एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन डा. सुभाष चंद्रा की आत्मकथा का विमोचन बुधवार शाम को प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर 7 आरसीआर में एक भव्य समारोह में किया गया। इस आत्मकथा का शीर्षक “दी ज़ी फैक्टर: माई जर्नी एज दी रॉन्ग मैन एट दी राइट टाइम” है और इसे प्रांजल शर्मा के साथ लिखा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आत्मकथा का विमोचन करने के बाद डा. सुभाष चंद्रा की खूब प्रशंसा की। पीएम ने कहा कि आत्मकथा लिखना काफी हिम्मत की बात है और इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। डा. चंद्रा के स्वभाव में रिस्क लेना है और रिस्क लेकर ही सुभाष जी यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि सुभाष जी से पहले मेरा इनके पिता से परिचय था। लंबे वक्त से सुभाष जी का परिवार सामाजिक कार्यों में लगा है और आज ये देश भर में 52 हजार एकल विद्यालय चलाते हैं। पीएम ने कहा कि मैंने सुभाष जी को कभी तनाव में नहीं देखा। ये हमेशा प्रसन्नचित रहते हैं, हमेशा हंसते रहते हैं और ऐसा करना बड़ा कठिन काम है। पीएम ने डा. चंद्रा की तारीफ करते हुए कहा कि इन्होंने हर परिस्थिति में खुद को उपयुक्त पाया। काम ने ही सुभाष जी के लिए आगे का रास्ता बनाया।