Monthly Archives: June 2016

जब मैक्सिकन प्रेसीडेंट पेना नीतो खुद ड्राइव कर पीएम मोदी संघ पहुंचे रेस्टोरेंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों के दौरे के अंतिम चरण में भारतीय समय के मुताबिक गुरुवार सुबह करीब सवा पांच बजे मैक्सिको पहुंचे। यहां पर उन्‍होंने मैक्सिको के राष्‍ट्रपति एनरिके पेना निएतो से मुलाकात की।

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पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति निएतो के बीच दो वर्षों में यह तीसरी मुलाकात थी। ऐसे में जब पीएम मोदी यहां पहुंचे आप में एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जब मैक्सिको के राष्ट्रपति निएतो तो खुद ड्राइव करके पीएम मोदी को एक रेस्टोरेंट लेकर पहुंचे।

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पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति निएतो ने बेहद सादगी भरे अंदाज में रेस्‍टोरेंट में कोने की एक टेबल पर खाना खाते और बातचीत करते नजर आ रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता विकास स्‍वरूप ने ट्वीट किया, ‘बीन टैकोस पर बनते संबंध। राष्ट्रपति एनरिक पेना निएतो और नरेंद्र मोदी साथ खाते हुए।’

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पीएम मोदी की स्‍पीच और 8 स्‍टैंडिंग ओविएशन, 66 तालियां, और आटोग्राफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस के ज्‍वाइंट सेशन को एड्रेस किया। वहीं यूएस कांग्रेस जिसने वर्ष 2005 में पीएम मोदी के अमेरिकी वीजा को ब्‍लॉक कर दिया था।

अमेरिकी सांसद हुए पीएम मोदी के मुरीद
हमेशा से अपने भाषणों के लिए मशहूर पीएम मोदी ने जब अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया तो उनका जादू यहां भी चल चुका था। जैसे ही पीएम मोदी कांग्रेस हॉल में दाखिल हुए सभी सदस्यों ने खड़े होकर तालियों से उनका स्वागत किया और काफी देर तक हॉल में तालियों की गडग़ड़ाहट गूंजती रही। अमेरिकी सांसद पीएम मोदी की स्‍पीच के बाद काफी देर तक उनकी तारीफ करते रहे।

48 मिनट की स्‍पीच और 66 बार तालियां

पीएम मोदी की स्‍पीच के दौरान भी कई कई बार अमरीका सांसदों ने खड़े होकर तालियां बजाईं। स्‍पीच खत्‍म होने के बाद भी तालियां करीब चार मिनट तक तब तक बजती रहीं और पीएम सांसदों से मिलते रहे। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी की 48 मिनट की स्पीच के दौरान 66 बार तालियां बजीं और आठ बार उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दिया गया।

सांसदों को हंसाया और दिए ऑटोग्राफ

तीन ऐसे मौके भी आए जब अमेरिकी सांसदों ने उनकी बात पर जोरदार ठहाके भी लगाए। यही नहीं शुरुआत में ही मोदी का अमेरिकी सांसदों ने जोरदार स्वागत किया। इसके बाद जैसे ही उन्होंने अपनी स्पीच खत्म की अमरीकी सांसदों में मोदी का ऑटोग्राफ लेने की होड़ लग गई।

पाकिस्तान का नाम लिये बगैर बहुत कुछ कह गये नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी कांग्रेस के ज्‍वाइंट सेशन को संबोधित करने के लिए वाशिंगटन स्थित कैपिटॉल हिल पहुंचे। यहां पर अपने 30 मिनट के भाषण में उन्‍होंने भारत के पड़ोस में पनपते आतंकवाद का जिक्र किया तो वहीं अफगानिस्‍तान में भारत के योगदान की भी चर्चा की।

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पाक का नाम लेने में कोई हिचक नहीं
पीएम मोदी अपने पहले एड्रेस में आतंकवाद को पाकिस्‍तान से जोड़ने पर जरा भी नहीं हिचके। उन्‍होंने साफ-साफ कहा कि पाकिस्‍तान में उसी आतंकवाद को बढ़ावा मिला है जिसकी छाया आज पूरी दुनिया में फैल चुकी है।

स्‍पीकर ने किया स्‍वागत
स्‍पीकर पॉल रयॉन ने पीएम मोदी का स्‍वागत किया। पीएम मोदी छठवें ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्‍हें यह मौका मिला है।

पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्‍हा राव, अटल बिहारी वाजपेई और मनमोहन सिंह इससे पहले अमेरिकी कांग्रेस के ज्‍वाइंट सेशन को संबोधित कर चुके हैं।

सदन में हुआ जोरदार स्‍वागत

अमेरिका के वाइस प्रेसीडेंट जो बाइडेन पीएम मोदी के एड्रेस के दौरान मौजूद थे। अमेरिकी कांग्रेस के सदस्‍यों ने तालियों के साथ पीएम मोदी का जोरदार स्‍वागत किया।

कांग्रेसनल एस्‍कॉर्ट कमेटी के मेंबर्स के सुरक्षा घेरे में पीएम मोदी हाउस तक पहुंचे थे। उनका परिचय कराते हुए स्‍पीकर पॉल रयॉन ने कहा कि उन्‍हें इस बात का गर्व है कि वह भारत के पीएम को इस सदन तक लेकर आए।

एक नजर डालिए पीएम मोदी ने यूएस कांग्रेस के अपने पहले ज्‍वाइंट एड्रेस में क्‍या कहा।

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गांधी से लेकर मार्टिन लूथर किंग का जिक्र

मुझे इस ज्‍वाइंट सेशन को संबोधित करते हुए काफी गर्व की अनुभूति हो रही है। लोकतंत्र के इस मंदिर ने दुनिया के दूसरे लोकतंत्रों को एक नई प्रेरणा दी है। मुझे यहां पर बोलने का मौका देकर आपने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और इसके 1.25 बिलियन लोगों को सम्‍मान प्रदान किया है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतिनिधित्‍व करते हुए मुझे यहां पर बोलते हुए काफी सम्‍मान की अनुभूति हो रही है। मैंने अपने अमेरिकी दौरे की शुरुआत आर्लिंगटन जाकर उन शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ की जिन्‍होंने देश की सुरक्षा में अपने प्राण न्‍यौछावर कर दिए। भारत उन सभी वीरों को सलाम करता है जिन्‍होंने मानवता और देश की रक्षा में अपने प्राण त्‍याग दिए हैं।

बहुत से लोगों को जिन्‍हें एक आजाद देश के तौर पर भारत पर शक था, भारत ने लोकतंत्र में अपना भरोसा जताकर उनको गलत साबित किया है। आज भारत एक होकर जश्‍न मनाता है और एक साथ होकर तरक्‍की कर रहा है। महात्मा गांधी के अहिंसा के संदेश ने मार्टिन लूथर किंग को प्रभावित किया। भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने एक सदी पहले जो तीन वर्ष कोलंबिया यूनिवर्सिटी में बिताए, उन वर्षों ने उन्‍हें एक नई दिशा दी।

क्‍यों वाजपेई ने कहा था अमेरिका को स्‍वाभाविक साझीदार
कोई आश्चर्य नहीं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत और अमेरिका को स्वाभाविक साझीदार कहा था। मुंबई हमलों के वक्त यूस कांग्रेस ने जिस तरह भारत के साथ एकता दिखाई थी उसे भारत कभी नहीं भूल पाएगा। आपने बाधाओं को समझौते के पुल में बदलने में हमारी मदद की। भारत-अमेरिका के रक्षा संबंधों में बहुत मजबूती आई है।

ओबामा ने सही कहा कि हमारी दोस्ती 21वी सदी बदलेगी। मुंबई हमले के बाद अमेरिका का साथ हम नहीं भुला सकते। परमाणु समझौते से दोनों देशों के रिश्ते की नई शुरुआत।

योगा और भारतीय प्रतिभा
अमेरिका में रह रहे भारतीयों ने यहां की तरक्‍की में भारी योगदान दिया है। आज वह आपकी कं‍पनियों के सीईओ हैं, डॉक्‍टर हैं, इंजीनियर हैं। यहां तक कि वह पिछले कई वर्षों से स्‍पेलिंग बी जैसे कॉम्‍पटीशन के विनर भी हैं। भारत में बसे भारतीय-अमेरिकियों ने दोनों देशों को जोड़ने का काम किया है। सीरी की मानें तो आज अमेरिका में 30 मिलियन लोग योगा का अभ्‍यास करते हैं। इसके बावजदू भारत ने योगा पर अपना कोई हक नहीं जाहिर किया है। भारत वह देश है जहां पर आप व्‍यापार को आगे बढ़ा सकते हैं। यहां पर 800 मिलियन युवा हैं जो आपको आगे बढ़ने का मौका देंगे। भारत के साथ सिर्फ मिलिट्री नहीं व्‍यापारिक साझेदारी भी अमेरिका को आगे ले जाएगी।

आतंकवाद, भारत और अमेरिका
आज न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया आतंकवाद से पीड़ित है। आज आतंकवाद को कई नाम दे दिए गए हैं लेकिन इनका सिद्धांत और चेहरा एक ही है। यह दुनिया में सिर्फ नफरत और हिंसा को बढ़ावा देना चाहते हैं। आज आतंक की छाया दुनिया में फैल रही है लेकिन भारत के पड़ोस में इसे बढ़ावा मिला है। अमेरिकी कांग्रेस को आज उन सभी को एक कड़ा संदेश देने की जरूरत है जो आतंकवाद के नाम पर राजनीतिक फायदा उठाने की ताक में रहते हैं।

आतंकवाद को समर्थन देने वालों को पुरस्‍कार देना बंद करिए। मानवता को एक सुर में आवाज उठाकर आतंकवाद की आवाज को दबाना होगा। भारत हिंद महासागर में भअपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। समुद्री व्यापार की सुरक्षा और साइबर सिक्‍योरिटी में दोनों देश सहयोग कर रहे हैं। मजबूत भारत रणनीति लिहाज से अमेरिका की जरूरत है। दोनों ही देश अपने नागरिकों को आतंकवाद से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इस लड़की के दिल में था छेद, PM मोदी को लिखा पत्र, बच गई जान

पुणे शहर के हड़पसर की रहने वाली एक 6 साल की बच्‍ची ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिख दर्द सांझा किया। लेटर मिलने के 5 दिन बाद मोदी ने उसे जवाब दिया और फिर उसका दर्द हमेशा के लिए खत्‍म हो गया। जी हां लड़की के दिल में छेद था और उसके परिजनों की आर्थिक स्‍थिति इस कदर खराब थी कि वो उसका इलाज नहीं करा पा रहे थे। जानकारी के मुताबिक पीएमओ से जिला कलेक्‍टर को लेटर लिखकर बच्‍ची की मदद करने को कहा गया जिसके बाद उसके दिल की फ्री सर्जरी की गई है।

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जानकारी के मुताबिक दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली वैशाली के पिता मोनीष यादव मूल रूप से अहमदनगर के रहने वाले हैं। वो हड़सपर में पेटिंग का काम करते हैं। वैशाली जब बहुत छोटी थी तो उसकी मां उसे छोड़कर चली गई और तबसे वो अपने पिता के साथ रहती है। दो साल पहले वैशाली अचानक स्‍कूल में बेहोश होकर गिर गई। उसे जब डॉक्‍टर के पास ले जाया गया तो पता चला कि उसके दिल में छेद है। डॉक्‍टरों ने जल्‍द से जल्‍द ऑपरेशन करने को कहा।

वैशाली के पिता और चाचा ने कई एनजीओ और राजनेताओं से मदद की गुहार लगायी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उसके बाद एक दिन वैशाली ने टीवी पर मोदी सरकार का ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ विज्ञापन देखा और फिर नरेंद्र मोदी से लेटर लिखने को कहा।

जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक उसने 20 मई को पत्र लिखा था और फिर 27 मई को पीएमओ की तरफ से जवाब आया। चुकि वैशाली ने पत्र के साथ अपने स्‍कूल का आईडीकार्ड भी लगाया था इसलिए कलेक्‍ट्रेट के अधिकारी सीधे वहां पहुंचे और वैशाली को अस्‍पताल में भर्ती कराया।

4 जून को रुबी अस्पताल में वैशाली का ऑपरेशन हुआ। 7 जून को उसे डिस्जार्च कर दिया गया। वैशाली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली मदद पर खुशी जताई है। उसने कहा कि मुझ जैसी एक आम बच्ची के लिए प्रधानमंत्री ने मदद दी इससे मुझे काफी खुशी हुई है। मैं पीएम मोदी जैसा बड़ा बनने की सोच रही हूं जिससे देश की सेवा कर सकूं।

वह कैपिटॉल हिल जहांं आज है पीएम मोदी का ज्‍वाइंट एड्रेस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिकी कांग्रेस के ज्‍वाइंट सेशन को कैपिटॉल हिल में संबोधित करेंगे। पीएम मोदी भारत के पांचवें प्रधानमंत्री हैं जिन्‍हें यह मौका मिला है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्‍हा राव, अटल बिहारी वाजपेई और मनमोहन सिंह को यह मौका मिला है।

us-congress-capitol-hill-fctsआज है पीएम मोदी का ज्‍वाइंट एड्रेस
अब जब पीएम मोदी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करने जा रहे हैं तो यह जानना भी कहीं न कहीं जरूरी हो जाता है कि आखिर कैपिटॉल हिल क्‍या है और अमेरिका की राजनीति में इसकी क्‍या अहमियत है?

  • यूएस कैपिटॉल हिल को आप अमेरिका की संसद भी कह सकते हैं।
  • यूएस कैपिटॉल हिल अमेरिकी कांग्रेस की स्‍थायी सीट है।
  • अमेरिकी कांग्रेस अमेरिकी सरकार की ही एक शाखा है।
  • कैपिटॉल हिल वॉशिंगटन के नेशनल मॉल के ईस्‍टर्न में स्थित है।
  • कैपिटॉल हिल की बिल्डिंग का निर्माण सन 1800 में हुआ।
  • बाकी अमेरिकी एग्जिक्‍यूटिव और ज्‍यूडिशियल बिल्डिंग्‍स की तर्ज पर ही निर्मित किया गया।
  • वाशिंगटन के राजधानी के तौर पर स्‍थापित ना होने से पहले अमेरिकी कांग्रेस के सदस्‍यों ने फिलाडेल्फिया और न्‍यूयॉर्क के अलावा कुछ और राज्‍यों में मुलाकात की।
  • चार मार्च 1789 को अमेरिका के संविधान की शुरुआत हुई और अमेरिकी कांग्रेस की स्‍थापना भी हुई।
  • इसके बाद जुलाई 1790 तक न्‍यूयॉर्क अमेरिकी कांग्रेस का घर रहा।
  • जब अमेरिका में रेजीडेंस एक्‍ट पास हुआ तो अमेरिका को एक स्‍थायी राजधानी मिली।
  • फिर अमेरिकी कांग्रेस के घर को न्‍यूयॉर्क से वाशिंगटन शिफ्ट करने का फैसला हुआ।
  • यहीं पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति हर वर्ष अपना स्‍टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस देते हैं।
  • यहीं पर हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्‍स का चैंबर है और इसकी 448 स्‍थायी सीट्स होती हैं।

 

US में पीएम मोदी : NSG और MTCR पर मिला अमेरिका का साथ; जानें भारत के लिए यह क्यों जरूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के पहले दिन भारत को बड़ी सफलता मिली है। अमेरिका न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप NSG की सदस्यता के लिए भारत को समर्थन देने को तैयार हो गया है। इसके अलावा भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम यानी MTCR के सदस्य देशों में भी शामिल होने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। बहरहाल, इस संबंध में आधिकारिक घोषणा करने से पहले कुछ औपचारिकताएं पूरी होनी शेष हैं।

narendra-modi-and-barack-obamaपीएम मोदी ने ओबामा को दिया धन्यवाद
अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाक़ात के बाद दोनों नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान पीएम ने पीएम मोदी ने NSG और MTCR में समर्थन के लिए ओबामा को धन्यवाद दिया। पीएम ने कहा कि भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और ग़रीबी उन्मूलन के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे।

दोनों देश साइबर सुरक्षा पर साथ काम करेंगे
साझा बयान के मुताबिक, दोनों देश साइबर सुरक्षा पर साथ काम करेंगे। बैठक में परमाणु सहयोग पर भी चर्चा हुई। आज पीएम अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।

जानिये आखिर न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप क्या है, जिसमें भारत शामिल होना चाहता है।

  • यह 48 देशों का समूह है, जो परमाणु संबंधी चीजों के व्यापार को संचालित करते है।
  • इस समूह का मकसद है न्यूक्लियर मैटेरियल का इस्तेमाल बिजली बनाने जैसे शांतिपूर्ण कामों के लिए हो।
  • NSG यह भी सुनिश्चित करता है कि न्यूक्लियर सप्लाई मिलिट्री इस्तेमाल के लिए डाइवर्ट न की जाए।
  • NSG के 48 देशों में से एक देश भी अगर भारत को शामिल करने का विरोध करता है तो NSG में भारत को शामिल नहीं किया जाएगा।
  • चीन भारत की इस मुहिम का विरोध कर रहा है जबकि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है।
  • स्विटज़रलैंड ने समर्थन की बात कही है, वहीं राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाल के चीन दौरे को भी NSG के मुद्दे पर चीन के रुख को नरम करने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है।

MTCR का सदस्य बना भारत, नियमों का करना होगा पालन
अमेरिका के समर्थन के बाद भारत अब MTCR यानी मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम में शामिल हो गया।
34 देशों के इस समूह में किसी भी देश ने भारत के सदस्य बनने पर आपत्ति नहीं जताई। इसके साथ ही भारत अमेरिका से मानवरहित ड्रोन खरीद सकेगा और बह्मोस जैसी अपनी High-End मिसाइल को बेच सकेगा।
MTCR का सदस्य बनने पर भारत को कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा जैसे अधिकतम 300 किलोमीटर से कम रेंज वाली मिसाइल बनाना ताकि हथियारों की होड़ को रोका जा सके। भारत की सदस्यता को लेकर 34 सदस्यों वाले समूह की आपत्तियां हासिल करने का समय सोमवार को खत्म हो गया और किसी भी देश ने भारत की सदस्यता पर आपत्ति नहीं जताई।

आज से रमजान शुरू, इस पाक महीने में होंगे चार जुमा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी मुबारकबाद

माहे-रमजान का चांद सोमवार को राजधानी दिल्ली सहित देश के अन्य शहरों में देखा गया।  चांद नजर आने के बाद लोगों ने एक-दूसरे को रमजान के पाक महीने की मुबारकबाद दी और दुआओं में शामिल रखने की गुजारिश की। परंपरा और चांद दिखने के मुताबिक़ 30 दिनों के रोजा के बाद ईद-उल-फितर त्यौहार मनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र दी मोदी मुबारकबाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रमजान का पाक महीना शुरू होने पर मुस्लिम समुदाय को मुबारकबाद दीं। मोदी ने एक बयान में कहा, “मैं रमजान के पाक महीने का आगाज होने पर मुस्लिम समुदाय को मेरी शुभकामनाएं देता हूं।”

उन्होंने कहा, “खुदा करे कि रमजान हमारे समाज में भाईचारे के बंधन व सद्भाव की भावना को और प्रगाढ़ करे।”

इस पाक महीने में होंगे चार जुमा…
इस बार रमजान के पाक महीने में चार जुमा होंगे।  पहली जुमा की नमाज 10 जून, दूसरे जुमे की नमाज 17 जुलाई व तीसरे जुमे की नमाज 24 जुलाई को अदा की जाएगी, जबकि इस पाक महीने की आखिरी जुमा यानी अलविदा जुमे की नमाज एक जुलाई को अदा की जायेगी।

US ने तस्करी कर ले जाई गईं 10 करोड़ डॉलर की 200 दुर्लभ मूर्तियां भारत को लौटाईं, PM मोदी बोले- ‘शुक्रिया’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने छह दिवसीय विदेश दौरे के सबसे अहम पड़ाव अमेरिका पहुंचे। पीएम मोदी देर रात वॉशिंगटन पहुंचे। पीएम मोदी को यहां अनोखा और बेशकीमती तोहफा मिला। दरअसल, भारत से तस्करी कर ले जाई गईं दुर्लभ सांस्कृतिक कलाकृतियों को अमेरिका ने लौटा दिया। इन कलाकृतियों की कीमत लगभग 10 करोड़ डॉलर है।

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पीएम ने जताया आभार
ब्लेयर हाउस में आयोजित एक समारोह के दौरान पीएम मोदी ने महान संपदा वापस करने के लिए अमेरिका सरकार और राष्ट्रपति बराक ओबामा को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, कुछ लोगों के लिए इन कलाकृतियों की कीमत मुद्रा के रूप में हो सकती है लेकिन हमारे लिए यह इससे कहीं ज्यादा है। यह हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है। अमेरिका की ओर से लौटाई गई चीजों में धार्मिक मूर्तियां, कांसे और टैराकोटा की कलाकृतियां शामिल हैं। इनमें से कई कलाकृतियां तो 2000 साल पुरानी हैं। इन्हें भारत के सबसे संपन्न धार्मिक स्थलों से लूटा गया था।

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इनमें एक मूर्ति संत माणिककविचावकर की है, जो चोल काल (850 ईसा पश्चात से 1250 ईसा पश्चात) के तमिल कवि थे। इस मूर्ति को चेन्नई के सिवान मंदिर से चुराया गया था। इसकी कीमत 15 लाख डॉलर है। इसके अलावा लौटाई गई चीजों में भगवान गणेश की एक कांसे की मूर्ति भी है, जो 1000 साल पुरानी मालूम होती है।

पीएम मोदी ने भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला को श्रद्धांजलि अर्पित की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां अर्लिंगटन नेशनल सीमेट्री में दिवंगत भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला को श्रद्धांजलि दी और टूम ऑफ अननोन सोल्जर्स पर पुष्पांजलि अर्पित की।

modi-pays-homage-to-indian-american-astronaut-kalpana-chawlaविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘बलिदान को सम्मान, वीरता को सलाम। पवित्र समारोह के बाद औपचारिक कार्यों का आरंभ हुआ।’ स्वरूप ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘वीरता और अदम्य साहस को श्रद्धांजलि।’ मोदी ने स्पेस शटल कोलंबिया मेमोरियल में चावला के पति एवं परिजन, नासा के वरिष्ठ अधिकारियों, भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके पिता से भी मुलाकात की।

अमेरिका के विदेश मंत्री एश्टन कार्टर भी प्रधानमंत्री के साथ थे। अमेरिका में भारत के राजदूत अरुण के सिंह, विदेश सचिव एस जयशंकर, भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा और अमेरिका में दक्षिण एवं मध्य एशिया के मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल भी इस मौके पर मौजूद थीं।

पीएम ने सुनीता के पिता को भारत आने का निमंत्रण दिया…
सुनीता विलियम्स ने मोदी के साथ संक्षिप्त बातचीत के बाद कहा, ‘हम सभी बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि उन्होंने यहां आने का समय निकाला। उन्होंने शटल दुर्घटना पर खेद व्यक्त किया और अंतरिक्ष जगत में भारत के साथ हमारे गहरे सहयोग का जिक्र किया।’ उन्होंने कहा, ‘निजी तौर पर यह मेरी मित्र कल्पना चावला को याद करना है।’ मोदी ने सुनीता के पिता से गुजराती में बात की और उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया।

उनके पिता ने कहा, ‘यदि मेरा स्वास्थ्य ठीक रहा तो मैं निश्चित ही भारत जाना चाहूंगा।’ सुनीता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आइये। कृपया आइये और यात्रा कीजिए।’ कल्पना चावला के पति जीन पियरे हैरिसन ने कल्पना चावला पर उनके द्वारा लिखी एक जीवनी समेत दिवंगत अंतरिक्ष यात्री पर लिखा किताबों का एक सेट प्रधानमंत्री को भेंट किया।

‘टूम ऑफ द अननोन्स’ उन अमेरिकी सेवा सदस्यों को समर्पित स्मारक है जिन्होंने अपनी जान गंवाई लेकिन उनके शरीर के अवशेषों को पहचाना नहीं जा सका।

अमेरिका में गूंजे भारत माता की जय के नारे, PM Modi के पहुंचते भारतमय हुआ माहौल

अमेरिका में एक बार फिर से नमो का जादू छाता हुआ दिखाई दिया, PM Modi  के वाशिंगटन पहुंचते ही भारत माता की जय और मोदी-मोदी के नारे चारो ओर गूंज पड़े.

pm-narendra-modi-arrives-at-washington-dcPM Modi  मंगलवार को अपने विदेश यात्रा के सबसे अहम पड़ाव ,अमेरिका पहुंचे. दो साल में PM Modi  का ये चौथा अमेरिका दौरा है. खास बात ये है कि इस बार ये दौरा अमेरिकी प्रेसिडेंट बराक ओबामा के स्पेशल इनविटिशेन पर है. जॉइंट एयरबेस एंड्रूज पर Modi  के पहुंचने से पहले ही भारी मात्रा में भारतीय मूल के लोग इकट्ठा हो चुके थे.

pm-narendra-modi-arrives-at-washingtonजैसे ही PM Modi  वहां पहुंचे वहां मोदी-मोदी, नमो-नमो और भारत माता की जय के नारे गूंजने लगे. पीएम नरेंद्र मोदी की एक झलक पाने के लिए लोगों का हुजुम बेचैन दिखाई देने लगा. जिसको देखते हुए खुद Modi  ने अपने काफिले को हाथ से रुकने का इशारा किया और कार से उतरकर लोगों से मिलने के लिए पहुंचे. और लोगों का अभिवादन स्वीकार किया.

PM Modi in Washington USA7 और 8 जून, दो दिन अमेरिका में रहेंगे, जहां उनके दो इवेंट पर पूरी दुनिया की निगाहे टिकी हुई हैं. Modi  आज ओवल ऑफिस में लंच के साथ प्रेसिडेंट ओबामा के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे. इसके बाद Modi  8 जून को कांग्रेस की संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे. भारत के लिहाज से ये एक अच्छे संकेत हैं.

pm-narendra-modi-arrives-at-washington-dc-2इसके अलावा  Modi , अफगानिस्तान, कतर और स्विट्जरलैंड की यात्रा पूरी करके अमेरिका के वाशिंगटन पहुंचे हैं. स्वीट्जरलैंड में भी भारत को बड़ी कामयाबी मिली थी. जहां स्वीट्जरलैंड ने भारत की NSG सदस्यता का समर्थन किया है, उम्मीद जताई जा रही है कि अमेरिका चीन को भी NSG के लिए मनाने की कोशिश करेगा.