आज जो बात भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश और दुनिया के बाकी नेताओं से अलग करती है, वो है डिजिटल दुनिया कि तमाम आधुनिक तकनीक की उनकी समझ और उसके इस्तेमाल मे उनका खुलापन. सत्ता संभाले ढाई साल हो रहे हैं और देश इस तकनीकी के प्रयोग का इतना आदी हो चला है कि लेसकैश इकोनॉमी में बदलने में मुश्किलें भी कम ही आ रहीं हैं. ये पीएम मोदी की कोशिशों का नतीजा है कि गरीबों के खातों में सब्सिडी और दूसरी सरकारी मदद सीधे खाताधारियों के खाते में पहुचीं. अब तक 1.5लाख करोड़ रुपये सीधे 32 करोड़ लोगों को खाते में ट्रांसफर किए जा चुके हैं. देश भर में अब गरीब भी मोबाईल फोन के इस्तेमाल से भुगतान की तकनीकी जानने लगा है. गवर्नेंस में टेक्नोलॉजी का ऐसा इस्तेमाल अब से पहले शायद आजाद भारत में संभव नजर नहीं आ रहा था.
जब पूरी दुनिया की निगाहें लगीं हैं राष्ट्रपति बराक ओबामा की विदाई और डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर चर्चा करने में, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बन गए हैं दुनिया भर में सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर फॉलो किए जाने वाले राष्ट्राध्यक्ष. फेसबुक हो या फिर ट्विटर, यू ट्यूब या गूगल प्लस. पीएम मोदी को फॉलो करने वालों की संख्या अब सबसे ज्यादा हो गई है. ये एक ऐसी घटना है जो पांच साल पहले कल्पना से परे थी. लेकिन बाकी क्षेत्रों की तरह एक भारतीय ने ये सफलता भी पा ली.
पीएमओ के सूत्र बताते हैं की हर कोई जानता है कि पीएम खुद तकनीकी और संचार के आधुनिक तंत्रों के इस्तेमाल के लिए कितने तत्पर रहते हैं. पर ये बात हर कोई नही जानता कि शासन से लेकर आम आदमी खासकर युवाओं तक पहुंचने के लिए वे इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किस हद तक करते हैं.
पीएमओ के सूत्र बताते हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पीएम मोदी को फॉलो करने वालों की संख्या खासी है…
ट्वीटर-पीएम को फॉलो करने वालों की संख्या 26.5 मिलियन
फेसबुक-39.2 मिलियन
गूगल प्लस-3.2 मिलियन
लिंक्डइन-1.99 मिलियन
इंस्टाग्राम-5.8 मिलियन
यू-ट्यूब-5.91 मिलियन
अब पीएम खुद सोशल मीडिया के इस्तेमाल से जनता से लगातार जुडते जा रहे हैं. यहां तक कि गवर्नेंस भी डिजिटल होने से सरकारी कामकाज में भी तेजी आई है. जब पीएम सीधा जनता से संवाद कर रहे हों, वो भी 140 शब्दों के ट्वीट से, कैंपेन के नए-नए तरीके इजाद कर के. जिसकी देश भर में क्या? दुनिया भर में तारीफ तो होनी ही थी. पीएम मोदी के मोबाईल एप्प के 10 लाख डाउनलोड हो चुके हैं. एक बार फिर गिनती की जाए तो ये किसी भी राजनेता से कहीं ज्यादा है. बात अगर पिछली सरकारों की हो तो ये किसी से छुपा नही कि पीएम और पीएमओ के आम आदमी से संवाद सिर्फ इ-मेल या फिर खतों के माध्यम से होते थे. इन चिठ्ठियों को ट्रैक कर पाना खासा मुश्किल काम था. अब पीएमओ में एक वेबसाईट बनी ही है लोगों की शिकायतें सुनने और उन्हें दूर करने में. यहां तक की दूसरे विभागों की शिकायतों पर भी पैनी निगाह रखी जा रही है. ये सब तो तकनीकी के इस्तेमाल का ही नतीजा है.
पीएम मोदी खुद हर महीने प्रगति सत्र के माध्यम से देश भर के कलक्टरों और मुख्य सचिवों से लोगों की मुश्किलों और सिस्टम मे आ रही रुकावटों पर माथापच्ची करते हैं। एक आम नागरिक पीएम को खुद भी सलाह दे सकता है MyGov.in वेबसाईट पर. ढ़ाई साल में आलम ये है कि पोर्टल के 4 मीलियन मेंबर हैं और अब पूरी दुनिया में लोगों की भागीदारी का एक मॉडल बन कर उभरा है. अब नेता खुद पूरी तरह तकनीकी का इस्तेमाल कर आम आदमी से सीधा संवाद कायम कर रहा है तो फिर बाकी नेता और मंत्री भला पीछे कैसे रहते. हर मंत्री और नेता लगे हैं अपने नेता को फॉलो कर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से सीधा संवाद कायम करने में. प्रतिपक्ष के नेताओं ने भी अब लगता है सोशल मीडिया का महत्व समझ लिया है. इसलिए ये क्रांति ऐसी है जिसने राजनीति की दिशा और दशा बदल दी है। और इसके लिए पीएम मोदी को इतिहास में याद जरुर किया जाएगा.