राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे 40 सांसदों के विदाई के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में भाषण देते हुए सबसे पहले सासंदों के उत्तम सेवाओं और योगदान के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह सदन उन वरिष्ठ महानुभावों का है, जिनका अनुभव सदन को अच्छा बनाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे सांसदों के लिए बेशक सदन के दरवाजे बंद हो जाए, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय के दरवाजे हमेशा खुल रहेंगे।
You will not be part of the Parliament when the longstanding historical legislation on Triple Talaq is passed. However, the Parliament and my own office is always open for you all. Please feel free to share your thoughts on vital issues: PM to the retiring Rajya Sabha members pic.twitter.com/XJzS5twvN0
— BJP (@BJP4India) March 28, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दिलीप जी और सचिन जी का लाभ आने वाले दिनों में हमें नहीं मिल सकेगा। इन दोनों पर भारत को गर्व है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कुरियन साहब को भी बधाई दी और कहा कि आपकी हंसी को यह सदन मिस करेगा। आपने सदन को सही से चलाने में काफी मशक्कत की है।
We will always remember the distinguished work of Parasaran Ji. Who can forget the manner in which Professor Kurien has contributed to the Rajya Sabha: PM @narendramodi in the Rajya Sabha
— PMO India (@PMOIndia) March 28, 2018
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वरिष्ठ सांसदों का अपना एक महत्व होता है और सभी ने अपनी उस भूमिका को निभाया है। उन्होंने कहा कि देश के लिए हर सांसद का योगदान है। उन्होंने कहा कि आप सभी एक महत्वपूर्ण निर्णय प्रक्रिया से वंचित रह गये, इसका मलाल जरूर रहेगा। मगर अच्छा होता कि हम सारी चीजें आपकी उपस्थिति में ही कर पाते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि आपके लिए इस सदन का और प्रधानमंत्री का दरवाजा खुला है। आप जहां भी रहेंगे आप अपने विचारों से योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ सांसदों का अपना महत्व होता है।
आप सभी के लिए सदन और प्रधानमंत्री कार्यालय के दरवाजे हमेशा खुले है। देश हित में आपके पास जो भी विचार हो उसको मैं आगे ले जाने का प्रयास करूँगा।आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनायें : प्रधानमंत्री श्री @narendramodi https://t.co/t4vQXxLbpW pic.twitter.com/ugiJ4rPtRZ
— BJP (@BJP4India) March 28, 2018
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह विदाई है जुदाई नहीं। यह तत्कालिक है। नेता कभी रिटायर नहीं होते हैं। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने दोनों सदनों को मिलाने का काम किया। यहां लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मिलने के मामले में एक्स सांसद ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि हम रोज सुबह उन्हें सेंट्रल हॉल में देखेंगे।
उन्होंने कहा कि इस देश में लोकतंत्र को किसी ने जिंदा रखा है तो वह सासंद और लॉ मेकर्स ही हैं। सांसदों ने ही लोकतंत्र को जिंदा रखा है। सांसद अपनी तन्ख्वाह के लिए नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि हम पानी, बिजली, बैंकों की लूट के लिए लड़ रहे हैं। हम किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। अगर किसी को विशेष राज्य का दर्जा मिलता है तो उससे फायदा हमें नहीं बल्कि आम लोगों को मिलेगा। हम बेरोजगारों, दलितों और महिलाओं की आवाज उठाते हैं। उन्होंने कहा कि आवाज उठान विपक्ष का धर्म होता है।
गुलाम नबी आजाद ने नरेश अग्रवाल को न सिर्फ बधाई दी, बल्कि उन पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि भाजपा में वह भाषा की मर्यादा को बना कर रखेंगे ऐसी आशा है। साथ ही उन्होंने जेटली, जया बच्चन सहित आने वाले नये सांसदों को भी बधाई दी।
गौरतलब है कि कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर अन्नाद्रमुक सदस्यों द्वारा मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही बाधित किये जाने के कारण उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिये स्थगित कर दी गयी थी। राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों का विदाई भाषण इस कारण से नहीं हो सका था।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने अपने स्थानों पर खड़े अन्नाद्रमुक सदस्यों से बैठने का बार बार अनुरोध किया था, लेकिन उनके नहीं मानने पर सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिये स्थगित कर दी गयी। नायडू ने सदन की गरिमा दांव पर होने का भी हवाला दिया लेकिन अपने स्थान पर खड़े अन्नाद्रमुक सदस्यों पर इसका भी कोई असर नहीं हुआ।