प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को शांति और सद्भाव के संदेश के लिए इस्लाम की तारीफ करते हुए कहा कि अल्लाह के 99 नामों में किसी का मतलब हिंसा से नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ टकराव नहीं है और आतंक एवं धर्म को अलग किया जाना चाहिए। प्रथम विश्व सूफी मंच को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि मानवता के लिए इस महत्वपूर्ण समय पर इस शानदार कार्यक्रम का आयोजन होना दुनिया के लिए अहम है। जब हिंसा की काली परछाईं बड़ी होती जा रही है तो उस समय आप उम्मीद का नूर या रोशनी हैं। जब जवान हंसी को बंदूकें खामोश कर रही हैं तो आपकी आवाज मरहम है।’ सूफीवाद के संदेश को आगे बढ़ाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ टकराव नहीं है।