प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वीडन और ब्रिटेन के पांच दिवसीय दौरे के पहले चरण में सोमवार शाम को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम पहुंच रहे हैं। इस दौरान वह 17 अप्रैल को पहले इंडिया-नोर्डिक शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड, डेनमार्क और आइसलैंड देशों को सामूहिक रूप से नोर्डिक देश भी कहा जाता है। इस लिहाज से भारत के लिए यह बड़ा मौका है कि इस क्षेत्र के 5 राष्ट्रप्रमुखों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की बैठक होगी। इससे पहले यह सम्मान केवल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को मिला था। उनके कार्यकाल के दौरान इस तरह नोर्डिक देशों के प्रमुखों के साथ अमेरिका-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ था। उसके बाद इस तरह का आयोजन दूसरी बार हो रहा है।
इस तरह का प्रयास इस मायने में भी खास है क्योंकि परंपरागत रूप से भारत यूरोप के देशों के साथ इस तरह की बातचीत के लिए यूरोपीय संघ के मंच का इस्तेमाल करता रहा है, लेकिन इस बार यूरोपीय देशों के साथ बातचीत के लिए भारत पहली बार इस तरह का अभ्यास कर रहा है। इस दौरे को कूटनीतिक रूप से भारत के बढ़े कद के रूप में इस लिहाज से भी देखा जा सकता है कि भारत-नोर्डिक शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव भारत की तरफ से दिया गया था और नोर्डिक क्षेत्र के सभी देशों ने इसको स्वीकार कर लिया। दोनों तरफ परिपक्व लोकतंत्र के समान मूल्यों और विरासत के कारण इसे स्वीकार करने में उनको कोई झिझक नहीं हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि सन 1988 के बाद वह स्वीडन जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। इस शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय व्यापार, निवेश के अलावा नवाचार और नवीकरणीय ऊर्जा पर बातचीत होने की उम्मीद है।
स्वीडन और ब्रिटेन की अपनी यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह व्यापार, निवेश और स्वच्छ ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी गहरा बनाने को लेकर आशान्वित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘भारत और स्वीडन के बीच दोस्ताना रिश्ता है। हमारी साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों तथा खुले, समावेशी एवं नियमों की बुनियाद पर टिकी वैश्विक व्यवस्था के प्रति कटिबद्धता पर आधारित है। स्वीडन हमारे विकास पहलों में एक मूल्यवान साझेदार है।’’
भारत और स्वीडन मिलकर मंगलवार को स्टॉकहोम में भारत-नोर्डिक सम्मेलन आयोजित करेंगे जिसमें फिनलैंड, नार्वे, डेनमार्क और आइसलैंड के प्रधानमंत्रियों के हिस्सा लेने का कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘स्वच्छ प्रौद्योगिकियों, पर्यावरण हल, बंदरगाह आधुनिकीकरण, कोल्ड चेन, कौशल विकास और नवोन्मेष में नोर्डिक देशों की ताकत का लोहा विश्व मान चुका है। नोर्डिक क्षमता भारत के परिवर्तन के हमारे दिशादृष्टि में सटीक बैठती है।”
स्वीडन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को ब्रिटेन जायेंगे जहां वह अपनी ब्रिटिश समकक्ष टेरीजा मे के साथ द्विपक्षीय भेंटवार्ता के अलावा राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”लंदन की मेरी यात्रा दोनों देशों को इस बढ़ती द्विपक्षीय साझेदारी में एक नई गति पैदा करने का एक मौका प्रदान करती है। मैं स्वास्थ्य, नवोन्मेष, डिजिटलीकरण, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, स्वच्छ ऊर्जा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में भारत-ब्रिटेन साझेदारी बढ़ाने पर बल दूंगा।”