प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीब महिलाओं को धूएं भरी रसोई से निजात दिलाने के लिए चलायी गई ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ ने एक नया मुकाम हासिल कर लिया है। सरकार ने इस योजना के तहत पांच करोड़ परिवारों को मुफ्त रसोई गैस उपलब्ध कराने का लक्ष्य आठ महीने पहले ही पूरा कर लिया है। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन आज शाम (शुक्रवार) इस स्कीम के पांच करोड़वें ग्राहक को संसद भवन परिसर में कनेक्शन सौंपेंगी। सरकार ने मार्च 2019 तक पांच करोड़ लोगों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देने का ऐलान किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया से इस स्कीम की शुरुआत की थी। इसके तहत गरीब महिलाओं को एक रसोई गैस सिलेंडर, चूल्हा और रेगुलेटर बिना किसी दाम के उपलब्ध कराया जाता है। सरकार ने प्रत्येक ग्राहक के लिए 1600 रुपये का प्रावधान इस स्कीम के तहत किया है। सरकार ने इसके लिए 8000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। देश के 715 जिलों में चलायी गई इस स्कीम का लक्ष्य सरकार ने केवल 28 महीने में प्राप्त कर लिया है। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले ही कहा था कि सरकार इस लक्ष्य को समय से बहुत पहले प्राप्त कर लेगी।
इस स्कीम के तहत प्रत्येक ग्राहक को बिना दाम पर गैस कनेक्शन दिया जाता है और इसकी भरपाई ब्याज मुक्त लोन के जरिए की जाती है। लेकिन ग्राहक को इसके लिए कोई भुगतान नहीं करना होता है। सरकार इसकी भरपाई ग्राहक को दिये जाने वाले सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी से करती है। अप्रैल में ही सरकार ने इस मामले में एलपीजी ग्राहकों को राहत देते हुए छह सिलेंडर रिफिल होने तक इस लोन की किस्त नहीं काटने का फैसला किया है। यानी छह महीने तक ग्राहकों को पूरी सब्सिडी पर सिलेंडर उपलब्ध होगा। इससे इन ग्राहकों को करीब 250-300 करोड़ रुपये की बचत होगी।
सरकार की इस स्कीम ने गरीब महिलाओं के लिए कई अवसर प्रदान किये हैं। खाना बनाने के लिए ईंधन जुटाने से लेकर पकाने में लगने वाले समय की बचत होने से अधिकांश महिलाएं घर पर ही छोटा मोटा काम करने लगी हैं। इससे उनके परिवार की आर्थिक स्थितियों में भी सुधार हो रहा है।