प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं से ‘कंफर्ट जोन’ से बाहर निकलने का आह्वान करते हुए कहा कि स्पर्धा के इस दौर में कभी-कभार ऐसा लगता है कि युवा पीढ़ी रोबोट तो नहीं बन रही है. पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा, ‘‘नौजवान दोस्तों, कुछ बातें मैं आपके साथ भी करना चाहता हूं. मुझे कभी-कभी चिंता होती है कि हमारी युवा पीढ़ी में कई लोगों को कंफर्ट जोन में जीने में मजा आता है. मां-बाप भी एक रक्षात्मक अवस्था में ही उनका लालन-पालन करते हैं. कुछ लोग अलग होते हैं, लेकिन ज्यादतार कंफर्ट जोन वाले नजर आते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही हैं और आप लोगों ने घूमने की योजनाएं बना ली होंगी. ऐसे में मैं आपको तीन सुझाव देता हूं जिन पर आप अमल कर सकते हैं. चाहें तो किसी एक सुझाव पर अमल करके देखिए. मेरे सुझाव हैं कि छुट्टियों में आप नए स्थान, नए अनुभव और नए कौशल का प्रयास करिए.’’
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मुझे इस बात की चिंता हो रही है कि प्रौद्योगिकी दूरियां खत्म करने के लिए आई, लेकिन देखा जा रहा है कि एक ही कमरे में घर के छह लोग बैठे हैं और दूरियां इतनी हैं कि कल्पना नहीं की जा सकती. इतनी दूरियां क्यों हैं? सामूहिकता एक संस्कार है और सामूहिकता एक शक्ति है.’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह स्पर्धा का युग है. आप परीक्षाओं में इतने डूबे रहते हैं. अच्छा से अच्छा अंक हासिल करने के प्रयास में लगे रहते हैं. कभी-कभी डर लगता है कि हमारी युवा पीढ़ी रोबोट तो नहीं हो रही है और मशीन की तरह जिंदगी तो नहीं गुजार रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दोस्तों, जीवन में बहुत कुछ बनने का सपना देखना अच्छी बात है..लेकिन यह भी देखिए कि आपके भीतर का मानवीय पहलू कुंठित तो नहीं हो रहा. हम मानवीय गुणों से दूर तो नहीं जा रहे हैं. कौशल विकास में इस पहलू पर थोड़ा बल दिया जा सकता है.’’