प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को प्रौद्योगिकी विकास से रोजगार घटने की आशंका को दरकिनार करते हुए कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति से रोजगार की प्रकृति बदल जाएगी और इससे रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के ‘सेंटर फोर दी फोर्थ इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन’ की शुरुआत के मौके पर कहा कि उनकी सरकार चौथी औद्योगिक क्रांति के फायदों का लाभ उठाने के लिए नीतिगत बदलाव को तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी विविधता, हमारी जनसांख्यिकीय क्षमता, तेजी से बढ़ता बाजार का आकार और डिजिटल संरचना में देश को शोध तथा क्रियान्वयन का वैश्विक केंद्र बनाने की संभावना व्याप्त है।’’
Speaking at the inauguration of the Centre for the Fourth Industrial Revolution. https://t.co/pQPBkG5LqU
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2018
उन्होंने कहा कि पिछली औद्योगिक क्रांतियों से भारत को अलग-थलग रखा गया लेकिन चौथी औद्योगिक क्रांति में देश का योगदान शानदार रहेगा। मोदी ने कहा, ‘‘जब पहली और दूसरी औद्योगिक क्रांति हुई तब भारत आजाद नहीं था। जब तीसरी औद्योगिक क्रांति हुई तब भारत तुरंत मिली आजादी के समक्ष खड़ी चुनौतियों से जूझ रहा था।’’ उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन और बिग डेटा में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता है।
मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि दूरसंचार की पहुंच का घनत्व 93 प्रतिशत हो गया है और अब करीब 50 करोड़ भारतीयों के हाथों में मोबाइल है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सबसे अधिक मोबाइल इंटरनेट उपभोग करने वाला देश है और दरें भी सबसे कम हैं। उन्होंने कहा कि मोबाइल डेटा उपभोग पिछले चार साल में 30 गुणा बढ़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 120 करोड़ से अधिक भारतीयों के पास आधार है। उन्होंने कहा कि सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का काम जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा। 2014 में सिर्फ 59 पंचायत ऑप्टिकल फाइबर से जुड़े थे जबकि अभी एक लाख पंचायत इससे जुड़े हुए हैं।