनी वाकपटुता से राजनीति की पिच पर सभी को धराशाई करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीति से इतर खेल की दुनिया में भी जुदा अदांज़-ए-बयां से क्रिकेटर रवि शास्त्री को क्लीन बोल्ड कर दिया.

बता दें कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन पर क्रिकेटर रवि शास्त्री ने कमेंटरी के अंदाज़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी. रवि शास्त्री ने अपने ट्वीट में ‘ट्रेसर बुलेट’ का इस्तेमाल करते हुए लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने 300 के जादुई आंकड़े को भी पार कर लिया, बिल्कुल ट्रेसर बुलेट की तरह.

दरअसल, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री जब कमेंट्री करते हैं तो उनका पसंदीदा वाक्य ‘ट्रेसर बुलेट’ होता है. यह अब उनकी पहचान ही बन चुका है.

प्रधानमंत्री ने भी दूसरी ओर से मोर्चा संभालते हुए क्रिकेटर और कमेंटर को उन्हीं के अंदाज़ में धन्यवाद दिया. प्रधानमंत्री ने ट्वीटर पर लिखा, ‘धन्यवाद, यूपी चुनाव के आखिरी लम्हों में कड़ा मुकाबला नहीं था, इसलिए आखिर में लोकतंत्र की जीत हुई.’

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में ‘गो डाउन टु द वायर’का इस्तेमाल किया, जो कि क्रिकेट में आखिरी गेंद तक मुकाबला जाने पर इस्तेमाल होता है.

ख़ास बात यह है कि प्रधानमंत्री का यह क्रिकेटिया जवाब लोगों को खूब पसंद आ रहा है. उनका यह ट्वीट पांच हजार से ज्‍यादा बार री-ट्वीट किया जा चुका है और 12 हज़ार से ज्यादा लोगों ने इसे लाइक किया है.