स्कूल जाने में रेल की पटरी की बाधा की बाबत उन्नाव के एक छात्र का प्रधानमंत्री को भेजा गया पत्र असर कर गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की पहल पर रेलवे के अधिकारी छात्र के परिवार से मिले। अब उसके स्कूल जाने का आसान रास्ता बनाने की कवायद हो रही है।
लखनऊ-कानपुर रेलवे मार्ग के दूसरे छोर पर पडऩे वाली बस्ती के एक छात्र को स्कूल तक जाने में दुश्वारियों की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक बीते सितंबर में पत्र के माध्यम से पहुंचीं। नयन सिन्हा आवास विकास कालोनी स्थित एक स्कूल में कक्षा सात में पढ़ता है। उसे स्कूल आने-जाने में राजेपुर रेलवे क्रासिंग का करीब डेढ़ किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है, जबकि मोहल्ले में गली के सामने ही रेलवे ट्रैक पार कर पांच मिनट में ही स्कूल पहुंचा जा सकता है।
छात्र ने मोहल्ले के पास रेलवे ट्रैक समतल न होने से स्कूल जाने में हो रही परेशानी बताते हुए बीते सितंबर में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा था। नयन ने स्कूल में आने-जाने में हो रही परेशानी और हादसे की आशंका से परेशान होकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर समस्या बताई। पीएमओ कार्यालय ने छात्र की समस्या पर ध्यान दिया और रेल मंत्रालय को समस्या समाधान के निर्देश दिए। नयन सिन्हा के घर पत्र पहुंचा तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। डिवीजनल इंजीनियर रंजीत कुमार ने बताया कि उन्नाव-लखनऊ रेलमार्ग पर मनोहर नगर के सामने रेलवे ट्रैक के दोनों ओर मिट्टी डालकर इंटरलॉक ब्रिक बिछाकर रास्ता समतल करने का काम जल्द ही कराया जाएगा। रेल प्रशासन केवल छात्र और उसके अभिभावक से ही नहीं मिला, उसकी मांग के अनुरूप रेलवे पटरी पार करने के लिए उसका सर्वे भी कराने के लिए पहुंच गया।