मोदी सरकार ने नौकरीपेशा लोगों के लिए अहम योजना शुरू की है। नौकरी गंवा देने की स्थिति में भी व्यक्ति को आर्थिक मदद मिलेगी। यह मदद दूसरी नौकरी या रोजगार की तलाश के दौरान मिलेगा। सरकार बैंक खाते में राहत राशि भेजेगी। इसका लाभ कर्मचारी राज्य बीमा निगम( (ईएसआईसी) सुविधा वाले कर्मचारियों को ही मिलेगी। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने बुधवार को इस नई योजना को मंजूरी दी, जिसके तहत बीमित व्यक्तियों के बेरोजगार होने पर नकद राहत मिलेगी। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत बीमित व्यक्ति को नौकरी जाने की स्थिति में और नये रोजगार की तलाश के दौरान सीधे बैंक खाते में राहत राशि भेजी जाएगी।
दरअसल कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) निगम की बुधवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवाल की अध्यक्षता में 175वीं बैठक हुई। जिसमें बीमित व्यक्तियों एवं उनके आश्रितों को उपलब्घ कराई जाने वाली अपनी सेवाओं तथा लाभों में बेहतरी की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। पीआइबी से जारी सूचना के मुताबिक ईएसआई निगम ने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के तहत कवर किये जाने वाले बीमित व्यक्तियों के लिए ‘अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना’ नामक इस योजना को मंजूरी दी। यह योजना बेरोजगारी एवं नई नौकरी की खोज की स्थिति में उनके बैंक खाते में सीधे भुगतान किये जाने वाले नकदी के रूप में मिलने वाली राहत है।
ईएसआई निगम ने सुपर स्पेशियलिटी उपचार का लाभ उठाने के लिए रियायत देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है, जिसमें पहले के दो वर्षों के बीमा योग्य रोजगार अवधि को घटाकर छह महीने कर दिया गया है और इसमें केवल 78 दिनों के अंशदान की आवश्यकता होगी। इसके अलावा बीमित व्यक्तियों के परिवार के लिए सुपर स्पेशियलिटी उपचार का लाभ उठाने की शर्तों में छूट देकर अब इसे एक वर्ष के बीमा योग्य रोजगार तक घटा दिया गया है, जिसमें 156 दिनों का अंशदान होगा। इतना ही नहीं ईएसआई निगम ने बीमित व्यक्तियों की मृत्यु पर भुगतान किए जाने वाले अंत्येष्टि खर्च में बढ़ोतरी कर इसे वर्तमान 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।