तीन तलाक पर चल रही बहस के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्ध तबके से अपील करते हुए यह भी कहा कि इस व्यवस्था की खामियों से बेटियों को बचाने के लिए उनको आगे आना चाहिए. पीएम नरेंद्र मोदी का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब तीन तलाक का मसला सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष लंबित है और वह जल्द ही इस पर सुनवाई कर इसकी संवैधानिक वैधानिकता पर फैसला देने वाली है.
कन्नड़ दार्शनिक बसवेश्वर की जयंती पर यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मोदी ने उम्मीद जताई कि भारत के मुसलमान दुनिया भर में अपने समकक्षों को ”आधुनिकता का मार्ग दिखायेंगे.” उन्होंने कहा, ”इन दिनों तीन तलाक पर काफी बहस हो रही है. भारत की महान परंपरा को देखते हुये मेरे मन में यह उम्मीद है कि देश में इस समुदाय के प्रभावशाली लोग इस पुरानी हो चुकी व्यवस्था को खत्म करने के लिये आगे आयेंगे और आधुनिक व्यवस्था विकसित करेंगे.” अपने 40 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण, समानता और सुशासन के बारे में बातें कीं.
तीन तलाक के संदर्भ में उन्होंने कहा, ”यह हमारे देश की मिट्टी की ताकत है कि (मुस्लिम) समुदाय के लोग ही इस परेशानी से हमारी माताओं और बहनों को बचाने के लिये आगे आयेंगे.” प्रधानमंत्री ने समारोह में मौजूद लोगों से कहा, ”मैं समुदाय के लोगों से अनुरोध करूंगा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण न होने दें.” इस अवसर पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार भी मौजूद थे.