अभी पांच राज्यों (उत्तर प्रदेश, गोवा, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर) में संपन्न हुए चुनाव के मतों की गिनती के आ रहे रुझानों में भाजपा पंजाब को छोड़कर जीत की ओर अग्रसर दिख रही है.
उत्तर प्रदेश में भाजपा की साख दांव पर लगी हुई थी, वहां पार्टी दमदार तरीके से पूर्ण बहुमत की ओर बढ़ती हुई दिख रही है. सुबह 10 बजे तक की गिनती में भाजपा उत्तर प्रदेश में करीब 260 पर आगे चल रही है. उत्तराखंड में भी भाजपा बहुमत की ओर बढ़ती हुई साफ़ नज़र आ रही है.
गोवा में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुक़ाबला था, जहां भाजपा लीड लेती हुई दिख रही है. पंजाब में कांग्रेस को बहुमत मिल रहा है. मणिपुर में भी बीजेपी आगे चल रही है. जाहिर है भाजपा को 2018 में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव और 2019 में लोकसभा चुनाव में इसका भरपूर फायदा मिल सकता है.
2018 में इन राज्यों में होने हैं चुनाव
केंद में भाजपा के सत्तारूढ़ होने के बाद करीब तीन सालों में हुए अबतक के विधानसभा चुनावों में अधिकांश राज्यों की जीत ने पार्टी का न केवल आत्मविश्वास बढ़ाया है, बल्कि वह जनता का विश्वास जीतने में भी सफल हुई है. पार्टी के सबसे बड़े प्रचारक और देश के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू अब भी बरकरार रहा है.
2014 में लोकसभा चुनाव के बाद हुए चार राज्यों के चुनाव, महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में जीत हासिल हुई. वर्ष 2018 में मप्र, राजस्थान, गुजरात, नगालैंड, कर्नाटक, मेघालय, हिमाचल, त्रिपुरा, मिजोरम विधानसभा के चुनाव होने हैं. 2019 में ही लोकसभा के भी चुनाव होने हैं.
मप्र, राजस्थान और गुजरात जैसे तीन बड़े राज्य में भाजपा की सरकार है. इन राज्यों में भाजपा का किला भेद पाना फिलहाल कांग्रेस या किसी दूसरी पार्टी के लिए आसान नज़र नहीं आता. आगामी चुनावों में भी भाजपा जीत दर्ज करना चाहेगी. जाहिर है कि लोकसभा चुनाव 2014 के बाद से लेकर अबतक कांग्रेस एक-दो राज्यों को छोड़ दें तो ज्यादातर चुनावों में पिछड़ती हुई नज़र आ रही है. पंजाब में अकाली दल से नाराज़गी की वजह से कांग्रेस को लाभ मिला है.
ये हैं वजहें
भाजपा के जीत का अभियान जारी रहने की वजह उसके आम आदमी के सवाल और उनकी भावनाओं को भुनाना बड़ी वजह रहा है. पीएम मोदी का विधानसभा चुनावों को बहुत गंभीरता से लेना और उसे अपनी नाक का सवाल बनाकर पूरे दम ख़म से चुनाव प्रचार में उतरना भाजपा को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभा रहा है.
मोदी अपने सभी फैसलों को जनता और देश के हित में बताते हैं और उसके लिए हर मंच का उपयोग करते रहे हैं. वे जनता को अपने फैसलों के पक्ष में कर पाने में अबतक सफल रहे हैं. बीते साल नवम्बर महीने में नोटबंदी के फैसले को भी वे अपने पक्ष में कर गए. मोदी जनता की बदहाली के लिए चुनाव वाले राज्यों की वर्तमान सरकार व मुख्यमंत्री को और केंद्र में रही कांग्रेस की सरकार के 60 साल को टारगेट करते हैं. जाहिर है उनके ये तर्क जनता के दिलों में उतर रहे हैं.
हिंदुत्व का कार्ड भी मतों के भाजपा के पक्ष में धुर्वीकरण करने में अपनी भूमिका भी निभा ही रहे हैं. कमजोर विपक्षी दलों ओर अपनी वाकपटुता का लाभ इन चुनावों से आगे 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी और पार्टी ले पायेगी, ये तो भविष्य ही बता पायेगा.