प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजधानी दिल्ली में दो दिनों तक चलने वाले भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में आसियान देशों के साथ हिस्सा लिया। उन्होंने इस दौरान कहा कि आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में आप सभी का स्वागत करते हुए मुझे काफी खुशी हो रही है। हमारी यह साझा यात्रा हजारों सालों से चली आ रही है। यह भारत के लिए सौभाग्य की बात है कि वह आसियान नेताओं की मेहमाननवाजी कर रहा है । आप सभी आसियान नेता गणतंत्र दिवस के मौके पर हमारे अतिथि होंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि सन 1992 में जब से हमारी साझेदारी विकसित हुई, तबसे हमने 5 साल की कार्ययोजना के जरिये शांति, प्रगति और साझा समृद्धि के लिए आसियान भारत के उद्देश्यों को लागू करने में सफलता हासिल की है ।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में आप सभी के सामूहिक उपस्थिति ने इस देश के सवा सौ करोड़ भारतीयों के दिलों को छूआ है। भारत, नियम आधारित समाजों और शांति के मूल्यों के लिए आसियान विजन साझा करता है। हम समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए आसियान देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ।
पीएम मोदी ने कहा कि प्राचीन महाकाव्य रामायण में आसियान और भारतीय उपमहाद्वीप के बीच अहम साझा विरासत रहा है। बौद्ध धर्म हमें भी करीब से बांधे रखता है। दक्षिण पूर्वी एशिया के कई हिस्सों में इस्लाम में विशिष्ट भारतीय संबंध कई सदियों से देखने को मिल रहे हैं ।
10 आसियान देशों के नेता सम्मेलन में भाग लेने के साथ – साथ गणतंत्र दिवस समारोह में भी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार वियतनाम के पीएम, कंबोडिया के पीएम, फिलीपीन्स के राष्ट्रपति, म्यांमार की स्टेट काउंसलर, सिंगापुर के पीएम, थाईलैंड के पीएम, ब्रुनेेई के सुल्तान, मलेशिया के पीएम, लाओस और पीडीआर के पीएम दिल्ली में हैं। इन नेताओं में सबसे पहले विएतनाम के प्रधानमंत्री नगुएन शुआन फुक अपनी पत्नी त्रान नगुएन थू के साथ यहां पहुंचे। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने पालम हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। उसके बाद कंबोडिया के प्रधानमंत्री सामदेच टेको हुन सेन का विमान उतरा। उनकी अगवानी कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा ने की।