Monthly Archives: November 2016

PM attends Rail Vikas Shivir, addresses Railway Officers

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, today attended the Rail Vikas Shivir in Surajkund. He was given thematic presentations on various aspects of the Railways, and later addressed the Railway Officers. Today was the third and concluding day of the Rail Vikas Shivir.

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नरेंद्र मोदी ऐप पर दें नोटबंदी को लेकर अपनी राय

पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले पर अब लोगों से नरेंद्र मोदी ऐप पर सीधी राय मांगी है। पीएम मोदी ने करेंसी बैन को लेकर किए जा रहे सर्वे के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है।

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पीएम मोदी ने मंगलवार को ट्वीट किया, ”मैं करेंसी नोट बंद करने के बारे में आपकी सीधी राय जानना चाहता हूं। एनएम ऐप पर किए जा रहे सर्वे में हिस्सा लीजिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का ऐलान किया था। लोगों के पास इस साल के आखिर तक अपना पैसा बैंको में जमा करने और बदलने का मौका है। और इस फैसले के बाद से बैंको और एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हुईं हैं। लोगों को ख़ासी परेशानी हो रही है।

पीएम मोदी ने नोटबंदी पर किए जा रहे सर्वे में इन सवालों के जवाब मांगे हैं।

  • क्या आपको लगता है कि भारत में काला धन है?
  • क्या आपको लगता है कि भ्रष्टाचार और काले धन रूपी दानव का खात्मा ज़रूरी है?
  • मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बैन किए जाने के बारे में आपकी क्या राय है?
  • क्या आपके पास पीएम नरेंद्र मोदी के साथ साझा करने के लिए कोई सुझाव, विचार या राय है?
  • भ्रष्टाचार, काले धन और आतंकवाद से निपटने के लिए करेंसी बैन के फैसले से हुई असुविधा से आपको दिक्कत है?

यह सर्वे नमो ऐप पर उपलब्ध है। सर्वे में हिस्सा लेने के लिए इस ऐप्लिकेशन को एंड्रॉयडआईओएस व विंडोज़ फोन यूज़र डाउनलोड कर सकते हैं।

इससे पहले एक आज अपनी पार्टी के संसदीय बैठक में पीएम मोदी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि विपक्ष जानबूझकर जनता को इन करेंसी बैन पर भ्रमित कर रहा है।

भावुक PM ने BJP सांसदों से कहा – नोटबंदी पर विपक्ष ‘गलत जानकारी फैला’ रहा है, आप जनता को बताएं सच्चाई

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपनी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों को बताया कि नोटबंदी को लेकर विपक्षी दल ‘गलत जानकारी फैला’ रहे हैं, और उनसे आग्रह किया कि वे इस कदम से होने वाले कई फायदों के बारे में जनता को बताएं. कर चोरी से लड़ने की अपनी योजना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, “यह शुरुआत है, अंत नहीं…” इसके बाद बीजेपी सांसदों ने 500 तथा 1,000 रुपये के नोटों को बंद कर देने के सरकार के फैसले का समर्थन करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया.

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‘बहादुरी से शेरसवारी कर रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी’, नोटबंदी पर नीतीश कुमार ने दोहराया समर्थन

500 तथा 1,000 रुपये के नोटों को अचानक बंद कर दिए जाने के मुद्दे पर समूचे विपक्ष से अलग रुख अपनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेताओं से फिर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब ऐसे शेर की सवारी कर रहे हैं, जो उनके गठबंधनों को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन उनके इस कदम के पक्ष में ज़ोरदार समर्थन है, और हमें उस समर्थन का सम्मान करना चाहिए…”

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को घोषणा की थी कि काले धन और भ्रष्टाचार से देश को छुटकारा दिलाने को लेकर उनकी प्रतिबद्धता के तहत बड़ी रकमों के नोट कुछ ही घंटे बाद बंद हो जाएंगे. मोटे तौर पर इस कदम के पीछे की मंशा के प्रति समर्थन जताने वाला विपक्ष इस कदम से नकदी की किल्लत का सामना करने वाले गरीबों की मदद में नाकाम रहने का आरोप सरकार पर लगा रहा है. सरकार का तर्क है कि अगर इस कदम को अचानक नहीं उठाया जाता, तो यह कदम निष्प्रभावी हो गया होता.

आमतौर पर प्रधानमंत्री की तारीफ नहीं करने वाले नीतीश कुमार ने पिछले सप्ताह भी कहा था कि विमुद्रीकरण को लेकर उनका ‘पूरा समर्थन’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है, हालांकि उनकी पार्टी के नेताओं ने तुरंत यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण भारत के लोगों को हो रही दिक्कतों के प्रति चिंतित भी हैं. गौरतलब है कि भारत में प्रचलन में मौजूद नोटों का 86 फीसदी हिस्सा उन नोटों का था, जो बंद कर दिए गए हैं, और इस वजह से किसानों समेत लाखों लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने पार्टी नेताओं को आश्वस्त किया, “पार्टी इन दिक्कतों को उजागर करने और उठाने में कतई नहीं हिचकिचाएगी…” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से इस बात का आग्रह करते रहेंगे कि बेनामी जायदाद रखने वालों पर भी कार्रवाई करें, जहां काले धन को बड़ी मात्रा में खपाया जाता है.

पीएम मोदी की किताब के संस्‍कृत अनुवाद ‘नयनम इदम धन्यम’ का बीएचयू में हुआ विमोचन

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजराती काव्य संग्रह ‘आंख आ धन्य छे’ का डॉ. राजलक्ष्मी श्रीनिवासन द्वारा किये गये संस्कृत अनुवाद ‘नयनम इदम धन्यम’ का विमोचन किया.

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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में चिकित्सा विज्ञान संस्थान के के. एन. उड़प्पा सभागार में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि जावडेकर ने इस कठिन प्रयास के लिए संस्कृत विदूषी डॉ. राजलक्ष्मी की सराहना की और कहा कि कविता में मानवीय भावनाओं को प्रभावित करने की अतुलनीय शक्ति होती है. कविता के लिए विचारों में रचनात्मकता और गहराई जरूरी तत्व होते हैं, जो सामान्य व्यक्ति में नहीं पाये जाते.

जावडेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह काव्य संग्रह प्रकृति के वास्तविक स्वरूप को प्रस्तुत करता है. ईमानदारी, त्याग और क्षमाभाव का उनके स्वभाव में समावेश है और उन्होंने इन्हीं भावनाओं को कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया है.

जावडेकर ने बताया कि मोदी के इस काव्य संग्रह का हिन्दी, अंग्रेजी और तमिल में पहले ही अनुवाद किया जा चुका है और अब संस्कृत रूपांतरण भी आ गया. डॉ. राजलक्ष्मी ने अनुवादित पुस्तक के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी. बीएचयू के कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने समारोह की अध्यक्षता की.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘सांपों के बिलों’ में हाथ डाल दिया है : उमा भारती

 केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने रविवार को मेरठ में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1000 और 500 के नोट बंद कर ‘सांपों के बिलों’ में हाथ डाल दिया है.

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यहां गांव मुजक्कीपुर में एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से उमा ने नोटबंदी की बावत पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि नोटबंदी के फैसले से अब यह सभी सांप बौखलाये हुए हैं और अपना-अपना फन उठाये हुए हैं, पूरे देश की जनता को अब प्रधानमंत्री के साथ मिलकर इन भ्रष्टाचारियों के फन को कुचलना है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के इस फैसले से आम आदमी को नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी को परेशानी हो रही है. आम जनता इस फैसले की अहमियत जानती है और वह इससे खुश है. भ्रष्टाचारियों और काले धन वालों से निकलने वाले इस धन का उपयोग गरीबों के हित में ही सरकार द्वारा किया जाएगा.

केन्द्रीय मंत्री ने विपक्षी दलों द्वारा लगाये जा रहे आरोपों पर कहा कि विपक्ष का आरोप है कि विदेशों से काला धन केन्द्र सरकार नहीं लायी, जबकि विदेशों में जमा काला धन विभिन्न रास्तों के माध्यम से भारत में आ चुका है. इस काले धन से बेनामी संपत्ति बन गई हैं.

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उन्होंने कहा कि बुलंदशहर गैंगरेप कांड एक शर्मनाक घटना है. लेकिन उत्तर प्रदेश में इस कांड के तीन आरोपियों को जमानत मिल गई और वह जेल से बाहर आ चुके हैं. इसके लिए वह प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और नेताजी से पूछती है कि क्या यही प्रदेश की कानून व्यवस्था है, जहां पर सरेआम हाईवे पर मां-बेटी की इज्जत लूटने वालों को भी बड़े आराम से जमानत मिल जाती है.

गंगा सफाई के बारे में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वह गंगा और उसकी सहायक नदियों को साफ करने में जुटी हैं और शीघ्र ही गंगा विश्व की दस सबसे साफ नदियों में शामिल हो जाएगी. तीन साल में एक करोड़ हेक्टेयर जमीन को सिचिंत किया जाएगा. उनका प्रयास रहेगा कि वह हिंडन नदी पर आचार संहिता लगने से पहले ही सफाई का काम प्रारम्भ करा दें.

नोटबंदी से चिटफंड घोटाले को शह देने वालों पर करारी चोट पड़ी : ममता बनर्जी पर पीएम मोदी का निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले के पीछे जिन नेताओं का हाथ रहा है, वे उन पर हमला इसलिए बोल रहे हैं, क्योंकि नोटबंदी से उन्हें करारी चोट पड़ी है. पीएम मोदी की इस टिप्पणी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखे हमले के तौर पर देखा जा रहा है.

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प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पिछले 70 सालों की सरकारें काले धन पर चुप रहीं, क्योंकि उन्हें सत्ता से हाथ धो बैठने का डर था.

आगरा में ‘परिवर्तन रैली’ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जन धन खाताधारकों को आगाह किया कि वे अमीरों के गलत तरीके से कमाए पैसे काले से सफेद करने के लिए अपना इस्तेमाल नहीं होने दें, क्योंकि ऐसा करने से वे गैर-जरूरी तरीके से कानूनी पचड़ों में फंस जाएंगे.

पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि किस तरह के लोग मेरे खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. क्या देश को पता है कि चिटफंड कारोबार में किनके पैसे निवेश किए गए थे? लाखों-करोड़ों लोगों ने चिटफंडों में धन का निवेश किया, लेकिन नेताओं की ‘कृपा’ से करोड़ों करोड़ रुपये गायब हो गए.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘चिटफंड से हुए नुकसान के कारण सैकड़ों परिवार के मुखिया को खुदकुशी के लिए मजबूर होना पड़ा. इतिहास पर नजर डालें. वे मुझ पर सवाल उठा रहे हैं.’

गौरतलब है कि ममता बनर्जी नोटबंदी के फैसले के खिलाफ इन दिनों विपक्षी नेताओं को लामबंद करने में जुटी हैं. पश्चिम बंगाल में चिटफंड घोटालों से जुड़े मुकदमों में तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेता आरोपों का सामना कर रहे हैं.

सबको आवास’ के तहत तीन साल में एक करोड़ मकान, पीएम मोदी करेंगे आगरा से शुरुआत

सरकार ने आज बताया कि ‘वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास’ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए अगले तीन वर्षों में एक करोड़ मकान बनाने की परिकल्पना की गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 नवंबर को आगरा में इस योजना का शुभारंभ करेंगे.

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केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 20 नवंबर को उत्तर प्रदेश के आगरा में इस योजना का शुभारंभ करेंगे, जिसके तहत अगले तीन वर्ष में एक करोड़ आवासों का निर्माण किया जाना है.

उन्होंने साक्षी महाराज के प्रश्न के उत्तर में कहा, सरकार की परिकल्पना के अनुरूप ‘वर्ष 2022 तक सभी के लिए मकान’ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में पूर्ववर्ती इंदिरा आवास योजना को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में पुनर्गठित करने को मंजूरी दी है.

उन्होंने कहा, इस योजना के अंतर्गत 2016-17 से लेकर 2018-19 तक तीन वर्षों में एक करोड़ मकान बनाने की परिकल्पना की गई है. तोमर के अनुसार, योजना के अंतर्गत मैदानी क्षेत्र में 1.20 लाख रुपये और पर्वतीय क्षेत्रों में 1.30 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में 33 लाख मकानों का निर्माण किया जाएगा.

प्रेस पर ‘बाहरी नियंत्रण’ समाज के लिए अच्छा नहीं : प्रेस दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रेस की आज़ादी का पुरज़ोर समर्थन किया, लेकिन वह ‘बेरोकटोक लेखन’ के खिलाफ मीडिया को चेतावनी देते भी दिखाई दिए. राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य में राजधानी नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि प्रेस पर ‘बाहरी नियंत्रण’ समाज के लिए अच्छा नहीं है.

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प्रधानमंत्री ने कहा, “आज़ादी… अभिव्यक्ति की आज़ादी का पालन किया जाना चाहिए, लेकिन सीमा का होना भी ज़रूरी है… बिल्कुल उस मां की तरह, जो अपने बच्चों को ज़्यादा खाने से रोकती है…”

प्रधानमंत्री ने कहा कि मीडिया में समय के साथ उपयुक्त बदलाव कर स्व नियमन की सलाह भी दी. उन्होंने पत्रकारों की हाल में हुई हत्याओं पर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह बहुत ‘दर्दनाक’ है और सच्चाई को दबाने का सबसे खतरनाक तरीका है. उनकी टिप्पणी बिहार में दो पत्रकारों की हत्या के मद्देनजर आई है.

भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के स्वर्ण जयंती समारोह में मोदी ने मीडिया द्वारा स्व नियमन चाहे जाने पर अपनी बात के समर्थन में महात्मा गांधी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी ने कहा था कि बेलगाम लेखन भारी समस्याएं पैदा कर सकता है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि बाहरी हस्तक्षेप अव्यवस्था पैदा करेगा. इसे (मीडिया को) बाहर से नियंत्रित करने की कल्पना नहीं की जा सकती.’’

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. यह सच है कि स्व नियमन आसान नहीं है. यह पीसीआई और प्रेस से जुड़ी अन्य संस्थाओं की जिम्मेदारी है कि वे देखें कि आप समय के साथ क्या उपयुक्त बदलाव कर सकते हैं. बाहरी हस्तक्षेप से चीजें नहीं बदलती हैं.’’ हालांकि, प्रधानमंत्री ने किसी खास बदलाव का जिक्र नहीं किया, पर उन्होंने कहा कि अतीत में पत्रकारों के पास सुधार करने के लिए पर्याप्त समय होता था लेकिन इसके ठीक उलट अब तेज गति वाले इलेक्ट्रानिक एवं डिजिटल मीडिया के चलते ऐसी गुंजाइश नहीं है.

उन्होंने 1999 में कंधार विमान अपहरण का जिक्र करते हुए कहा कि इंडियन एयरलाइंस की उड़ान में सवार यात्रियों के परिवारों की रोष भरी प्रतिक्रिया की चैनलों द्वारा चौबीस घंटों की रिपोर्टिंग ने आतंकवादियों के हौसले बुलंद किए क्योंकि उन्हें लगा कि वे इस तरह के जन दबाव से भारत सरकार से कुछ भी हासिल कर सकते हैं.

मोदी ने कहा कि इस प्रकरण ने मीडिया में स्व नियमन शुरू कराया जो बाद में ऐसी घटनाओं की कवरेज के लिए नियमों के रूप में सामने आया.

उन्होंने कहा, “सरकार को किसी तरह की दखलअंदाज़ी नहीं करनी चाहिए… यह सच है कि आत्म-निरीक्षण करना आसान नहीं होता… यह प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) और प्रेस से जुड़े लोगों की ज़िम्मेदारी है कि देखें कि वक्त के साथ क्या बदलाव लाया जा सकता है… बाहरी नियंत्रण से चीज़ें नहीं बदला करती हैं…”

जब पीएम मोदी ने संसद में पूछा सोनिया गांधी और दूसरे विपक्षी नेताओं का हालचाल

बड़े नोटों को अमान्य करने के फैसले पर सरकार को घेरने की विपक्ष की पहल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत पक्ष एवं विपक्ष के विभिन्न नेताओं के पास जाकर उनका हालचाल पूछा.

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लोकसभा की बैठक शुरू होने से कुछ पहले पहले प्रधानमंत्री सबसे पहले लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, रामविलास पासवान, अशोक गजपति राजू समेत बीजेपी व उसके सहयोगी दलों के नेताओं से मिले.

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी गृहमंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार के साथ विपक्षी सदस्यों के सीट की ओर बढ़े और कुछ पल तृणमूल नेता सुदीप बंदोपाध्याय, कल्याण बनर्जी से बातचीत की और हालचाल पूछा. पीएम मोदी ने अन्नाद्रमुक नेता एवं लोकसभा उपाध्यक्ष एम थम्बीदुरई से बात की और फिर लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिले.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह को सोनिया गांधी से कुछ देर बात करते देखा गया. गृहमंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार और संसदीय कार्य राज्यमंत्री एसएस अहलुवालिया को तृणमूल नेताओं से भी बातचीत करते देखा गया. तृणमूल कांग्रेस 500 और 1000 रूपये के नोटों को अमान्य करने की प्रधानमंत्री की घोषणा का विरोध कर रही है. सदन दिन भर के लिए स्थगित किए जाने के बाद बीजेपी सदस्यों को प्रधानमंत्री से बात करते देखा गया.