Monthly Archives: September 2016

अमित शाह समेत कई नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक के लिए पीएम और भारतीय सेना को बधाई दी

भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूद नियंत्रण रेखा पर बुधवार आधी रात को भारतीय सेना के ‘सर्जिकल हमले’ में आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचा है और अनेक आतंकवादी मारे गए हैं. इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सेना को बधाई दी

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शाह ने ट्वीट किया – मैं मोदी तथा भारतीय सेना को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक के लिए बधाई देता हूं. शाह ने कहा कि भारतीय सेना ने आतंकवादियों को भीषण नुकसान पहुंचाया है. सेना की यह कार्रवाई उसके पराक्रम और राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है.

 

मुस्लिमों तक पहुंच बनाने के पीएम मोदी के आह्वान के बाद सरकार शुरू करने जा रही यह खास योजना

केंद्र सरकार गुरुवार से देश के मुस्लिम बहुल इलाकों में ‘प्रोग्रेस पंचायत’ शुरू करने जा रही है, जिसका मकसद समाज के सबसे निचले पायदान तक विकास का लाभ पहुंचाना है.

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केरल के कोझिकोड में बीते शनिवार को आयोजित रैली में पीएम मोदी ने कहा था कि मुस्लिम समुदाय को बस ‘वोट की मंडी का माल’ नहीं समझना चाहिए, बल्कि उन्हें सशक्त बनाया जाना चाहिए.

बीजेपी को देश के मुस्लिम समुदाय में बहुत कम ही समर्थन प्राप्त है, ऐसे में पीएम मोदी का भाषण और फिर केंद्र की यह योजना पार्टी के राजनीतिक रुख में बड़े बदलाव की तरह देखी जा रही है.

पीएम मोदी ने कोझिकोड रैली में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के हवाले से कहा था, ‘मुसलमानों को न पुरस्कृत करो और न ही तिरस्कृत करो. उन्हें सशक्त बनाओ. वे न तो वोट मंडी की वस्तु हैं और न ही घृणा के पात्र. उन्हें अपना समझो.’

उनके इस कथन ने इस नए मंत्र की नींव रखी- अगर मुस्लिम सरकार और बीजेपी से दूरी बनाकर रखते हैं, तो फिर वे मुस्लिमों के पास जाएंगे.

वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं, ‘सरकार इस योजना का नाम ‘मुस्लिम पंचायत’ नहीं रखना चाहती थी, क्योंकि इसका मकसद उन मुद्दों को सुलझाना है, जो इस समुदाय की प्रगति और उन्हें मुख्यधारा में आने से रोक रहे हैं.’

इस ‘प्रोगेस पंचायत’ की शुरुआत अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी करेंगे. इसका मकसद आम लोगों को अल्पसंख्यक मंत्रालय की योजनाओं की जानकारी देना और विकास के लिए धन के इस्तेमाल के बारे में उनकी राय लेना होगा.

नकवी ने एनडीटीवी से कहा, ‘यह पिछली सारी योजनाओं से बिल्कुल अलग है. यह वोट के लिए नहीं है. हम उन तक पहुंचेंगे और स्कूल, नर्सिंग होम्स और लड़कियों के लिए हॉस्टल जैसे मुद्दों को हल करेंगे.’

देश में पहली ‘प्रोग्रेस पंचायत’ हरियाणा के मेवात में गुरुवार को आयोजित होगी. इसके बाद अगले दो पंचायत राजस्थान और महाराष्ट्र में आयोजित होंगे और फिर देश भर में यह पंचायत लगाई जाएगी, जिसमें दक्षिण भारत के राज्य भी शामिल है.

यह कदम ऐसे समय आया है, जब बीजेपी उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है, जहां मुस्लिमों का वोट करीब 18 फीसदी है. पार्टी को लगता है कि ऐसे कदम से अगर मुस्लिमों के वोट ना भी मिले, तो भी इससे अहम संदेश जाएगा.

व्हाइट हाउस ने जलवायु परिवर्तन समझौते पर भारत के अनुमोदन का श्रेय पीएम मोदी को दिया

 व्हाइट हाउस ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते का भारत द्वारा दो अक्टूबर को अनुमोदन किए जाने की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि यह उनके साहसी नेतृत्व का एक और उदाहरण है.

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम भारत सरकार के कदमों का स्वागत करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने साहसी नेतृत्व का एक और उदाहरण इस मामले में पेश किया है. इसका श्रेय उन्हें जाता है.’ उन्होंने कहा, ‘वह (मोदी) जानते हैं कि इस मामले पर भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय समुदाय का नेतृत्व करना कितना महत्वपूर्ण है.’

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अर्नेस्ट ने कहा, ‘और मैं जानता हूं कि राष्ट्रपति ओबामा ने जब लाओस में इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी तो उन्होंने इस मामले पर उनके नेतृत्व के लिए उन्हें धन्यवाद दिया था.’ अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस महीने की शुरुआत में लाओस में आसियान शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी.

ऐसी उम्मीद है कि जलवायु परिवर्तन संबंधी पेरिस समझौते पर भारत के अनुमोदन से यह समझौता क्रियान्वयन के और करीब पहुंच जाएगा.

पाकिस्‍तान में नवंबर में होने वाले सार्क सम्‍मेलन में हिस्‍सा नहीं लेंगे पीएम नरेंद्र मोदी

 उरी हमले के बाद भारत ने अब तक का सबसे सख़्त संदेश पाकिस्तान को दिया है. भारत ने कहा है कि वो 9-10 नवंबर को इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा. इसका सीधा मतलब, सार्क के नियमों के मुताबिक ये है कि सार्क सम्मेलन नहीं होगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के मुताबिक भारत का मानना है कि क्षेत्रीय सहयोग और आतंक एक साथ नहीं चल सकते.

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यही राय सार्क के इस बार के अध्‍यक्ष देश नेपाल को भारत ने बता दी है. भारत ने कहा कि जिस तरह सरहद पार से लागातार आतंकी हमले हो रहे हैं, जिस तरह से एक देश क्षेत्र के दूसरे सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में लागातार दख़लंदाज़ी कर रहा है, ऐसे में एक सफल सार्क सम्मेलन नहीं हो सकता.

भारत क्षेत्रीय सहयोग, संपर्क के लिए दृढ़संकल्प है लेकिन ये सब आतंक मुक्त माहौल में ही हो सकते हैं. और जो माहौल बना है उस माहौल में भारत इस्लामाबाद में हो रहे इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले सकता.

भारत जहां तक समझता है कि कुछ और देशों ने भी इस्लामाबाद में सार्क सम्मेलन के बारे में शंका जताई है. सूत्र बताते हैं कि ये देश अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान हैं.

वैसे ये पहला मौक़ा नहीं है कि सार्क सम्मेलन रद्द हुआ हो, ऐसा पहले भी हुआ है और कई बार सार्क सम्मेलन देर से भी हुए हैं. लेकिन इस बार आसार नहीं लग रहे कि देर से भी इस साल ये सम्मेलन हो सकता है.

भारत ने हिस्सा नहीं लेने का फ़ैसला कर पाकिस्तान को एक बेहद कड़ा संदेश दिया है और इस क्षेत्र में अलग थलग करने की कोशिश की है. हालांकि 15-16 अक्टूबर गोवा में होने वाले बिमस्टेक सम्मेलन में सभी सार्क देश हिस्सा ले रहे हैं, पाकिस्तान को छोड़कर. इसलिए ना सिर्फ कड़ा संदेश बल्कि पाकिस्तान के बिना क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करने का भी भारत को जल्द ही मौक़ा मिल रहा है.

इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा है कि उन्होंने भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के ट्वीट से ये जाना कि भारत इस्लामाबाद में होने वाले 19वें सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेगा. उन्होंने किसी आधिकारिक सूचना से इंकार करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.

सिंधु जल समझौते पर बैठक में पीएम मोदी ने कहा, ‘खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते

पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों के साथ एक बैठक की है. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि एक समय में ख़ून और पानी दोनों नहीं बह सकते.
बैठक में पीएम के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव ए जयशंकर, दो प्रिंसिपल सेक्रेटरी, जल संसाधन सचिव भी मौजूद थे.
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सूत्रों के मुताबिक भारत ने सिंधु समझौते को रद्द करने की अटकलों को तो शांत कर दिया है लेकिन आक्रामक रुख़ अपनाते हुए पाकिस्तान तक पानी की आपूर्ति करने वाली छह में से तीन नदियों के ज्यादा बड़े इस्तेमाल की योजना बनाई है.
यह समीक्षा बैठक 18 भारतीय सैनिकों की जान लेने वाले उरी आतंकी हमले का पाकिस्तान को मुनासिब जवाब देने के विकल्पों पर विचार के सिलसिले में बुलाई गई

सिंधु संधि के तहत सिंधु और उसकी पांच सहायक नदियों के पानी का बंटवारा किया गया है. इनमें से झेलम, चिनाब और राबी नदियों का 80 फ़ीसदी पानी पाकिस्तान को मिलता है और इसी से वहां के एक बड़े इलाक़े में पानी की ज़रूरत पूरी की जाती है.
भारत में यह मांग लगातार बढ़ रही है कि आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए भारत सिंधु नदी के पानी के बंटवारे से जुड़े इस समझौते को तोड़ दे. इस समझौते के तहत छह नदियों, व्यास, रावी, सतलज, सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी को दोनों देशों के बीच बांटा गया था. पाकिस्तान की यह शिकायत रही है कि उसे पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा और इसके लिए वह एक दो बार अन्तरराष्ट्रीय मध्यस्थता के लिए भी जा चुका है.

इंदिरा गांधी के ”गरीबी हटाओ” के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे नए नारे की घोषणा

पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा गरीबी के खिलाफ जंग के लिए शनिवार को नए नारे की घोषणा किए जाने की संभावना है. यह कांग्रेस के जमाने में इंदिरा गांधी के प्रसिद्ध ”गरीबी हटाओ” की जगह पर पेश किया जाएगा. वह केरल के इस शहर में वह बीजेपी के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे जहां रविवार को आयोजित होने जा रही पार्टी की राष्‍ट्रीय परिषद की बैठक में शीर्ष नेता शिरकत करेंगे.

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दरअसल उत्‍तर प्रदेश, पंजाब और उत्‍तराखंड के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि पार्टी को गरीबी के खिलाफ जंग की अगुआई करते दिखने चाहिए. 1970 के दशक में कांग्रेस शासन के दौर में इंदिरा गांधी के ”गरीबी हटाओ” नारे के साथ ही काफी वर्षों तक कांग्रेस इस मुहिम की अगुआई करती रही. अब बीजेपी का मानना है कि कांग्रेस उस पोजीशन से हट गई है और उस स्‍थान की भरपाई अब पीएम मोदी करना चाहते हैं.

उल्‍लेखनीय है कि इस साल की शुरुआत में ही बीजेपी ने रणनीतिक बदलाव करते हुए गरीबी हटाने के मकसद वाली कई प्रमुख योजनाओं की घोषणा की. इसे कांग्रेस के नेतृत्‍व में विपक्ष के बीजेपी पर गरीब विरोधी, कारपोरेट समर्थक होने के आरोपों के जवाब के रूप में देखा गया

नया गरीबी विरोधी अभियान दीन दयाल उपाध्‍याय के नाम के इर्द-गिर्द रखा जाएगा जोकि जनसंघ के प्रमुख रहे और इसी से बीजेपी अस्तित्‍व में आई. गौरतलब है कि इस साल बीजेपी उनकी जन्‍मशती मना रही है और गरीबों के लिए कई योजनाएं उनके नाम पर शुरू की गई हैं.

कभी कालीकट के नाम से पहचाने जाने वाले कोझिकोड का इस राष्‍ट्रीय परिषद की बैठक के लिए चुनाव इसलिए किया गया क्‍योंकि दिसंबर 1967 में यहीं पर दीन दयाल उपाध्‍याय, जनसंघ के अध्‍यक्ष बने थे. इस चुनाव के 41 दिन बाद ही उनका निधन हो गया था.

यह इसलिए भी महत्‍वपूर्ण है कि इस साल केरल विधानसभा चुनाव में बीजेपी का पहली बार खाता खुला है. पहली बार पार्टी ने यहां पर एक सीट ऐसे समय में जीती है जब पार्टी ऐसी जगहों पर अपना सियासी विस्‍तार करने का प्रयास कर रही है जहां पर उसका आधार परंपरागत रूप से कमजोर रहा है.

राष्‍ट्रीय परिषद की बैठक के लिए बीजेपी ने कोझिकोड शहर के बीचोंबीच बड़े-बड़े हॉलों, लाउंज के साथ एक एसी टाउनशिप बनाई है और इसे दीन दयाल उपाध्‍याय नगरी नाम दिया है. कोझिकोड की सड़कें बीजेपी नेताओं के बड़े-बड़े कटआउट से अटी पड़ी हैं. पार्टी के केंद्रीय मंत्री, मुख्‍यमंत्री और शीर्ष नेता इस आयोजन में हिस्‍सा लेंगे. बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह गुरुवार को यहां पहुंचे और उनका केरल के परंपरागत अंदाज में स्‍वागत किया गया.

स्‍मार्ट सिटी की तीसरी सूची में पीएम नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को मिला स्‍थान

 स्‍मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए इस प्रोजेक्‍ट के तहत शहरों को शामिल किए जाने की तीसरी सूची मंगलवार को जारी की गई. इसमें 63 शहरों की होड़ में से 27 का चयन किया गया. इसमें यूपी के तीन शहरों में पीएम नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट वाराणसी को भी शामिल किया गया है.

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केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने इस सूची को घोषणा करते हुए कहा कि इनको स्‍मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा. वाराणसी के अलावा यूपी के अन्‍य दो शहरों में आगरा और कानपुर शामिल हैं.

नई सूची में महाराष्‍ट्र के सबसे ज्‍यादा पांच जिले शामिल हैं. उसके बाद कर्नाटक और तमिलनाडु के चार-चार जिले शामिल हैं. इसमें पंजाब के अमृतसर समेत दो जिले शामिल हैं. इसी तरह राजस्‍थान और मध्‍य प्रदेश के दो-दो जिले नई सूची में हैं. आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, नगालैंड और सिक्किम के एक-एक जिले हैं. इनमें कुल 12 राज्यों के 27 शहरों का ऐलान किया गया. इन नए शहरों के स्मार्ट सिटी बनने के लिए कुल 66,883 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव है.

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आगरा, अजमेर, अमृतसर, औरंगाबाद, ग्वालियर, हुबली-धारवाड़, जालंधर, कल्याण-डोंबिविली, कानपुर, कोहिमा, कोटा, मदुरै, मैंगलुरू, नागपुर, नामची, नासिक, राउरकेला, सलेम, शिवमोगा, थाणे, थंजावुर, तिरूपति, टुमाकुरू, उज्जैन, वडोदरा, वाराणसी और वैलूर.

इस नई सूची के साथ ही वेंकैया नायडू ने घोषणा करते हुए कहा कि अब तक प्रस्‍तावित 60 स्‍मार्ट सिटी में 1,44,742 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. उल्‍लेखनीय है कि जनवरी में स्‍मार्ट सिटी प्रोजेक्‍ट के तहत 20 शहरों की घोषणा की गई थी और उसके बाद मई में 13 शहर जोड़े गए थे. अब नए 27 शहर जोड़े जाने से इस सूची में प्रस्‍तावित स्‍मार्ट सिटी शहरों की संख्‍या बढ़कर 60 हो गई है. शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक बाकी बचे हुए 40 स्‍मार्ट सिटी का चयन अगले साल किया जाएगा.

इनमें से हर शहर को पहले साल 200 करोड़ रुपये मिलेंगे और उसके बाद अगले तीन सालों के लिए 100 करोड़ रुपये समुचित जलापूर्ति और बिजली सप्‍लाई, सोलिड वेस्‍ट मैनेजमेंट तंत्र, समुचित शहरी आवागमन, सार्वजनिक परिवहन, आईटी कनेक्टिविटी और ई-गवर्नेंस समेत अन्‍य चीजों के विकास और रूपांतरण के लिए दिए जाएंगे. मोदी सरकार का 2019-20 तक 100 स्‍मार्ट सिटी विकसित करने का लक्ष्‍य है.

उरी हमले के पीछे जो भी हैं वे सजा से बच नहीं पाएंगे : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में सैन्य शिविर पर ‘कायराना’ आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को आश्वस्त किया कि इस कुत्सित हमले के पीछे जो भी हैं वे सजा से बच नहीं पाएंगे. उन्होंने उन सैनिकों को सलाम भी किया, जो इस हमले में शहीद हो गए और कहा कि राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा हमेशा स्मरण की जाएगी.

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पीएम मोदी ने इस घटना पर ट्वीट किया, ‘हम उरी में हुए कायराना आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं. मैं राष्ट्र को आश्वस्त करता हूं कि इस कुत्सित हमले के पीछे जो भी हैं वे सजा से बच नहीं पाएंगे.’ इस हमले में 17 सैनिक शहीद हुए जबकि 19 अन्य घायल हुए हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से इस आतंकवादी हमले के बाद की स्थिति के बारे में बातचीत की है. पर्रिकर स्थिति का जायजा लेने के लिए कश्मीर जा रहे हैं.

गौरतलब है कि रविवार तड़के उत्तरी कश्मीर के उरी में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सेना के बटालियन मुख्यालय पर हमला किया, जिसमें 17 जवान शहीद हो गए और 19 अन्य घायल हुए. सुरक्षाबलों की कार्रवाई में चार आतंकवादी मारे गए.

पीएम नरेंद्र मोदी ने दी ओणम पर्व की बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ओणम पर्व की शुभकामनाएं देते हुए देश में सद्भाव एवं खुशहाली के लिए प्रार्थना की. पीएम मोदी ने एक ट्वीट किया, आप सभी को ओणम की शुभकामनाएं.
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मैं प्रार्थना करता हूं कि यह विशेष त्योहार हमारे देश में सद्भाव एवं खुशहाली के माहौल का प्रसार करें. फसल कटने की खुशी में कृषि पर्व के रूप में मनाया जाने वाला ओणम केरल का सबसे बड़ा त्योहार है और यह राजा महाबली की घर वापसी के जश्न के रूप में मनाया जाता है.

66वां जन्मदिन गुजरात में 17 सितंबर को मनाएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 66वां जन्मदिन अपने गृह राज्य गुजरात में मनाएंगे. यहां वह अपनी मां से आशीर्वाद लेंगे और आदिवासियों तथा ‘दिव्यांगों’ के साथ समय बिताएंगे. यह हाल के दिनों में मोदी का तीसरा गुजरात दौरा है. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

गुजरात भाजपा के प्रवक्ता भारत पांड्या ने बताया, वह 17 सितंबर को अहमदाबाद पहुचेंगे. सबसे पहले वह अपनी मां हीरा बा से आशीर्वाद लेने गांधीनगर जाएंगे और अन्य परिजनों से मुलाकात करेंगे. मोदी की मां गांधीनगर में उनके छोटे भाई के साथ रहती हैं.

बाद में वे आदिवासी जिले दाहोद जाएंगे जहां वह एक सिंचाई परियोजना का शुभारंभ करेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे. दाहोद के जिलाधिकारी ललित पदालिया ने बताया कि यह समारोह और रैली शहर से 25 किमी दूर लिमखेड़ा में होगी.

पदालिया ने कहा, प्रधानमंत्री कदाना-हाफेश्वर सिंचाई परियोजना का शुभारंभ करेंगे. इस परियोजना के तहत जिले के दूरदराज के कई गांवों में पानी पहुंच सकेगा. यह कार्यक्रम लिमखेड़ा में सुबह होगा. कार्यक्रम के बाद मोदी जनसभा को संबोधित करेंगे.

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दोपहर में वे नवसारी जाएंगे और दिव्यांगों के एक कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसमें वह दिव्यांगों को उनकी जरूरत का सामान वितरित करेंगे. पटेल आरक्षण आंदोलन और उना मामले के बाद गुजरात चुनाव में भाजपा को चुनौती मिलने की संभावना है.

बीते महीने पीएम मोदी दो बार यहां आ चुके हैं. एक बार स्वामीनारायण संत प्रमुखस्वामी महाराज के निधन पर और दूसरी बार सौराष्ट्र में सिंचाई योजना का शुभारंभ करने के लिए.