प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनसीसी की रैली को संबोधित करते हुए कहा कि एनसीसी कैडेट्स को करीब एक महीना अनेक नए मित्रों के साथ मिलने का मौका मिलता है। हर कोई अपने-अपने साथ अपनी विवधिताओं को लेकर आता है। महीने भर में ऐसा माहौल बन जाता है कि आप सबके बीच अटूट सा नाता बन जाता है। जब आप दूसरे राज्यों के कैडेट्स से मिलते होंगे तो आपको विविधता को जानने का मौका मिलता है। यहां आकर आपको देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिलती है। यहां आकर जो आप सीखते हैं वह जिंदगी भर आपके साथ रहता है।
उन्होंने कहा कि लोगों को लगाता था कि अमीर लोगों को कुछ नहीं हो सकता है. लेकिन आज चीजें बदल चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आज भ्रष्टाचार करने वाले मुख्यमंत्री जेल में हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और ब्लैक मनी के खिलाफ लड़ाई बंद नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह युवा भारत की लड़ाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह लड़ाई रुकने वाली नहीं है। भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ लड़ाई देश के नौजवानों के भविष्य के लिए है। भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ लड़ाई नहीं रुकेगी। उन्होंने कहा कि वह देश के नौजवानों, एनसीसी कैडेटों से कुछ मांगना चाहते हैं और उन्हें उम्मीद है कि वे उन्हें निराश नहीं करेंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं आपसे वोट देने और राजनीतिक प्रगति के लिए नहीं भारत को इस भ्रष्टाचार रूपक दीमक से मुक्ति दिलाने के लिए मदद मांग रहा हूं। आपको लगता होगा कि हम ज्यादा से ज्यादा किसी से कुछ लेंगे नहीं या फिर देंगे नहीं। इससे कुछ होगा नहीं। आपको साल में 100 नए परिवार को इसके लिए जोड़ना होगा। इतना ही नहीं आप जब कुछ खरीदने जाएं तो वहां कैश से पेमेंट नहीं करें। हम मोबाइल वाले हो गए हैं और भीम एप से पेमेंट करें। इतना ही नहीं जहां जाएंगे वहां भी लोगों और दुकानदारों से इसका उपयोग करने को कहें। इससे हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत की तरफ कदम उठा पाएंगे। कैडेट्स मिशन मोड में इस मिशन को उठा लें। उन्होंने कहा कि एनसीसी 70 साल की हो गई है और इससे सेंस ऑफ मिशन मिलता है। हमारा युवा आज भ्रष्टाचार को सहने के लिए तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम अपने भीतर विशाल भारत को संजोने लगते हैं। भारत के लिए कुछ करने का जज्बा कैसे पैदा हो जाता है पता भी नहीं चलता है। इससे पहले पीएम मोदी ने एनसीसी निदेशालयों की टुकडियों को सलमी ली और सलामी गारद का निरीक्षण किया। इस कार्यक्रम में रक्षामंत्री, सेना, वायुसेना और नौसेना के अध्यक्ष भी मौजूद थे।