मिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु संयंत्र में दो अन्य इकाईयां स्थापित करने को लेकर रूस के साथ प्रस्तावित समझौते पर हस्ताक्षर को लेकर अभी भी संदेह बरकरार है। हालांकि पीएम मोदी 15 दिन बाद रूस का दौरा करेंगे लेकिन इस दौरान समझौते पर हस्ताक्षर को लेक संशय की स्थिति बरकरार है।
मोदी एक जून को रूस के सेंटपीटर्सबर्ग में आयोजित हो रही अंतरराष्ट्रीय आर्थिक फोरम के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे इसके अतिरिक्त रूस के दौरे पर मोदी वहां के राष्ट्रपति वाल्दिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे।
इस दौरान वह दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे साथ ही समझौतों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे। चर्चा के विषय निवेश, रक्षा और परमाणु सहयोग हो सकते हैं। गौरतलब है कि भारत और रूस कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की पांचवीं व छठी इकाइयों को लेकर जनरल फ्रेमवर्क एग्रीमेंट (जीएफए) को अंतिम रूप देने पर बातचीत कर रहे हैं। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि दौरे पर दोनों देश इस समझौते पर हस्ताक्षर करते है या नहीं।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत और रूस के बीच पिछले साल दिसंबर को को ही जीएफए पर हस्ताक्षर होने थे लेकिन दोनों देशों की ओर से क्रेडिट प्रोटोकाल पर सहमति न बनने के चलते मामला अधर में है। गौरतलब है कि जीएफए के तहत रूस के सहयोग से कुडनकुलम परमाणु संयंत्र में प्रत्येक 1000 मेगावाट की पांचवीं व छठी इकाईयों का निर्माण होना है।
जर्मनी, स्पेन और रूस का दौरा करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 29 मई को जर्मनी, स्पेन और रूस का दौरा करेंगे। पीएम मोदी के दौरे का उद्देश्य तीनों देशों से भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और उन्हें निवेश के लिए आमंत्रित करना होगा।
पीएम मोदी का जर्मनी और स्पेन का दौरा द्विपक्षीय होगा जबकि रूस में सेंटपीटर्सबर्ग शहर का दौरा वहां एक से तीन जून के बीच होने वाले सेंटपीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम (एसपीआईईएफ) के संबंध में होगा।
तीन देशों की पांच दिवसीय यात्रा के दौरान पीएम मोदी जर्मनी में चांसलर एगेंला मार्केल से मुलाकात कर व्यावसायिक समझौतों को आगे बढ़ाने को लेकर चर्चा करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी की जर्मनी में दूसरे साल में यह दूसरी यात्रा होगी।