केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजराती काव्य संग्रह ‘आंख आ धन्य छे’ का डॉ. राजलक्ष्मी श्रीनिवासन द्वारा किये गये संस्कृत अनुवाद ‘नयनम इदम धन्यम’ का विमोचन किया.
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में चिकित्सा विज्ञान संस्थान के के. एन. उड़प्पा सभागार में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि जावडेकर ने इस कठिन प्रयास के लिए संस्कृत विदूषी डॉ. राजलक्ष्मी की सराहना की और कहा कि कविता में मानवीय भावनाओं को प्रभावित करने की अतुलनीय शक्ति होती है. कविता के लिए विचारों में रचनात्मकता और गहराई जरूरी तत्व होते हैं, जो सामान्य व्यक्ति में नहीं पाये जाते.
जावडेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह काव्य संग्रह प्रकृति के वास्तविक स्वरूप को प्रस्तुत करता है. ईमानदारी, त्याग और क्षमाभाव का उनके स्वभाव में समावेश है और उन्होंने इन्हीं भावनाओं को कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया है.
जावडेकर ने बताया कि मोदी के इस काव्य संग्रह का हिन्दी, अंग्रेजी और तमिल में पहले ही अनुवाद किया जा चुका है और अब संस्कृत रूपांतरण भी आ गया. डॉ. राजलक्ष्मी ने अनुवादित पुस्तक के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी. बीएचयू के कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने समारोह की अध्यक्षता की.