इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के भारतीय दौरे के बाद पीएम नरेंद्र मोदी फलस्तीन के दौरा पर जाने वाले हैं। खबर है कि पीएम नरेंद्र मोदी 10 फरवरी को फलस्तीन के रामल्ला पहुंचेंगे। यह किसी भारतीय पीएम का पहला फलस्तीन दौरा होगा। इससे पहले इजरायल जाने वाले भी पीएम नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे। जैसे कि इजरायल और फलस्तीन के बीच आपसी रिश्ते ठीक नहीं हैं। ऐसे में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अब फलस्तीन दौरा बेहद खास होने वाला है।
जॉर्डन में अम्मान से होकर पीएम नरेंद्र मोदी फलस्तीन के रामल्ला पहुंचेंगे। वेस्ट बैंक के शहर रामल्ला फलस्तीन की वास्तविक प्रशासनिक राजधानी है। जिस रास्ते मोदी फलस्तीन के रामल्ला जाएंगे वहां से जेरुसलेम की दूरी मात्र 8 किलोमीटर है। बता दें कि इजरायल के संदर्भ में भारत यूएन में जेरुसलेम को राजधानी बनाने के खिलाफ था। जिसके बाद भारत का इजरायल और फलस्तीन दोनों के साथ कूटनीतिक रिश्ता बेहद अहम है। देखने वाली बात यह है कि भारत अपना पक्ष इजरायल और फलस्तीन में से किसके पक्ष में मजबूती से रखता है?
पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी के इजरायल दौरे के बाद रामल्ला में पॉलिसी और सर्वेक्षण अनुसंधान के लिए फलस्तीन केंद्र के निदेशक खलील शिक्की ने इसे फलस्तीन को नजरअंदाज करने की बात कही थी। इसके बाद से यह समझा जाने लगा था। कि भारत आजादी के बाद से फलस्तीन से अपनी दूरी बना रहा है। इसके बाद अब पीएम नरेंद्र मोदी का फलस्तीन दौरा सुरक्षा मामले में पश्चिमी फलस्तीन को नई उम्मीद दे रहा है।
भारत का यूएन में जेरुसलेम के खिलाफ दिए गए मत और अब पीएम मोदी के विजिट से फलस्तीन को लग रहा है कि भारत फलस्तीन में सूख गए रिश्ते को नई संभावनाएं मिल सकती है और वो भारतीय प्रधानमंत्री का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।