Monthly Archives: August 2016

मैं ऐसा कुछ भी नहीं करुंगा जिससे गुजरात का नाम खराब हो : पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि ढाई साल के कार्यकाल के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने जो कुछ सीखा, उससे उन्हें नई दिल्‍ली में काम करने में मदद मिली. मोदी ने गुजरात के लोगों को यह आश्वासन भी दिया कि वह ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे कि उनके गृह राज्य का नाम खराब हो.

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उन्होंने कहा, ”गुजरात से काफी शिकायतें आई हैं कि जब से मैं दिल्ली गया हूं (वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद), मेरा इस राज्य में बहुत कम ही आना हुआ है.” प्रधानमंत्री ने जामनगर जिले में यहां सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई (एसएयूएनआई) परियोजना का उद्घाटन करते हुए कहा, ”पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल, भाजपा कार्यकर्ता और यहां तक कि लोगों ने फिर मुझसे अक्सर शिकायत की है कि मैं यहां बार-बार नहीं आता.”

मोदी ने कहा, ”जब मैं दिल्ली गया, मेरे लिए सब कुछ नया था. वहां सीखने, समझने के लिए काफी चीजें थीं, लेकिन अब मैं काम सीख गया हूं.” वर्ष 2001 से 2014 के मध्य तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे मोदी ने कहा, ”जो चीजें मैंने गुजरात से सीखीं, वह भी मेरे लिए काफी उपयोगी रहीं.” उन्होंने कहा ”जब इस देश के लोगों ने गुजरात के बेटे को प्रधानमंत्री के तौर पर स्वीकार किया है, ऐसे में मैं आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे कि इस राज्य के लोगों को शर्मिंदा होना पड़े.”

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, ”जिस तरह से मैंने इस राज्य के विकास के लिए काम किया था, उसी तरह से मैं इस देश के विकास के लिए काम करूंगा.” उन्होंने कहा कि वह इस भूमि के ऋणी हैं जिस पर वह पले-बढ़े हैं, जहां से उन्होंने इतना कुछ सीखा है.

वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात में मोदी की यह पहली सार्वजनिक सभा थी. राज्य में वर्ष 2017 के आखिर में चुनाव होंगे. अपनी सरकार के बारे में मोदी ने कहा कि भाजपा नीत सत्तारूढ़ गठबंधन ने, प्रशासन के कामकाज में बदलाव किया है. उन्होंने कहा, ”आप मई, 2014 से पहले के अखबारों को देखें और अब के अखबारों को देखें तो आपको अंतर पता चल जाएगा. यह सरकार देश के विकास के लिए एक मिशन मोड में काम कर रही है. यह देश बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है.”

साउनी डैम पर खतरे में थी मीडियाकर्मियों की जान, पीएम मोदी ने बचाया : गुजरात के उपमुख्यमंत्री

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात में 12 हजार करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी साउनी (सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई योजना) परियोजना का उद्घाटन किया. वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि पीएम मोदी की सतर्कता से कई मीडिया कर्मियों की जान बच गई.

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पटेल ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जब जामनगर में डैम से पानी छोड़ने के लिए जैसे ही बटन दबाया, तब अचानक उनकी नजर नीचे खड़े कैमरामैन और फोटोग्राफरों पर पड़ी. समाचार एजेंसी आईएएनएस ने पटेल के हवाले से बताया, ‘डैम से छोड़े गए पानी की मोटी धार उसी तरफ बढ़ रही थी और उन लोगों को बहा ले जा सकती थी.’

बीजेपी नेता ने बताया कि डैम उद्घाटन की तस्वीरें लेने में व्यस्त कैमरामैन और फोटोग्राफर उस संभावित खतरे से अनजान थे. पीएम मोदी ने फिर हाथों से इशारा कर उन्हें सचेत किया, जिससे वे लोगों वहां से हटे. वह कहते हैं कि पीएम मोदी उन्हें चौकन्ना नहीं करते तो कोई बड़ा हासदा हो सकता था.

इससे पहले पीएम ने सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण फॉर इरिगेशन (साउनी) परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया. इस योजना के तहत 57 किमी की पाइपलाइन बनकर तैयार हो चुकी है. इसके तहत सौराष्ट्र क्षेत्र के तीन जिलों के 10 बांधों तक पानी लाया जाएगा, जहां लगभग हर तीन साल में सूखा पड़ता है.

बेटियों ने रियो ओलिंपिक खेलों में भारत की प्रतिष्ठा बचाई : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां ओलिंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु और साक्षी मलिक की जमकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि इन बेटियों ने रियो ओलिंपिक खेलों में भारत की प्रतिष्ठा बचाई.

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प्रधानमंत्री ने रियो ओलिंपिक में महिला खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन पर कहा कि यह हमारी बेटियों की असली शक्ति है. यहां सउनी सिंचाई परियोजना के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री ने देश में लिंग आधारित भेदभाव समेत कई सामाजिक मुद्दों पर बात की. उन्होंने कहा कि हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारी बहन-बेटियों को शौच के लिए खुले में न जाना पड़े.
जामनगर जिले के सनोसरा में आयोजित समारोह में मोदी ने कहा, ‘‘हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमारी बहन-बेटियों को खुले में शौच के लिए नहीं जाना पड़े. आपने देखा होगा कि हमारी बेटियों ने रियो ओलिंपिक में भारत की प्रतिष्ठा कैसे बचाई और हमें सम्मान दिलाया. यह हमारी बेटियों की सच्ची ताकत है.’’ बैडमिंटन खिलाड़ी सिंधु ने ओलंपिक में महिला एकल में रजत पदक दिलाया वहीं साक्षी ने रियो में महिला कुश्ती में पहली बार कोई पदक दिलाते हुए कांस्य अपने नाम किया.
मोदी ने कहा कि गुजरात सरकार लंबे समय से ‘बेटी बचाओ’ आंदोलन पर काम कर रही है. उन्होंने बच्चों के माता-पिता और समाज से लड़के-लड़कियों में भेदभाव नहीं करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि अपनी पुरानी गलतियों को नहीं दोहराएं. हमें समझना चाहिए कि हमारी लड़कियां भी लड़कों की तरह सक्षम हैं जो रियो ओलंपिक में साबित हो गया. उनमें भेदभाव नहीं करें.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ आंदोलन को ‘बेटी खिलाओ’ के अगले स्तर पर ले जाने की जरूरत है.

मोदी ने कहा कि रियो में बेटियों के अच्छे प्रदर्शन के बाद लोगों ने कहना शुरू कर दिया बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ. इसलिए हमें अपनी बेटियों को खेल गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

पीएम मोदी ने जामनगर में SAUNI प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया, राजकोट में सभा को संबोधित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जामनगर में SAUNI परियोजना का उद्घाटन करने के बाद राजकोट में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘एक अहम काम में मुझे साथ लेने के लिए गुजरात सरकार का शुक्रिया’. पीएम ने यहां आजी-3 बांध के नजदीक स्थित सानोसारा गांव के किसानों को संबोधित गुजराती में संबोधित किया.

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इससे पहले पीएम ने गुजरात के जामनगर में सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण फॉर इरिगेशन (साउनी) परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया. पीएम ने आजी-3 बांध पहुंचकर लीवर दबाकर इसका उद्घाटन किया. इस योजना के तहत 57 किमी की पाइपलाइन बनकर तैयार हो चुकी है और पीएम मोदी इसके पहले चरण के उद्घाटन के लिए यहां आए. इसके तहत सौराष्ट्र क्षेत्र के तीन जिलों के 10 बांधों तक पानी लाया जाएगा. सौराष्ट्र में लगभग हर तीन साल में सूखा पड़ता है.

उल्‍लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सउनी परियोजना का उद्घाटन करने सड़क मार्ग से आजी-3 बांध तक पहुंचे थे.  इससे पहले वे विमान से यहां के हवाईअड्डे पर आए थे और फिर हेलीकॉप्टर के जरिए यहां पहुंचने वाले थे, लेकिन खराब मौसम के कारण कार्यक्रम बदल दिया गया. बीते कुछ दिनों से जामनगर में मॉनसून सक्रिय होने की वजह से हेलीकॉप्टर से यात्रा का कार्यक्रम बदलना पड़ा.

दरअसल, पीएम बनने के बाद उन्‍होंने पहली बार गुजरात में किसी जनसभा को संबोधित किया. यहां पाटीदारों की संख्या ज़्यादा है. पाटीदार नेताओं ने इस दौरान पीएम से मिलने की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर विरोध की धमकी दी है. पीएम की इस रैली को गुजरात में होने वाले 2017 के विधानसभा चुनाव के चुनावी कैंपेन के तहत देखा जा रहा है.

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी के लिए 12,000 करोड़ रुपये की सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण फॉर इरिगेशन (साउनी) परियोजना काफी महत्वाकांक्षी है. उन्होंने इस परियोजना की घोषणा 2012 में की थी. उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इसके जरिए सिंचाई और पेयजल संकट झेल रहे सौराष्ट्र क्षेत्र के 115 बांधों में पानी डाला जाना है. इस परियोजना के जरिए 10 लाख 22 हजार एकड़ भूमि को खेती के लिए पानी मिलेगा. इस प्रोजेक्‍ट के तहत 1,126 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जिससे नर्मदा का पानी सौराष्ट्र के 115 बांधों को पाइपलाइन के जरिए पहुंचाया जाएगा.

राजकोट के जिला कलेक्टर विक्रांत पांडे ने कहा कि तीन जिलों में करीब तीन बांधों में परियोजना के तहत नर्मदा नदी से पानी डाला जाएगा. उन्होंने कहा कि परियोजना का उद्घाटन करने के बार मोदी सनोसरा कस्बे में जनसभा को संबोधित करेंगे. पांडे ने कहा कि इस रैली में करीब 80,000 लोगों के आने की उम्मीद है. पांडे ने कहा कि इसके लिए तमाम तैयारियां पूरी हो गई हैं और पुलिस ने भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं.

पीओके से आए शरणार्थियों के लिए 2,000 करोड़ रुपये के पैकेज की तैयारी

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) तथा गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों से संबंध जोड़ने और बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बीच केंद्र सरकार देश में रह रहे पीओके के विस्थापित लोगों के लिए 2,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा करने वाली है.

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय जल्द ही पैकेज को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रख सकता है. जम्मू-कश्मीर सरकार ने पैकेज वितरण के लिए 36,348 परिवारों की पहले ही पहचान कर ली है, जिसके तहत प्रत्येक परिवार को लगभग साढ़े पांच लाख रुपये मिलेंगे.

अधिकारी ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि एक महीने के भीतर पैकेज को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल जाएगी और कोष लाभार्थियों में बांटा जा सकेगा.’’ पश्चिमी पाकिस्तान, ज्यादातर पीओके से आए शरणार्थी जम्मू, कठुआ और राजौरी जिलों के विभिन्न हिस्सों में बस गए हैं. हालांकि वे जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुसार राज्य के स्थाई निवासियों की श्रेणी में नहीं आते.

कुछ परिवार 1947 में भारत के बंटवारे के समय विस्थापित हो गए थे और अन्य परिवार 1965 तथा 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्धों के दौरान विस्थापित हुए थे.

विस्थापित लोग लोकसभा चुनाव में वोट डाल सकते हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव में वे वोट नहीं डाल सकते.

पीओके के विस्थापित लोगों का प्रतिनिधित्व कर रही जम्मू-कश्मीर शरणार्थी कार्य समिति (जेकेएसएसी) का कहना है कि पैकेज को अंतिम बंदोबस्त नहीं समझा जाना चाहिए क्योंकि उन सभी के बंदोबस्त के लिए 9,200 करोड़ रुपये की आवश्यकता है. जम्मू-कश्मीर में बसे पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों की समस्याओं पर विचार करने के बाद मोदी सरकार ने जनवरी 2015 में शरणार्थियों के लिए कुछ रियायतें मंजूर की थीं.

रियायतों में इन लोगों को अर्धसैनिक बलों में भर्ती करने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने, राज्य में समान रोजगार अवसर उपलब्ध कराने, शरणार्थियों के बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला देने जैसे कई कदम शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर चर्चा के लिए 12 अगस्त को आयोजित सर्वदलीय बैठक में पहली बार पीओके, गिलगित-बाल्टिस्तान और बलूचिस्तान के लोगों की दशा के बारे में बात की थी .

मोदी ने इसके तीन दिन बाद स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में एक बार फिर पाकिस्तान के कब्जे वाले इन तीनों क्षेत्रों का जिक्र किया था. ऐसी खबरें हैं कि सरकार बेंगलुरु में आयोजित होने वाले अगले प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर पीओके, गिलगित-बाल्टिस्तान से ताल्लुक रखने वाले समुदायों को आमंत्रित करने की योजना बना रही है.

यदि मोदी सरकार के तहत कश्मीर मुद्दा नहीं सुलझा, तो यह कभी नहीं सुलझेगा : महबूबा मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर विवाद के समाधान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अपनाए रुख को एकमात्र रास्ता बताते हुए रविवार को दावा किया कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तहत इस विवाद का हल नहीं हुआ तो, यह कभी नहीं सुलझेगा.

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उन्होंने रविवार शाम एक कार्यक्रम में कहा, ‘वाजपेयी सिद्धांत के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. यदि हम इस संकट और हिंसा के चक्र से कश्मीर को निकालना चाहते हैं, तो हमें इसका पालन करना होगा और उन्हें (पाकिस्तान को) भी इसका पालन करना होगा.’ महबूबा ने दावा किया कि यह एकमात्र मौका है, जब लोगों को विवाद का हल करना है और यदि मोदी के तहत इसका हल नहीं हुआ तो कभी नहीं हो पाएगा.

उन्होंने कहा, ‘मैंने शनिवार को भी कहा था कि यदि मोदी के शासनकाल के दौरान हमारा देश और पाकिस्तान एवं जम्मू-कश्मीर के लोगों ने इस मुद्दे का हल नहीं किया तो इस मुद्दे का कभी हल नहीं होगा. आपको रोज-रोज ऐसा शक्तिशाली नेता नहीं मिलेगा, जो फैसला ले सकता हो.’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को अभी बमुश्किल तीन महीने हुए थे, जब बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में हिंसा का मौजूदा चक्र शुरू हो गया।

 महबूबा ने कहा, ‘हमारी सरकार की क्या गलती थी, जब इसके आने के महज तीन महीने के अंदर ही एक मुठभेड़ हो गई और ऐसी स्थिति पैदा हो गई तथा इतना रक्तपात और हिंसा शुरू हो गई.’ उन्होंने कहा कि किसी न किसी बहाने उनकी सरकार के खिलाफ अफवाहें फैलीं, लेकिन यह साफ कर दिया गया कि राज्य का भारत के दिल में एक विशेष जगह है.

महबूबा ने कहा कि जो बच्चे मारे गए या घायल हुए उनके माता-पिता से पूछा जाना चाहिए कि वे किस तरह की आजादी चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानती कि लोग आजादी किसे कहते हैं, यदि आजादी ऐसे तरीके से पानी है जिसमें छोटे बच्चे अपनी आंखों की रोशनी गंवा दे तो उनके माता पिता से अवश्य पूछा जाना चाहिए कि क्या वे इस तरह की काल्पनिक आजादी के लिए ऐसी कुर्बानी देने को तैयार हैं.’ उन्होंने कहा कि जब हिंसा होती है, तो सारी आजादी खो जाती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर के हालात आज ऐसे हैं कि लोग अपनी दुकानें खोल पाने में सक्षम नहीं हैं और कर्मचारी कार्यालय जाने में सक्षम नहीं हैं और उन्हें पुलिस या सुरक्षा बलों से डर नहीं है, बल्कि वे अपने ऊपर हमला करने वाले छोटे बच्चों को लेकर भयभीत हैं.

कश्मीर में मासूमों को हिंसा की आग में धकेलने वालों को जवाब देना ही होगा : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए एकता और ममता को मूल मंत्र बताया और बच्चों को अशांति पैदा करने के लिए उकसाने वालों पर यह कहते हुए नाराजगी जाहिर की कि एक न एक दिन उन लोगों को ‘इन बेकसूर’ बच्चों को जवाब देना ही होगा.

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प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि कश्मीर में अगर एक भी व्यक्ति की जान जाती है, चाहे वह कोई युवा हो या सुरक्षाकर्मी हो, वह हमारा, हमारे देश का नुकसान है.

पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में घाटी में अशांति के बारे में कहा, ‘कश्मीर में सभी पक्षों के साथ मेरे संवाद में एक चीज उभरी है, जिसे सरल शब्दों में ‘एकता’ और ‘ममता’ कहा जा सकता है. यह दोनों चीजें ही (वहां की समस्या हल करने का) मूल मंत्र हैं.’ उन्होंने कहा कि कश्मीर पर सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में बात की है, जिससे पूरी दुनिया में, तथा अलगाववादी ताकतों तक संदेश पहुंचा है और इसके साथ ही कश्मीर के लोगों तक हमारी भावनाएं पहुंची हैं.

‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कश्मीर में अशांति पैदा करने की कोशिश में छोटे बच्चों का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर यह कहते हुए नाराजगी जाहिर की कि ‘एक दिन उन लोगों को इन बेकसूर बच्चों को जवाब देना ही होगा.’ प्रधानमंत्री की इन टिप्पणियों से एक दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मोदी से मुलाकात कर उन्हें ‘तीन सूत्रीय कार्य योजना’ पेश की थी. इस कार्य योजना में सभी पक्षों के साथ बातचीत शामिल है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘यह देश बहुत बड़ा और विविधताओं से परिपूर्ण है. इसे एकजुट रखने के लिए एक नागरिक, एक समाज और एक सरकार के तौर पर एकता को उतना अधिक मजबूत करना हम सभी की जिम्मेदारी है जितना कि हम कर सकते हैं. तब ही देश का भविष्य उज्ज्वल हो पाएगा. मुझे देश के 125 करोड़ लोगों की शक्ति पर पूरा भरोसा है.’

‘मन की बात’ में पीएम मोदी : कश्मीर मसले पर सभी राजनीतिक दल एक साथ हैं

पीएम मोदी ने 23वें मन की बात में कश्मीर मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों के एक साथ होने की बात कही. साथ ही उन्होंने हिंसा भड़काने वालों को चेताया कि कभी न कभी उन्हें उन मासूम लड़कों को जवाब देना होगा जिन्हें वह भटका रहे हैं.

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  1. हमारी बेटियों ने एक बार फिर साबित किया कि वे किसी भी तरह से, किसी से भी कम नहीं हैं.
  2. ऐसा लग रहा है जैसे बेटियों ने देश का नाम रोशन करने का बीड़ा उठा लिया है.
  3. सिंधू, साक्षी, दीपा ने देश का नाम रोशन किया है.
  4. शूटिंग में हमारे अभिनव बिंद्रा चौथे स्थान पर रहे और बहुत ही थोड़े से अंतर से वो पदक चूक गये.
  5. पुलेला गोपीचंद को खिलाड़ी से ज्यादा एक उत्तम शिक्षक के रूप में देखता हूं.
  6. मैं राज्य सरकारों से आग्रह करता हूँ कि खेल के लिए समिति बनाएं, खेल जगत से जुड़े संघ निष्पक्ष भाव से विचार विमर्श करें.
  7. सवा-सौ करोड़ देशवासी, 65% युवा जनसंख्या वाला देश, खेल की दुनिया में भी बेहतरीन स्थिति प्राप्त करे, इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा.
  8. 2020, 2024, 2028 – ओलिंपिक्स के लिए एक दूर तक की सोच के साथ हमें योजना बनानी है.
  9. मेरे एक शिक्षक- अब उनकी 90 साल की आयु हो गयी है- आज भी हर महीने उनकी मुझे चिट्ठी आती है.
  10. कुछ लोगों ने अभी भी लोकमान्य तिलक जी ने जिस भावना को रखा था, उसका अनुसरण करने का भरपूर प्रयास किया है. हमें तिलक के नारे को आगे ले जाना है.
  11. सुराज हमारी प्राथमिकता हो, इस मन्त्र को लेकर सार्वजनिक गणेश उत्सव से सन्देश दिया जाना चाहिए.
  12. क्यों न गांव के तालाब की मिट्टी से बने हुए गणेश जी का उपयोग करें, POP की बनी हुई मूर्तियां पर्यावरण के लिए ठीक नहीं होती.
  13. भारत सरकार ने पिछले दिनों 5 राज्य सरकारों के सहयोग के साथ स्वच्छ गंगा के लिये लोगों को जोड़ने का सफल प्रयास किया.
  14. मदर टेरेसा जिन्होंने जीवनभर भारत के ग़रीबों की सेवा की उन्हें संत की उपाधि मिलना गर्व की बात है.
  15. गांव के प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक का एक ही मत है. कश्मीर में अगर नौजवान या सुरक्षाकर्मी की जान जाती है, यह नुकसान अपने देश का ही है.
  16. जो लोग छोटे-छोटे लड़कों को आगे कर कश्मीर में अशांति पैदा करने का प्रयास कर रहे कभी-न-कभी उन्हें इन निर्दोष बालकों को जवाब देना पड़ेगा.
  17. कश्मीर की स्थिति के संबंध में, देश के सभी राजनैतिक दलों ने मिलकर एक स्वर में कश्मीर की बात रखी है.

जम्मू कश्मीर के बिगड़े हालात : परेशान महबूबा पीएम से मिलीं, नौजवानों से बोलीं- मुझे एक मौका दीजिए

घाटी में क़रीब दो महीने से जारी हिंसा और तनाव के बीच सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलीं. उन्होंने पीएम से मिलकर घाटी में सुरक्षा हालातों पर चर्चा की. मुलाकात के बाद महबूबा ने कहा कि घाटी में हिंसा सबके लिए चिंता की बात है और पीएम शांति बहाली के पक्ष में हैं.

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उन्होंने कहा, ‘जितनी तकलीफ हमें है, उतनी ही तकलीफ उन्हें (पीएम मोदी) को भी है. जो लोग मर रहे हैं वे हमारे बच्चे हैं.’
मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि पीएम कश्मीर के हालात को लेकर चिंतित हैं. कश्मीर समस्या का हल खोज जाए. उन्होंने कहा- लगता है कहीं-न-कहीं कुछ जमा हुआ है. कर्फ्यू का मकसद यह है कि लोगों की जान बची रहे, इसलिए कर्फ्यू लगाया गया. यदि हम कर्फ्यू न लगाएं तो क्या करें.

 महबूबा ने मीडिया से अपील की माहौल को बेहतर करने के लिए सहयोग करें. उन्होंने कहा- मैं जम्मू कश्मीर के उन नौजवान लड़कों से अपील करती हूं कि आप मुझसे नाराज़ हो सकते हैं, मैं आपसे नाराज़ हो सकती हूं लेकिन मुझे एक मौका दीजिए. मेरी मदद कीजिए. बता दें कि यह दूसरी बार है जब कश्मीर के हालात पर पीएम से चर्चा के लिए महबूबा दिल्ली पहुंची हों. उन्होंने कहा, ‘अलगाववादियों को आगे आना चाहिए और निर्दोष लोगों का जीवन बचाने में जम्मू कश्मीर सरकार की मदद करनी चाहिए.’ वह बोलीं, ‘यह समय पाकिस्तान के लिए जवाब देने का है कि वह कश्मीर में शांति चाहता है या नहीं.’

उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारे युवाओं को पत्थर मारने के लिए उकसाया जाता है. हमारे युवाओं को उकसाना बंद हो. ये मुलाक़ात उस वक़्त पर हुई है जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल में अपने दो दिनों के कश्मीर दौरे पर ये साफ़ कर दिया है कि उपद्रवियों के साथ किसी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी.

भारत और अमेरिका के मजबूत रिश्तों से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी : व्हाइट हाउस

अमेरिका और भारत के मजबूत आर्थिक संबंधों से दोनों देशों में रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं – यह बयान व्हाइट हाउस की ओर से आया है जिसके अनुसार राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो दृष्टिकोण साझा किया है उससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.

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व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने बताया कि ‘राष्ट्रपति का मानना है कि दोनों देशों के बीच प्रभावी सहयोग से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है, रोजगार के अवसर पैदा हो सकते है और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल सकता है. मुझे मालूम है कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ओबामा से इसी प्रकार के लक्ष्य साझा किये हैं.’ सचिव ने आगे कहा कि ओबामा को इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नरेन्द्र मोदी के रूप में एक प्रभावी वार्ताकार और सहयोगी मिल गया है.
रक्षामंत्री भी अमेरिका जाएंगे
प्रेस सचिव ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के शुरूआती साढ़े सात साल के दौरान हुई प्रगति से खुश हैं और अगले पांच महीने भी ऐसे प्रयास करते रहेंगे. गौरतलब है कि अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रित्जकर अगले हफ्ते दूसरी रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के लिए भारत आएंगे. संभवत: यह भारत और निवर्तमान होने जा रहे ओबामा प्रशासन के बीच अंतिम वार्ता होगी.

इसी दौरान भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर अमेरिका में अपने समकक्ष एश्टन कार्टर से मिलने के लिए अमेरिका जाएंगे. ओबामा और मोदी की अगले महीने चीन में जी-20 शिखर सम्मेलन से अलग, मुलाकात की संभावना है. हालांकि अभी इस बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.