पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा- कैश लेनदेन से होता है भ्रष्टाचार, नोटबंदी का फैसला सही समय पर लिया

लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उनके भाषण ने चर्चा में जान फूंकी. लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने यह बात कही. पीएम ने बीती रात भूकंप आने का जिक्र करते हुए कहा कि आखिर भूकंप आ ही गया. धरती मां इतना क्यों रूठ गईं. इशारों में पीएम मोदी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला किया. दरअसल, राहुल गांधी ने कुछ समय पहले कहा था कि मैं बोलूंगा तो भूकंप आ जाएगा. पीएम की भूकंप वाली टिप्पणी के बाद लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया.

सर्जिकल स्ट्राइक पर लोगों का रुझान देख नेताओं ने बदले बयान
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से कई नेताओं को परेशानी हुई. किस किस तरह के बयान दिए गए. सर्जिकल स्ट्राइक पर लोगों का रुझान देखने के बाद कई नेताओं को अपने बयान बदलने पड़े.

कांग्रेस का लोकतंत्र पूरा देश जानता है
पीएम ने कटाक्ष करते हुए कहा कि -खड़गे ने कहा था कि कांग्रेस की कृपा है अब भी लोकतंत्र बचा है और आप मुझे पीएम बना पाए. कांग्रेस ने लोकतंत्र बचाया. कांग्रेस के लोग महान हैं, लेकिन उस पार्टी के लोकतंत्र को पूरा देश जानता है. पूरा लोकतंत्र एक परिवार पर भेंट कर दिया गया. 1975 की याद इस देश में ताजा है. हिन्दुस्तान को जेलखाना बना दिया गया. आपातकाल थोप दिया गया था.

उन्होंने कहा कि जनशक्ति की वजह से लोकतंत्र स्थापित हुआ और इसी ताकत से गरीब मां का बेटा प्रधानमंत्री बन सका. चंपारण शताब्दी का वर्ष है. इतिहास केवल किताबों में पड़ा रहे तो समाज को प्रेरणा नहीं मिलती. हर युग में इतिहास को जानने और जीने का प्रयास जरूरी है. हम थे या नहीं थे. 1857 का संग्राम इस देश के लोगों ने जान की बाजी लगाकर लड़ा था, सबने मिलकर लड़ा था, तब कांग्रेस बनी भी नहीं थी.

कई लोग अब राजनीति में हैं जो आजादी के बाद पैदा हुए हैं, लेकिन उन्हें देश के लिए जीने का अवसर मिला है, हम वही कर रहे हैं. देश ने अपार जनशक्ति देखी है. लाल बहादुर शास्त्री की याद आज भी देशभक्ति के लिए प्रेरणादायक है. लेकिन ज्यादातर सरकारों ने जनसामर्थ्य को पहचानना छोड़ दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि हम जनांदोलन के सहारे देश को आगे ले जाने की दिशा में काम कर रहे हैं. पहले से ज्यादा परिणाम मिलेंगे.

कांग्रेस पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पार्टी ने आजादी को सिर्फ एक परिवार की देन करार दिया है. बाकी लोगों को पार्टी ने कभी सम्मान नहीं दिया. इसमें चाहे चंद्रशेखर आजाद हो, या फिर सावरकर हों…

पीएम ने कहा कि सरकार जनशक्ति के आधार पर हर काम कर रही है. स्वच्छता का अभियान भी इसकी कड़ी है. गांधी की बात करते हुए उन्होंने कहा कि गांधी जी भी आजादी से पहले स्वच्छता की बात करते थे. इस देश में संसद ने पहले कभी स्वच्छता पर चर्चा नहीं की थी. इस सरकार के आने के बाद इस पर चर्चा की गई. कोई गंदगी नहीं चाहता है. क्या सभी लोग मिलकर गांधी जी के सपने को पूरा करने के लिए आगे नहीं बढ़ सकते हैं.

ब्रिटेन के टाइम के हिसाब से पेश होता था बजट
भारत एक कृषि प्रधान देश है. लेकिन देश में बजट की प्रक्रिया में देरी की वजह से किसान का नुकसान होता रहा है. इसलिए इस बार बजट को जल्दी पेश किया गया है. पहले ब्रिटेन के टाइम के हिसाब बजट पेश होता रहा. सालों तक यही चलता रहा. बाद में अटल जी की सरकार में समय बदला गया और भारतीय समय के हिसाब से यह किया गया.  कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि यह सब कांग्रेस के समय में समितियों की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है.

ट्रांसपोर्ट सिस्टम बदलने का प्रयास
सरकार ट्रांसपोर्ट के सिस्टम को बदलने का प्रयास कर रही है. अब रेलवे ही परिवहन का अकेला बड़ा जरिया नहीं है. 1500 ऐसी घोषणाएं पहले रेलवे बजट में हुईं, जिनका कागज पर ही देहांत हो गया. नौकरशाहों को यह सूट करता है, राजनेता खुश हो जाते हैं. लेकिन देश के लिए यह सही नहीं है. अब चीजें बदल रही हैं.

विपक्ष टीवी पर बाइट देने में बिजी था
नोटबंदी पर चर्चा के लिए सरकार तैयार है. लेकिन विपक्ष टीवी पर लोगों की कतार देखकर चर्चा को टालता रहा. टीवी पर बाइट जरूर देते रहे. पीएम मोदी ने कहा कि जो बारिकी से अध्ययन करते हैं, उन्हें देखना चाहिए 2014 मई के पहले का वक्त देखिए, कहां किस भ्रष्टाचार में कितना पैसा गया की बात होती थी. अब आवाज उठती है मोदी जी कितना लाए. यह बदलाव है. सही कदम है. नोटबंदी के बाद जाने की नहीं आने की बात होती है.

कांग्रेस को यह ज्ञान कब मिला
खड़गे जी ने संसद में कहा कि कालाधन, हीरे-सोने, प्रॉपर्टी में है. लेकिन सदन जानना चाहता है कि यह ज्ञान आपको कब प्राप्त हुआ. भ्रष्टाचार  की शुरुआत नकद से होती है. इसके बाद सोना चांदी, हीरा, प्रापर्टी है. जब पंचायत से लेकर हर जगह कांग्रेस का राज था. तब बेनामी संपत्ति का कानून बना. लेकिन क्या कारण है 26 साल तक उस कानून को नोटिफाई नहीं किया गया. अगर उस समय किया गया होता देश जल्दी साफ होता. वे कौन लोग थे जिन्होंने कानून दबाया. वे किस परिवार के लोग थे. जो ज्ञान आज कांग्रेस को हुआ है वह पहले क्यों चुप थी. नोटबंदी के माध्यम से इस सरकार ने कदम उठाया है.

गरीबों का हक लौटाना पड़ेगा
पीएम मोदी ने कहा, आप कितने ही बड़े क्यों न हों, गरीब का हक लौटाना पड़ेगा. गरीबों के लिए लड़ाई लड़ी जा रही है और लड़ाई जारी रहेगी. इस देश में प्राकृतिक संपदा की कमी नहीं थी, लेकिन ऐसा वर्ग पनपा जिसने लोगों का हक लूटा. इसलिए देश ऊंचाइयों तक नहीं पहुंचा.

कांग्रेस पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आपकी सरकार के दौरान भी सुझाव आए. इंदिरा गांधी के समय में शंकरराव चव्हाण उनके पास यह सुझाव लेकर गए थे, लेकिन इंदिरा गांधी ने चुनाव का जिक्र कर मामला शांत कर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दलों के लोगों के दिल चारबाग ही रह गए हैं. जब तक जियो मौज करो. चिंता किस बात की. कर्ज करो और घी पियो. आम आदमी पार्टी सांसद भगवंत मान पर चुटकी लेते हुए कहा कि ये होते तो कुछ और पीने को कहते.

दिवाली के समय नोटबंदी का फैसला एकदम सही
कुछ लोगों का कहना है कि जब अर्थव्यवस्था इतनी अच्छी चल रही थी तो ऐसे समय नोटबंदी क्यों लागू की. जरूरी यह था कि देश की अर्थव्यवस्था इतनी फिट थी कि उसी समय यह करना उचित था. हमारे देश में सालभर में जितना व्यापार होता है उसका आधा दिवाली के समय ही हो जाता है. यह सही समय था नोटबंदी के लिए. उन्होंने कहा कि जो सरकार ने सोचा था लगभग उसी हिसाब से सब चीजें चलीं.

नोटबंदी के बाद सारी चीजें रिकॉर्ड पर
पहले आयकर विभाग की मनमर्जी से छापा मारते थे. नोटबंदी के बाद सारी चीजें रिकॉर्ड पर हैं. कहां से आया, किसने लाया. अब आयकर विभाग को कहीं जाना नहीं है. एसएमएस के जरिए पूछ रहे हैं. मुख्य धारा में लोगों को आने का अवसर मिल गया है. क्लीन इंडिया अभियान में यहां से काम हो रहा है. बेनामी संपत्ति का कानून पास किया गया है. कानून को समझ लें. जिनके पास भी बेनामी संपत्ति है वह सलाह ले लें. कानून कितना कठोर है समझ लें.

उन्होंने कहा-जिस दिन सरकार बनी उसी दिन कालेधन पर एसआईटी बनाई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई थी. 24 मार्च 2014 को कोर्ट ने कहा था कि किसी भी सरकार ने विदेशों में पड़े कालाधन कार्रवाई के लिए कुछ नहीं किया. तीन साल से आदेश पारित है लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया.

विदेशों में कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए उठाए कदम
पीएम मोदी ने कहा कि अब कई देशों से ऐसे समझौते किए गए जिसमें कोई भारतीय अगर वहां पैसा रखता है तो इसकी जानकारी भारत सरकार को देनी होगी. पीएम मोदी ने कहा कि देश में भी कई कालेधन पर लगाम के लिए काम किए गए. सोना खरीदारी में पैन, प्रॉपर्टी खरीदी पर कैश पर रोक, महंगी कारों की खरीदी पर टैक्स आदि कई काम किए. 1100 से ज्यादा कानून खत्म किए गए.

आपने मनरेगा में 1035 बार नियम क्यों बदले थे
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकार ने नरेगा योजना का नाम बदलकर मनरेगा कर दिया. इस योजना में 1035 बार नियम बदले गए. उन्होंने पूछा कि क्या कारण था मनरेगा जो इतने सालों से चल रहा था, उसके नियमों में इतना बदलाव किया गया. एक्ट काफी पहले ही पास हो गया था. नोटबंदी पर बदलते नियम पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के लोगों की समस्या को देखते हुए नियम बदले गए.

काका हाथरसी का उदाहरण दिया
काका हाथरसी के शब्दों में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि ‘अंतरपट में खोजिए छिपा हुआ है खोट, मिल जाएगी आपको बिल्कुल सत्य रिपोर्ट’. उन्होंने कहा कि सरकार नियमों से चलती है जो नियम पहले से थे उसी नियम पर यह सरकार भी चल रही है. नीयत में खोट होगी तो नियति निगेटिव हो जाती है.

मैं आपके मैदान में खेलना पसंद करूंगा
वर्तमान सरकार की योजनाओं को यूपीए की योजना बताए जाने पर पीएम ने कहा कि आपके मैदान पर खेलना पसंद करूंगा. नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क 2011-14 में सिर्फ 59 गांवों में यह काम हुआ. उसमें कनेक्टिविटी नहीं थी. हमने कार्यसंस्कृति बदली. सब राज्यों को साथ में लिया. लास्ट माइल कनेक्टिविटी तय की. प्रोक्योरमेंट डिसेंट्रालाइज किया. परिणाम यह था कि अब तक 76000 गांवों में यह नेटवर्क पूरा हो गया. दूसरा, कैशलेस सोसाइटी की बात पर पीएम मोदी ने कहा कि 2007 के बाद कांग्रेस के नेता कहते हैं राजीव गांधी कंप्यूटर लाए. ये मोबाइल लाए. इसे आगे बढ़ाने में बुराई क्या है. अगर सभी के पास मोबाइल नहीं है, केवल 40 प्रतिशत लोगों के पास है तो यहां शुरुआत की जा सकती है. कम से कम शुरुआत तो हो रही है.

कैशलेस सोसाइटी से देश का भला होगा
एक एटीएम के पैसे को संभालने के लिए पांच पुलिसवाले लगते हैं. कैशलेस सोसाइटी से देश का भला होगा. पिछली सरकार में पीएम सड़क योजना  67 किलोमीटर प्रतिदिन बनती थी. स्पेस टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं. अब 111 किलोमीटर प्रतिदिन बन रही है. रेलवे में ड्रोन का प्रयोग हो रहा है. पहले हर साल 10 लाख 83 हजार घर बनते थे. अब 22 लाख 27 हजार घर बनते हैं.

बिजली संकट खत्म किया
सारे राज्य बिजली संकट से परेशान थे. पिछले दो साल बिजली उत्पादन बढ़ाया गया. कन्वेंशनल एनर्जी को जोड़ा गया. ट्रांसमिशन लाइनें बढ़ाई गईं. 2014 से पहले उत्पादन 2700 मेगावाट था. अब 9000 से ज्यादा उत्पादन हो रहा है. एलईडी बल्ब को प्रोत्साहन दिया. 21 करोड़ एलईडी बल्ब लगाए गए हैं. परिवारों का बिजली का बिल कम हुआ है. इससे 11000 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं की बचत हुई है.

अनुसूचित जाति के लिए बजट बढ़ाया
खड़गे को फिर निशाने पर लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2012-13 और 2013-14 में यूपीए सरकार अनुसूचित जाति के बजट में कमी रखी थी जिसे इस साल के बजट में काफी बढ़ाया गया.

गरीबों का 50 हजार करोड़ बिचौलिए खा रहे थे
करीब 50000 करोड़ रुपये जो गरीबों के हक का था जिसे बिचौलिये खा रहे थे, उसे रोका गया है. पीएम मोदी ने कहा कि गैस सब्सिडी छोड़ने के बाद 26 हजार करोड़ रुपये देश के बचे, जिससे गरीब परिवार को दिया गया. फर्जी राशन कार्ड रोकने के लिए आधार कार्ड का प्रयोग किया गया. करीब 4 करोड़ फर्जी राशन कार्ड पकड़े गए. इससे 14000 करोड़ रुपये बिचौलियों से बचाए गए. मनरेगा में आधार से भुगतान हो रहा है. 94 प्रतिशत कामयाबी मिली है. 7633 करोड़ रुपये को लीकेज रोका गया है. जो हर साल बचेगा. एनएसएपी के तहत 400 करोड़ रुपये बचा गया है. पैसे जाते रहे लेकिन लेनदार नहीं मिल रहे हैं. बेटियों के नाम पर पैसे बांटे गए जो पैदा भी नहीं हुईं. करीब 50000 करोड़ रुपये जो गरीबों के हक का था जिसे बिचौलिये खा रहे थे उसे रोका गया है.

अब यूरिया के लाठीचार्ज नहीं होता
पीएम मोदी ने कहा कि अब यूरिया के लिए लाठीचार्ज नहीं होता. पहले के अखबार देख लीजिए. अब लाइन भी नहीं लगती है. दो साल किसी सीएम ने चिट्ठी नहीं लिखी. यूरिया की नीम कोटिंग करके उसकी चोरी रोकी. इसकी नीम कोटिंग करके अध्ययन भी कराया. किसानों को फायदा हुआ.

चुनावों में सुरक्षा और कर्मचारियों का काफी प्रयोग
चुनाव के समय सुरक्षा और कर्मचारियों को प्रयोग काफी होता है. हमें इस दिशा में काम करना चाहिए. कोई हल निकालना चाहिए. क्योंकि चुनाव के समय सबसे ज्यादा शिक्षकों का प्रयोग होता है. इससे शिक्षा का सबसे ज्यादा नुकसान होता है. इस दिशा में काम करने की जरूरत है.

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By admin , February 8, 2017

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