प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे से मुलाकात करने के बाद प्रिंस चार्ल्स से मुलाकात की। प्रिंस चार्ल्स से मुलाकात करने के साथ ही पीएम मोदी उनके साथ विज्ञान प्रदर्शनी भी देखने गए। इसके अलावा मोदी भगवान बसेश्वर के मंदिर भी गए और यहां पर उन्होंने उनकी मूर्ति पर माल्यापर्ण भी किया। प्रधानमंत्री मोदी आज क्वीन एलिजाबेथ से मुलाकात करने के लिए बकिंघम पैलेस भी जाएंगे। इसके अलावा सेंट्रल हॉल में वह ‘भारत की बात सबके साथ,’ नामक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
PM @narendramodi welcomed by HRH Prince Charles at the Science Museum in London. PM and Prince Charles @ClarenceHouse visited the Exhibition on 5000 years of Science and Technology in India. pic.twitter.com/xLy7sVHcnq
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) April 18, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह उनके लिए काफी खुशी की बात है कि भगवान बसवेश्वर की जन्मतिथि के मौके पर उन्हें यहां पर लोगों से बातचीत करने का मौका मिल रहा है। भगवान बसेश्वर 12वीं सदी के लिंगायत समुदाय के दार्शनिक थे। इस मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में किया था जब वह प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार ब्रिटेन के दौरे पर गए थे। उनका पुतला एल्बर्ट एमबैंकमेंट गार्डन में लगा है। इसके अलावा आज पीएम नरेंद्र मोदी सेंट्रल हॉल में ‘भारत की बात, सबके साथ’ नामक कार्यक्रम में करीब 2000 लोगों से मुखातिब होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बकिंघम पैलेस में क्वीन एलिजाबेथ से मुलाकात करने के अलावा वह कॉमनवेल्थ समिट में भी शामिल होंगे।
It is an honour to pay homage to Bhagwan Basaveshwara during my UK visit. The ideals of Bhagwan Basaveshwara motivate people across the entire world. pic.twitter.com/Ul6KGoX6tj
— Narendra Modi (@narendramodi) April 18, 2018
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉमनवेल्थ देशों के अकेले ऐसे राष्ट्राध्यक्ष हैं जिन्हें कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गर्वनमेंट मीटिंग (सीएचओजीएम) से पहले क्वीन एलिजाबेथ से मुलाकात की पेशकश की गई है। पीएम नरेंद्र मोदी को की गई इस पेशकश को अधिकारी एक ‘असाधारण स्वागत’ के तौर पर देख रहे हैं। थेरेसा मे और मोदी की मुलाकात के दौरान आतंकवाद, वीजा, अप्रवासन समेत कई और मुद्दों पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात के दौरान गैर-कानूनी तरीके से बसे लोगों की वापसी के लिए एक एमओयू साइन। यह एमओयू साल 2014 में खत्म हो चुका है। अब इसे बायोमैट्रिक के जरिए रिन्यू किया जाएगा।