प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवांडा की राष्ट्रीय विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रयासों में भारत के सहयोग की प्रतिबद्धता दोहरायी है और इस मध्य-पूर्वी अफ्रीकी देश के साथ द्विपक्षीय व्यावयासिक संबंधों के विस्तार पर बल दिया है। रवांडा की यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजी से विकास की राह पर बढ़ रहे इस देश को अफ्रीका के सभी दरवाजों की चाबी बताया है। उन्होंने आज भारत और रवांडा की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) की बैठक को संबोधित करते आज कहा कि हालांकि भारत तेजी से विकास कर रहा है,‘ ‘हमने अपना लक्ष्य ‘सबका साथ, सबका विकास रखा है।’’
उन्होंने कहा भारत में विनिर्माण उद्योग को बढाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ पहल शुरू की गयी है जिसे ‘‘हम रवांडा के साथ साझा कर सकते हैं उससे उसे जोड़ सकते हैं।’’ रवांडा की यात्रा करने वाले मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें विकास करना है और जो भी हमारे साथ मिलकर विकास करना चाहते हैं, हमें उनके विकास में मदद करने को तैयार रहना चाहिए।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘मेरे साथ यहां आये भारतीय उद्योग प्रतिनिधिमंडल से मैं कहना चाहूंगा कि आप केवल रवांडा नहीं आयें हैं। आज रवांडा आने का मतलब है कि आप यहां आकर अफ्रीका के सभी दरवाजे खुला पाएंगे क्योंकि उनकी चाबी यहीं है। ’’उन्होंने कहा कि रवांडा विकास को एक नई गति दे रहा है और राष्ट्रपति पॉल कागामे इसकी अगुवाई कर रहे हैं। अफ्रीका में आज रवांडा के माडल, विकास और राजकाज को लेकर चर्चा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘यहां रवांडा आने का मतलब यह नहीं है कि आप सीमा से बंध गये हैं बल्कि आपको अधिक संभावनाएं, चुनौतियां और अवसर देखने को मिलेंगे।
मुझे भरोसा है कि आप इन अवसरों को नहीं छोड़ेंगे। ’’विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘आर्थिक संबंधों से रणनीतिक भागीदारी फल – फूल रही है। भारत – रवांडा व्यापार मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पाल कागामे ने दोनों देशों के उद्योग जगत से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने रवांडा के विकास की आकांक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता आज दोहरायी। ’’इससे पहले, मोदी ने कहा कि जब दुनिया का ध्यान अफ्रीका की तरफ नहीं था, कोई यहां आने का नहीं सोचता, वैसे समय भी भारतीयों ने इस जमीन पर आने को तरजीह दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘भारत में भी कई अवसर हैं। भारत व्यापार समुदाय को हर संभव सहायता देने को तैयार है जो भारत में विकास करना चाहते हैं। मैं उन्हें आमंत्रित करता हूं। ’’उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां बुनियादी ढांचा, ग्रामीण विकास तथा आर्थिक गतिविधियों में सहयोग कर सकती हैं, लघु उद्यागों का नेटवर्क, कारपोरेट लीडरशिप नेटवर्क बना सकते हैं तथा वैश्विक बाजार में तलाश सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय सौर संघ के जरिये हम न केवल जलवायु परिवर्तन के मुद्दे का समाधान कर रहे हैं बल्कि मानव के लिये ऊर्जा कितना उपयोगी है, इसका एक बड़ा अभियान भी चला रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि रवांडा के विकास में विभिन्न क्षेत्रों में भारत की विशेषज्ञता का उपयोग किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रवांडा यात्रा के दौरान दोनों देशों ने रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये और आर्थिक विकास के लिये 20 करोड़ डालर की ऋण सुविधा देने की घोषणा की। अपनी दो दिवसीय यात्रा के बाद प्रधानमंत्री यूगांडा के लिये रवाना हो गये।